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स्नो फेस्टिवल में 'आइस क्लाइम्बिंग' का अभ्यास, साहसिक खेलों की तलाशी जा रही संभावनाएं

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Published : Feb 1, 2021, 10:15 AM IST

'स्नो फेस्टिवल' से घाटी में शीतकालीन साहसिक खेलों की संभावनाओं को तलाश करने के लिए घाटी के पर्यटन व्यवसायियों के प्रयास से साहसिक पर्यटन को उभारने के लिये एक पर्वतारोही विशेषज्ञ टीम 'आइस क्लाइम्बिंग की संभावनाओं को तलाशने के लिए लाहौल घाटी पहुंची है.लाहौल-स्पीति स्थानीय युवाओं ने केलांग के कमान्डर नाला में आइस क्लाइम्बिंग का किया अभ्यास

Lahaul-Spiti local youth practiced ice climbing in Commandar Nala of Keylong
फोटो.

लाहौल स्पीतिः ' स्नो- फेस्टिवल के चलते जहां पूरे लाहौल-स्पीति में अलग-अलग क्षेत्रों में कई प्रकार की गतिविधियां आयोजन की जा रही हैं. वहीं, ठोलंग व उदयपुर में छोलो खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इसी कड़ी में स्थानीय युवाओं ने केलांग के कमान्डर नाला में 'आइस क्लाइम्बिंग' का अभ्यास किया.

घाटी में विंटर टूरिज्म की संभावना बढ़ी

अटल-टनल रोहतांग के खुल जाने से लाहौल घाटी में विंटर टूरिज्म की संभावना बढ़ गयी है. घाटी में साहसिक शीतकालीन खेलों व साहसिक पर्यटन की संभावनाएं बढ़ गयी है .

आइस क्लाइम्बिंग संभावने तलाशने में लगी टीम

'स्नो फेस्टिवल' से घाटी में शीतकालीन साहसिक खेलों की संभावनाओं की तलाश करने के लिए घाटी के पर्यटन व्यवसायियों के प्रयास से साहसिक पर्यटन को उभारने के लिए एक पर्वतारोही विशेषज्ञ टीम 'आइस क्लाइम्बिंग की संभावनाओं को तलाशने के लिए लाहौल घाटी पहुंची है. साथ ही घाटी में 'आइस क्लाइम्बिंग' की जगह चिन्हित कर रहे है. साथ ही ये टीम 'आइस क्लाइम्बिंग' करके युवाओं को भी इस ओर व्यावसायिक तौर पर कार्य करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

युवाओं को मिलेगा रोजगार

विशेषज्ञ मानते है कि आइस क्लाइम्बिंग के जरिये लाहौल में ग्रामीण पर्यटन को संजीवनी मिलेगी. घाटी के भौगोलिक पृष्ठभूमि आइस क्लाइम्बिंग के साथ, आइस हॉकी, स्कीइंग, विंटर कैंपिंग के लिये माकूल है. इससे युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

गांव में पर्यटन बढ़ेगा

वहीं, पर्वतारोही भरत भूषण जो पिछले दस सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि टनल से घाटी में साहसिक पर्यटन व ट्रैकिंग की संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं. यहां अत्यधिक ठण्ड से फ्रोजन वाटर फॉल बन रहे है, जोकि इसके बहुत उपयुक्त हैं. आने वाले समय में बाहर से लोग आएंगे व गांवों में ठहरेंगे, जिससे गांव में पर्यटन बढ़ेगा और युवा भी प्रेरित होंगे.

कृत्रिम फ्रोजन वाटर फॉल

इन्स्ट्रक्टर प्रीति डांगर ने कहा कि युवा इसके लिए खुद के कृत्रिम फ्रोजन वाटर फॉल बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए आइस पार्क बनाया जा सकता है. आइस हॉकी खेली जा सकती है, स्कीईंग, सलेजिंग, विंटर कैंपिंग व एवलांच कोर्स करवाए जा सकते हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

नैनीताल से आये पर्वतारोही अनिल ने बताया कि वाटर आइस क्लाइम्बिंग में थोड़ा रिस्क है, लेकिन पहाड़ों के लोग सीख सकते हैं. थोड़ा बेसिक जानकारी हो तो आने वाले समय में इसकी संभावना बहुत बढ़ सकती है.

