कुल्लूः जिला कुल्लू में जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में भी लगातार बदलाव हो रहे है. जिस कारण कई सब्जियों और फसलों में भी बदलाव हो रहा है. ऐसे में किसानों को भी कृषि के क्षेत्र में बदलाव की जरूरत है.
35 वीं वैज्ञानिक-सलाहकार समिति की बैठक
इसी मुद्दे को लेकर जिला कुल्लू के मौहल में कृषि विज्ञान केंद्र कुल्लू की 35वीं वैज्ञानिक-सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. हरिंद्र कुमार चौधरी ने विशेष तौर से भाग लिया व इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
कृषि विज्ञान केंद्र एक साल की गतिविधियों पर चर्चा
कार्यक्रम के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र की पिछले एक साल में की गई गतिविधियों पर चर्चा के साथ आगामी रणनीति बनाई गई. कार्यक्रम के दौरान जिला भर के विभिन्न कृषि संगठनों के प्रतिनिधियों, प्रगतिशील किसानों-बागवानों, पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने भाग लिया.
प्रदर्शनी का किया अवलोकन
कृषि विज्ञान केंद्र बजौरा व मौहल पंचायत की ओर से मुख्यातिथि का स्वागत किया गया तो उन्होंने कृषि संगठनों के प्रतिनिधियों व संस्थाओं की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का भी आवलोकन किया.
कृषि-बागवानी तकनीकों अपनाने का आग्रह
डॉ. एच के चौधरी ने इस दौरान किसानों-बागवानों को विश्वविद्यालय की ओर से की जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी तो साथ ही किसानों-बागवानों को उन्नत कृषि-बागवानी तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया.
कृषि के बेहतरीन तरीकों के बारे में करें जागरूक
इसके अलावा कुलपति हरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि अब वैज्ञानिक भी किसानों के साथ बैठकर कृषि के क्षेत्र में हो रहे बदलाव के बारे में चर्चा कर रहे हैं. ताकि जलवायु परिवर्तन के कारण पेश आ रही समस्याओं को आपस में सांझा किया जा सके. कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी लगातार किसानों को कृषि के बेहतरीन तरीकों के बारे में जागरूक कर रहे हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र कुल्लू के प्रभारी डॉ. केसी शर्मा ने इस दौरान कुल्लू में केवीके की ओर से जा रही गतिविधियों पर प्रकाश डाला. इस दौरान क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र बजौरा सहित कृषि, बागवानी व पशुपालन विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी भाग लिया.
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