कुल्लूः हाल में केंद्र सरकार की ओर से पास किए कृषि अध्यदेशों से धन्नासेठ और एग्रीटेक कंपनियां मालामाल होंगी. साथ ही इन बिलों से काला बजारी बढ़ेगी. यही नहीं, बड़ी कंपनियों के पास किसान बंधुआ मजदूर बनकर रह जाएगा और चंद लोगों की कठपुतली बनकर किसानों को रहना होगा. ये बातें कुल्लू किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नवनीत सूद ने कही.
नवनीत सूद ने कहा कि पहला बिल फार्मर प्रड्यूस ट्रेड एंड कमर्स है जिससे किसानों को लेकर कोई नई बात नहीं कही गई है बल्कि जो वर्तमान में सुविधाएं मिल रही है उन्हीं का गुणगान किया गया है. उन्होंने कहा कि दूसरा बिल एसेंशियल कमोडिटीज एमेंडमेंट बिल है. यह बिल कलाबाजरी रोकने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसके संशोधन के बाद जो नए कानून लाए गए हैं, वे काला बाजारी को बढ़ावा देंगे.
इससे किसानों के साथ-साथ आम जनता को भी मंहगाई का दंश झेलना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इससे धन्ना सेठ जितना चाहे अनाज का भंडारण कर सकते हैं जिससे मंहगाई अनियन्त्रित हो जाएगी. लाला लॉबी अपनी सुविधा व मार्किट के हिसाब से उत्पाद बेचेंगी.
उन्होंने कहा कि तीसरा बिल तो किसानों को कंपनियों के पास बंधुआ मजदूर ही बना देगा. यह बिल फार्मर एम्पोवेर्मेंट एन्ड प्रोटेक्शन एग्रीमेंट आफ प्राइज है. इसके तहत कंपनियां किसानों की जमीनें कॉन्ट्रेक्ट पर लेंगी और किसान से ही काम करवाएंगी. किसान को कंपनी के अनुसार ही खेती करनी पड़ेगी. इस तरह किसान कंपनी की कठपुतली बनकर रह जाएगा.
नवनीत सूद ने कहा कि इन बिलों से किसानों को कोई फायदा नहीं है और उल्टे इस्ट इंडिया कंपनी जैसा समय फिर आ रहा है. उन्होंने कहा कि इन कानूनों से चंद उद्योगपतियों की जेबें भरने के लिए देश के अन्नदाताओं के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
वहीं, उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयोग यह सरकार पहले भी बिहार में कर चुकी है और वहां पर यह व्यवस्था औंधे मुंह गिरी है. अब वहां के किसान अपने उत्पाद बेचने के लिए पंजाब व हरियाणा का रुख करते हैं.
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