प्रशासन कर रहा प्रयास

इस दौरान उपायुक्त पंकज राय ने इस बारे में बताया कि स्नो फेस्टिवल के माध्यम से संस्कृति के साथ- साथ साहसिक पर्यटन के लिए ढांचा विकसित करने के लिए प्रशासन भरपूर प्रयास कर रहा है, ताकि अगले शरद ऋतु में पर्यटकों को यह सब अनुभव करने की सुविधाएं मिलें.

ये भी पढ़ेंः कालाअंब में फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों पर गिरा गर्म लोहा, 1 की मौत, 2 घायल

लाहौल स्पीतिः ' स्नो- फेस्टिवल के चलते जहां पूरे लाहौल-स्पीति में अलग-अलग क्षेत्रों में कई प्रकार की गतिविधियां आयोजन की जा रही हैं. वहीं, ठोलंग व उदयपुर में छोलो खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इसी कड़ी में स्थानीय युवाओं ने केलांग के कमान्डर नाला में 'आइस क्लाइम्बिंग' का अभ्यास किया.

घाटी में विंटर टूरिज्म की संभावना बढ़ी

अटल-टनल रोहतांग के खुल जाने से लाहौल घाटी में विंटर टूरिज्म की संभावना बढ़ गयी है. घाटी में साहसिक शीतकालीन खेलों व साहसिक पर्यटन की संभावनाएं बढ़ गयी है .

आइस क्लाइम्बिंग संभावने तलाशने में लगी टीम

'स्नो फेस्टिवल' से घाटी में शीतकालीन साहसिक खेलों की संभावनाओं की तलाश करने के लिए घाटी के पर्यटन व्यवसायियों के प्रयास से साहसिक पर्यटन को उभारने के लिए एक पर्वतारोही विशेषज्ञ टीम 'आइस क्लाइम्बिंग की संभावनाओं को तलाशने के लिए लाहौल घाटी पहुंची है. साथ ही घाटी में 'आइस क्लाइम्बिंग' की जगह चिन्हित कर रहे है. साथ ही ये टीम 'आइस क्लाइम्बिंग' करके युवाओं को भी इस ओर व्यावसायिक तौर पर कार्य करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

युवाओं को मिलेगा रोजगार

विशेषज्ञ मानते है कि आइस क्लाइम्बिंग के जरिये लाहौल में ग्रामीण पर्यटन को संजीवनी मिलेगी. घाटी के भौगोलिक पृष्ठभूमि आइस क्लाइम्बिंग के साथ, आइस हॉकी, स्कीइंग, विंटर कैंपिंग के लिये माकूल है. इससे युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

गांव में पर्यटन बढ़ेगा

वहीं, पर्वतारोही भरत भूषण जो पिछले दस सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि टनल से घाटी में साहसिक पर्यटन व ट्रैकिंग की संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं. यहां अत्यधिक ठण्ड से फ्रोजन वाटर फॉल बन रहे है, जोकि इसके बहुत उपयुक्त हैं. आने वाले समय में बाहर से लोग आएंगे व गांवों में ठहरेंगे, जिससे गांव में पर्यटन बढ़ेगा और युवा भी प्रेरित होंगे.

कृत्रिम फ्रोजन वाटर फॉल

इन्स्ट्रक्टर प्रीति डांगर ने कहा कि युवा इसके लिए खुद के कृत्रिम फ्रोजन वाटर फॉल बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए आइस पार्क बनाया जा सकता है. आइस हॉकी खेली जा सकती है, स्कीईंग, सलेजिंग, विंटर कैंपिंग व एवलांच कोर्स करवाए जा सकते हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

नैनीताल से आये पर्वतारोही अनिल ने बताया कि वाटर आइस क्लाइम्बिंग में थोड़ा रिस्क है, लेकिन पहाड़ों के लोग सीख सकते हैं. थोड़ा बेसिक जानकारी हो तो आने वाले समय में इसकी संभावना बहुत बढ़ सकती है.

प्रशासन कर रहा प्रयास

इस दौरान उपायुक्त पंकज राय ने इस बारे में बताया कि स्नो फेस्टिवल के माध्यम से संस्कृति के साथ- साथ साहसिक पर्यटन के लिए ढांचा विकसित करने के लिए प्रशासन भरपूर प्रयास कर रहा है, ताकि अगले शरद ऋतु में पर्यटकों को यह सब अनुभव करने की सुविधाएं मिलें.

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