कुल्लू: जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी का मलाणा गांव जहां अपने प्राचीन लोकतंत्र के लिए प्रसिद्ध (Malana village fire affected people) है. तो वहीं देश दुनिया के पर्यटक भी यहां की खूबसूरती को देखने के लिए मलाणा गांव पहुंचते हैं, लेकिन बीते साल नवंबर, 2021 में मलाणा गांव अग्निकांड की चपेट में आ गया. यहां पर अग्निकांड के कारण 65 परिवार बेघर हो गए और 9 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. अब एक बार फिर स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने सरकार से मांग रखी है कि उनके भवन निर्माण के लिए जो जीएसटी लिया जाता है उसे ग्रामीणों के हित को देखते हुए माफ किया जाए.
मणिकर्ण घाटी का प्रसिद्ध मलाणा गांव नवंबर में अग्निकांड के चपेट में आ गया था. जिससे यहां दर्जनों परिवार बेघर हुए और उन्हें खुले आसमान के नीचे अपनी रातें गुजारनी पड़ी. वहीं लोगों का दुख दर्द बांटने के लिए पहली बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मलाणा गांव (Malana fire affected people demand) पहुंचे थे. सरकार की ओर से भी भवन निर्माण के लिए मलाणा के लोगों का काफी सहयोग किया गया और अब सब लोगों के प्रयासों के चलते अब एक बार फिर से मलाणा के लोग भवन निर्माण में जुट गए हैं.
लेकिन गांव तक सड़क ना होने के चलते उन्हें भवन निर्माण सामग्री लाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि सीमेंट की एक बोरी पर उन्हें डेढ़ सौ अतिरिक्त खर्च करने पड़ (Malana Village of Manikaran Valle) रहा है. जिससे भवन निर्माण सामग्री की लागत भी दोगुनी हो रही है. ऐसे में ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि प्रभावित परिवारों के भवन निर्माण में जो सामग्री का प्रयोग हो रहा है उस पर जीएसटी ना ली जाए.
मलाणा पंचायत के प्रधान राजूराम का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रयासों से अब एक बार फिर से मलाणा गांव बसना शुरू हो गया है. यहां पर या तो खच्चर के माध्यम से निर्माण सामग्री लाई जा रही है या फिर उन्हें तार स्पेन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. जिस पर उन्हें दोगुनी राशि खर्च करनी पड़ रही है और भवन निर्माण के लिए उनकी लागत भी दोगुनी हो रही है. अगर प्रदेश सरकार भवन निर्माण सामग्री पर जीएसटी की राशि को माफ करें. तो इससे उन्हें काफी राहत होगी और ढुलाई के दौरान भी उनके पैसे की बचत होगी.