कुल्लूः जिला में सैलानियों के सैर सपाटे के लिए विख्यात कुल्लू घाटी में पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए होटलों और होमस्टे के ताले खुलने लगे हैं. कोरोना संकटकाल के बीच सैलानियों को आकर्षित करने के लिए होटल एसोसिएशन मणिकर्ण वैली ने 50 प्रतिशत तक छूट देने का निर्णय लिया है.
जिभी और तीर्थन घाटी के बाद अब विदेशी सैलानियों की पहली पसंद मणिकर्ण घाटी के 300 होटल और होमस्टे भी 15 सितंबर से सैलानियों के लिए खुल जाएंगे. कई होटलों में काम करने वाले कर्मचारी घाटी पहुंच गए हैं. 6 माह से बंद होटलों के तालों को खोलने के लिए होटल मालिको और होमस्टे संचालकों ने तैयारियां शुरू कर दी है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष किशन ठाकुर ने केंद्र सरकार की ओर से पर्यटन कारोबारियों के लिए सस्ते ब्याज पर ऋण देने की स्कीम उन होटलियरों पर भी लागू करने की मांग की है, जिन्होंने पहले भी बैंकों से ऋण लिया है. इसके अलावा विदेशी पर्यटकों से चहल पहल वाले कसोल में बैंक खोलने की मांग की है. साथ ही सरकार से प्रदेश के बॉर्डर को सैलानियों के लिए खोलने और बिना पास एंट्री की मांग उठाई है.
अध्यक्ष किशन ठाकुर ने कहा कि कुल्लू-मनाली और मणिकर्ण घाटी से दिल्ली, शिमला, चंडीगढ़, देहरादून आदि बाहरी राज्यों के लिए एचआरटीसी, वॉल्वो और पर्यटन निगम की डीलक्स बसों को चलाना ज्यादा जरूरी है, तभी सैलानी घूमने के लिए आएंगे. बता दें कि 15 सितंबर से मणिकर्ण घाटी के सभी होटल, रिजॉर्ट और होमस्टे को पर्यटन गतिविधियों के लिए खोला जाएगा.
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