कुल्लूः जिला में हुई बर्फबारी से जनजीवन अभी भी बेहाल है. एक ओर भारी बर्फबारी से बिजली और पेयजल आपूर्ति बाधित है, तो दूसरी तरफ पिछले लगभग एक सप्ताह से शैंशर-देहुरिधार तथा गाड़ापारली की करीब 2300की आबादी को यातायात सुविधा देने वाली न्यूली-शैंशर-तल्याहरा सड़क बंद है.
बर्फबारी के बाद मौसम खुले हुए तीन दिन हो गए, लेकिन प्रशासन है कि जागता ही नहीं. हालांकि प्रशासन की ओर से सड़क बहाली की लगातार बात की जा रही है. जमीनी तौर पर यह सारी तैयारियां सिर्फ हवा में दिखती हैं.
इस बात का प्रमाण 6 और 7 जनवरी को हुई बर्फबारी से दिखता है. मात्र डेढ़ दिनों की बर्फबारी ने पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए. ऐसे में आम जनता सिर्फ भगवान के भरोसे बैठी है. एक ओर जहां लोक निर्माण विभाग घाटी की दर्जनों बन्द पड़ी सड़कों को कछुआ चाल से खोल रही है.
वहीं, घाटी को परियोजना नगरी में तब्दील करने वाली कंपनियां मूक दर्शक बनी हैं. बता दें कि सौ मेगावॉट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली सैंज जल विद्युत परियोजना का निर्माण करने वाली हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉपोरेशन लिमिटिड (एचपीपीसीएल) ने सामुदायिक सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत न्यूली-शैंशर-तल्याहरा का निर्माण तो किया, लेकिन कंपनी ने न तो इस सड़क को पक्का किया और न ही बर्फबारी से बंद होने पर सड़क की बहाली के लिए आगे आई.
हालांकि लोगों की मांग पर यह सड़क लोकनिर्माण विभाग के अधीन लाई जा रही है, लेकिन यह प्रक्रिया भी अभी पूरी नहीं हुई है. वहीं, लोकनिर्माण विभाग के एसडीओ डीसी चंदेल ने बताया कि यह सड़क विभाग के पास अभी नहीं है. लोगों की समस्याओं को देखते हुए जल्द इस सड़क को बहाल करने के लिए कार्य शुरू किया जाएगा.
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