कुल्लू: कुल्लू का सुप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय लोक नृत्य उत्सव दशहरा (International Kullu Dussehra Festival) आगामी 5 अक्तूबर से शुरू होने जा रहा है. जो एक सप्ताह तक चलेगा. दशहरा उत्सव की तैयारियों को लेकर आज कुल्लू के देवसदन में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने समस्त हितधारकों के साथ एक बैठक कर विस्तृत परिचर्चा की. गोविंद ठाकुर ने कहा कि दो साल कोरोना के चलते अंतरराष्ट्रीय लोक नृत्य उत्सव में सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन नहीं किया जा सका और न ही खेलें व अन्य बहुत सारी गतिविधियों को आयोजित किया जा सका.
इस बार बड़े पैमाने पर दशहरा उत्सव को मनाया जाएगा और अनेक नई गतिविधियों को इसमें शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उत्सव के तीसरे दिन महानाटी का आयोजन किया (Mahanati in International Kullu Dussehra) जाएगा. इसमें जिला भर से महिलाएं अपने पारंपरिक परिधानों और आभूषणों में सुसज्जित होकर जिले की संस्कृति का बखान देश-विदेशों तक करेंगी. इस आयोजन से व्यापारियों को भी लाभ होगा. अनेक प्रकार के पारंपरिक आभूषणों की खरीद महिलाएं करेंगी. उन्होंने कहा कि इस बार महानाटी में 8 हजार से अधिक महिलाओं को आमंत्रित किया जाएगा.
इसके लिए जिला पर्यटन विकास अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी व खंड विकास अधिकारियों को महिला मंडलों से संपर्क करने को कहा है. उन्होंने कहा कुल्लू की महानाटी पहले ही गिन्नीज वर्ल्ड ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है और जिले के लिए यह गौरव की बात है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि लाल चंद प्रार्थी कलाकेन्द्र का कायाकल्प किया जाएगा. इसके लिए एक वृहद योजना तैयार की गई है. उनहोंने इसका कार्य उत्सव आरंभ होने से पूर्व पूरा करने के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि उत्सव की आखिरी संध्या पूरी तरह से हिमाचली कलाकारों के लिये होगी और इसे पहाड़ी नाईट का थीम दिया गया है, इसमें मुख्य कलाकारों सहित कुल 70 कलाकार परफोर्म कर सकेंगे. बैठक में अवगत करवाया गया कि उत्सव की सांस्कृतिक संध्याओं का स्तर बहुत अच्छा हो, इसके लिए श्रेणी-तीन व चार के कलाकारों की ऑडिशन इस माह के अंत में की जाएगी और इसकी तिथियां जल्द घोषित की जाएंगी. इसके लिए समिति का पहले ही गठन किया जा चुका है. स्थापित कलाकारों को श्रेणी बी में रखा गया है और ए श्रेणी में सिने जगत के पार्श्व गायकों को रखा गया है.
बैठक में अवगत करवाया गया कि 5 अक्तूबर को पहली सांस्कृतिक संध्या का थीम सूफी गायन, दूसरी संध्या का पंजाबी संध्या, तीसरी संध्या कब्बाली कार्यक्रम, चाथी संध्या कॉमेडी व स्टार नाईट, पांचवी संध्या अमृत सहोत्सव व पुलिस बैण्ड, छटी संध्या सुपर स्टार नाईट. जबकि 11 अक्तूबर की अंतिम संध्या पहाड़ी नाईट थीम पर आधारित होंगी. सभी संध्याओं में प्रदेश के अलग-अलग जिलों के लोक सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुति देंगे. देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों से भी सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित किया गया है.
मंत्री को जानकारी दी गई कि इस बार स्मारिका भी नये स्वरूप में प्रकाशित की जा रही है. इसमें जिलाभर के स्कूली व कॉलेजों के बच्चों की प्रतियोगिताएं करवाकर सबसे अच्छे लेख व चित्रों को इसमें शामिल किया जाएगा. स्मारिका में कुल्लू तब और अब थीम पर बहुत अधिक सामग्री को सम्मिलित किया जाएगा. मंत्री ने स्मारिका समिति में गैर सरकारी सदस्यों को भी शामिल करने की बात कही. शिक्षा मंत्री ने उत्सव के दौरान देवी-देवताओं की सुविधा के लिये पेयजल, शौचालयों व किये जाने वाले अन्य प्रबंधों पर विशेष ध्यान देने के लिये संबंधित विभागों को निर्देश दिये.
सांस्कृतिक दलों व पुलिस बलों के लिये ठहरने की उचित व्यवस्था के लिये भी निर्देश दिये. गोविंद ठाकुर बैठक में कुछ अधिकारियों के नदारद रहने पर नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि दशहरा जिला का महापर्व है और प्रत्येक अधिकारी की इसे सफल बनाने में भूमिका रहती है. उपायुक्त ने स्वागत किया तथा समस्त बिंदुओं पर की गई तैयारियों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि दशहरा उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा और दर्शकों व आगन्तुकों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि देव परंपरा का यह महापर्व है और इसमें देव संस्कृति को प्रमुख स्थान दिया जाता है. उन्होंने कहा कि दशहरा उत्सव के विभिन्न आयोजनों का बखान राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा ताकि जिले का पर्यटन बढ़े और स्थानीय व्यापारियों व होटलियर्स को भी लाभ पहुंचे. अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत सरकैक ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
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