कुल्लूः देश के विभिन्न राज्यों में बढ़ रहे कोरोना के मामलों के चलते जिला कुल्लू का पर्यटन एक बार फिर से प्रभावित हुआ है तो वहीं, कोरोना के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए जिला कुल्लू के होटल व्यवसायियों ने भी अपने होटलों को बंद करने की तैयारी करनी शुरू कर दी है. होटलों में तैनात स्टॉफ को भी अपने-अपने घरों की ओर भेजा जा रहा है.
कुल्लू मनाली का पर्यटन कारोबार चौपट
कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए कुल्लू मनाली में कारोबारियों ने होटल बंद करने की तैयारी कर ली है. अन्य राज्यों में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों से कुल्लू मनाली का पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है.
पिछले साल से हालात विपरीत
समर सीजन शुरू होने से पहले ही होटल संचालकों ने आधे से अधिक कर्मचारियों को घर भेज दिया है. हालांकि, इन दिनों मनाली के होटल व्यवसायी होटलों के नवीकरण, नए कर्मचारियों की भर्ती और एडवांस बुकिग में व्यस्त रहते थे. सभी होटल मई और जून में पूरी तरह से पैक रहते थे. पिछले साल से हालात विपरीत हो गए हैं.
कारोबारी होटल संचालन बंद करने को मजबूर
मनाली में 3,000 से अधिक होटल, गेस्टहाउस और होमस्टे इकाइयां हैं. 75 प्रतिशत से अधिक कारोबार अप्रैल के मध्य से जुलाई के मध्य तक होता है. जानकारी देते हुए होटल कारोबारी चमन कपूर ने बताया कि खर्च को नियंत्रित करने के लिए कारोबारी होटल संचालन बंद करने के बारे में सोचने के लिए मजबूर हो गए हैं. आधे कर्मचारियों को घर भेजना पड़ा है, जबकि अगले 10 दिन भी हालत नहीं सुधरे तो होटल बंद करने के बारे में सोचना पड़ेगा.
बैंक का ऋण चुकाने में दिक्कत
इसके अलावा होटल व्यवसायी नवनीत ने कहा कि वह एक सीमित कर्मचारियों के साथ ही काम कर रहे हैं और अधिकांश कर्मचारियों को घर भेज दिया है. कुछ दिन में होटल बंद करने की सोच रहे हैं. होटल खुला रखने से अनावश्यक खर्च बिजली का शुल्क, कर्मचारियों का वेतन और अन्य चालू बिल देना पड़ रहा है. बैंक का ऋण चुकाया नहीं जा रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है.
लॉकडाउन ने पर्यटन पर निर्भर होटलियर्स को बुरी तरह किया प्रभावित
होटल व्यवसायी अभिनव का कहना था कि पिछले साल पीक सीजन के दौरान लॉकडाउन ने पर्यटन पर निर्भर होटलियर्स और अन्य लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया था. इस बार भी हालात पहले जैसे हो रहे हैं.
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