ETV Bharat / city

हिमाचल के हिस्से में एक और उपलब्धि, देश का पहला क्षय रोग मुक्त जिला बनेगा लाहौल-स्पीति

सरकार के प्रयासों से गत वर्षों में स्पीति में फैले हेपेटाइटिस बी पर काबू पाया गया है. जल्द ही जनजातीय जिला स्पीति घाटी को हेपेटाइटिस बी जैसे घातक रोग से भी मुक्त किया जाएगा.

Lahaul Spiti will become the first TB-free district of the country
author img

By

Published : Jun 22, 2019, 12:34 PM IST

कुल्लू: केलांग में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के फील्ड स्टेशन में आईसीएमआर की समीक्षा बैठक का आयोजन एसडीएम अमर नेगी की अध्यक्षता में हुआ. वहीं, बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन के पूर्व क्षेत्रीय सलाहकार डॉ. जेपी नारायण भी मौजूद रहे. बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि लाहौल स्पीति देश का पहला क्षय रोग से मुक्त जिला होगा.

अमर नेगी ने कहा कि जिला प्रशासन आईसीएमआर के तहत अनुसंधान में विज्ञान के लिए हरसंभव मदद देगा. जिला में अनुसंधान के माध्यम से संक्रामक एवं अन्य रोगों का समाधान करने के लिए भी कार्य करेंगे. इस दौरान आईएमसीआर (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्रायबल हेल्थ) द्वारा किये जा रहे अनुसंधान कार्यों की समीक्षा की गई.

बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. जेपी नारायण ने बताया कि आईसीएमआर की रिसर्च में ये बात निकल कर सामने आई है कि लाहौल स्पीति देश का पहला जिला बनने जा रहा है जो जल्द ही क्षय रोग मुक्त होगा. सरकार के प्रयासों से गत वर्षों में स्पीति में फैले हेपेटाइटिस बी पर काबू पाया गया और स्पीति घाटी भी जल्द हेपेटाइटिस बी से मुक्त होगा. आईसीएमआर लाहौल स्पीति में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए स्थापित किया गया है.

वहीं, अनुसंधान केंद्र की प्रभारी एवं वैज्ञानिक डॉ. नूपुर शांडिल ने फील्ड स्टेशन के जरिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की भी जानकारी दी. वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रजनी कांत फील्ड स्टेशन की उत्पत्ति तथा संभावनाओं के बारे में और डॉक्टर के वी शाह ने चुनोतियों व कार्य योजना की जानकारी दी.

ये भी पढ़ें: वी रामासुब्रमण्यन बने हिमाचल हाईकोर्ट के 24वें चीफ जस्टिस, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

क्षय रोग (टीबी) क्या है
क्षय रोग (ट्यूबरकुलोसिस) एक संक्रामक बिमारी है, रोगियों से संपर्क में रहने से यह बिमारी फैलाती है. क्षय रोग रोग विशेषकर फेंफडों का इनफेक्शन है. इसके अलावा जैसे मस्तिष्क, आंतें, गुर्दे, हड्डी व जोड़ इत्यादि भी इस रोग से ग्रसित होते हैं.

क्षय रोग के लक्षण
क्षय रोग के निम्नलिखित लक्षण हैं. जैसे लगातार हल्का बुखार तथा हरारत रहना. भूख न लगाना या कम लगना तथा अचानक वजन कम हो जाना. कमर की हड्डी में सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में कठिनाई तथा गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना. गर्दन में लिम्फ ग्रांथियों में सूजन, या फोड़ा होना. थकावट होना तथा रात में पसीने आना.

ये भी पढ़ें: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुल्लू हादसे पर जताया शोक

क्षय रोग की पहचान
क्षय रोग की पहचान का सबसे कारगर तरीका है बलगम की जांच करवाना. इससे रोग के जीवाणु सूक्ष्मषदर्शी द्वारा आसानी से देखे जा सकते हैं. क्षय रोग रोग के उपचार के लिये एक्स‍-रे करवाना, बलगम की जांच की अपेक्षा मंहगा तथा कम भरोसेमंद उपाय है, फिर भी कुछ रोगियों के लिये एक्स -रे व अन्य जांचों की आवश्यकता पड़ती है.

क्षय रोग से बचाव
क्षय रोग से बचाव के लिए बच्चों को जन्म के एक माह के भीतर ही बीसीजी का टीका लगवाएं. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को खांसते व छींकतें समय मुंह पर रूमाल रखना चाहिए. साथ ही, उन्हें जगह-जगह नहीं थूकना चाहिए. इस रोग का सबसे पूर्ण इलाज ही सबसे बड़ा बचाव का साधन है. यदि आप इस रोग से पीड़ित किसी शख्स से मिलने जा रहे हैं तो मुंह पर मास्क लगाए. बाहर से आने पर हाथों व पैरों को एंटीस्पेटिक साबुन से धोना न भूलें. अगर दो हफ्तों से ज्यादा खांसी रहती है, तो चिकित्सक को जरूर दिखाएं.

कुल्लू: केलांग में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के फील्ड स्टेशन में आईसीएमआर की समीक्षा बैठक का आयोजन एसडीएम अमर नेगी की अध्यक्षता में हुआ. वहीं, बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन के पूर्व क्षेत्रीय सलाहकार डॉ. जेपी नारायण भी मौजूद रहे. बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि लाहौल स्पीति देश का पहला क्षय रोग से मुक्त जिला होगा.

अमर नेगी ने कहा कि जिला प्रशासन आईसीएमआर के तहत अनुसंधान में विज्ञान के लिए हरसंभव मदद देगा. जिला में अनुसंधान के माध्यम से संक्रामक एवं अन्य रोगों का समाधान करने के लिए भी कार्य करेंगे. इस दौरान आईएमसीआर (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्रायबल हेल्थ) द्वारा किये जा रहे अनुसंधान कार्यों की समीक्षा की गई.

बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. जेपी नारायण ने बताया कि आईसीएमआर की रिसर्च में ये बात निकल कर सामने आई है कि लाहौल स्पीति देश का पहला जिला बनने जा रहा है जो जल्द ही क्षय रोग मुक्त होगा. सरकार के प्रयासों से गत वर्षों में स्पीति में फैले हेपेटाइटिस बी पर काबू पाया गया और स्पीति घाटी भी जल्द हेपेटाइटिस बी से मुक्त होगा. आईसीएमआर लाहौल स्पीति में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए स्थापित किया गया है.

वहीं, अनुसंधान केंद्र की प्रभारी एवं वैज्ञानिक डॉ. नूपुर शांडिल ने फील्ड स्टेशन के जरिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की भी जानकारी दी. वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रजनी कांत फील्ड स्टेशन की उत्पत्ति तथा संभावनाओं के बारे में और डॉक्टर के वी शाह ने चुनोतियों व कार्य योजना की जानकारी दी.

ये भी पढ़ें: वी रामासुब्रमण्यन बने हिमाचल हाईकोर्ट के 24वें चीफ जस्टिस, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

क्षय रोग (टीबी) क्या है
क्षय रोग (ट्यूबरकुलोसिस) एक संक्रामक बिमारी है, रोगियों से संपर्क में रहने से यह बिमारी फैलाती है. क्षय रोग रोग विशेषकर फेंफडों का इनफेक्शन है. इसके अलावा जैसे मस्तिष्क, आंतें, गुर्दे, हड्डी व जोड़ इत्यादि भी इस रोग से ग्रसित होते हैं.

क्षय रोग के लक्षण
क्षय रोग के निम्नलिखित लक्षण हैं. जैसे लगातार हल्का बुखार तथा हरारत रहना. भूख न लगाना या कम लगना तथा अचानक वजन कम हो जाना. कमर की हड्डी में सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में कठिनाई तथा गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना. गर्दन में लिम्फ ग्रांथियों में सूजन, या फोड़ा होना. थकावट होना तथा रात में पसीने आना.

ये भी पढ़ें: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुल्लू हादसे पर जताया शोक

क्षय रोग की पहचान
क्षय रोग की पहचान का सबसे कारगर तरीका है बलगम की जांच करवाना. इससे रोग के जीवाणु सूक्ष्मषदर्शी द्वारा आसानी से देखे जा सकते हैं. क्षय रोग रोग के उपचार के लिये एक्स‍-रे करवाना, बलगम की जांच की अपेक्षा मंहगा तथा कम भरोसेमंद उपाय है, फिर भी कुछ रोगियों के लिये एक्स -रे व अन्य जांचों की आवश्यकता पड़ती है.

क्षय रोग से बचाव
क्षय रोग से बचाव के लिए बच्चों को जन्म के एक माह के भीतर ही बीसीजी का टीका लगवाएं. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को खांसते व छींकतें समय मुंह पर रूमाल रखना चाहिए. साथ ही, उन्हें जगह-जगह नहीं थूकना चाहिए. इस रोग का सबसे पूर्ण इलाज ही सबसे बड़ा बचाव का साधन है. यदि आप इस रोग से पीड़ित किसी शख्स से मिलने जा रहे हैं तो मुंह पर मास्क लगाए. बाहर से आने पर हाथों व पैरों को एंटीस्पेटिक साबुन से धोना न भूलें. अगर दो हफ्तों से ज्यादा खांसी रहती है, तो चिकित्सक को जरूर दिखाएं.

Intro:क्षय रोग से मुक्त होने वाला देश का पहला जिला बनेगा लाहुल स्पीति
आईसीएमआर की समीक्षा बैठक में हुआ खुलासा

नोट: फोटो मेल की गई है।


Body:जिला लाहुल स्पीति के मुख्यालय केलंग में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के फील्ड स्टेशन में समीक्षा बैठक का आयोजन एसडीएम अमर नेगी द्वारा किया गया। वहीं बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन के पूर्व क्षेत्रीय सलाहकार डॉ जेपी नारायण भी मौजूद रहे। अमर नेगी ने कहा कि जिला प्रशासन आईसीएमआर के तहत अनुसंधान में विज्ञान के लिए हरसंभव देगा। वही, जिला में अनुसंधान के माध्यम से संक्रामक एवं अन्य रोगों का समाधान करने के लिए भी कार्य करेंगे। बैठक में आईएमसीआर द्वारा किये जा रहे अनुसंधान कार्यो की भी समीक्षा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए डॉ जेपी नारायण ने बताया कि अनुसंधान में खुलासा हुआ है कि लाहुल स्पीति देश का पहला जिला बनने जा रहा है जो जल्द ही क्षय रोग मुक्त होगा। सरकार के प्रयासों से गत वर्षों में स्पिति में फैले हेपेटाइटिस बी पर काबू पाया गया और स्पीति घाटी भी जल्द हेपेटाइटिस बी से मुक्त होगा। आईसीएमआर लाहुल स्पीति में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए स्थापित किया गया है।



Conclusion:वहीं अनुसंधान केंद्र की प्रभारी एवं वैज्ञानिक डॉ नूपुर शांडिल ने फील्ड स्टेशन के जरिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की भी जानकारी दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रजनी कांत फील्ड स्टेशन की उत्पत्ति तथा संभावनाओं के बारे में और डॉक्टर के वी शाह ने चुनोतियाँ व कार्य योजना की जानकारी दी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.