कुल्लूः हिमाचल में इन दिनों सेब की फसल पक कर तैयार है. उत्पादक जिलों में सेब तुड़ान का काम जोरो पर चल रहा है. इसके चलते सेब की हजारों पेटियां हर दिन कुल्लू जिले से देश के अन्य भागों में भेजी जा रही है. ऐसे में सेब तोड़ने, डिब्बे बनाने, पैकिंग से लेकर लोडिंग, अनलोडिंग में देश के विभिन्न राज्यों के करीब 15 हजार मजदूरों को अस्थायी रोजगार मिला हुआ है.
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर सहित पड़ोसी देश नेपाल के हजारों मजदूरों को विभिन्न क्षेत्रों से आए मजदूरों को सेब के बगीचों में काम करते हुए देखा जा सकता है. तलीकूहल, बंदरोल, भुंतर, बंजार, आनी की खेगसू सब्जी मंडी हजारों प्रवासी मजदूरों से भरी पड़ी है.
मजदूरों को सेब सीजन में कई बागवानों ने प्रवासी मजदूरों को वेतन के साथ ही रहने का प्रावधान भी मुफ्त में मिल रहा है. सेब का सीजन अक्तूबर माह तक चलेगा. ऐसे में मजदूर जुलाई से लेकर अक्तूबर तक अच्छी कमाई कर लौट जाएंगे. जिले में प्रतिवर्ष सेब की लाखों पेटियां निकलती हैं. इस सेब को मंडियों तक पहुंचाने के लिए मजदूरों की जरुरत पड़ती है.
बागवानों ने कहा कि सेब सीजन के लिए उनके पास प्रवासी मजदूर काम कर रहे हैं. मजदूरों को 500 रुपये दिहाड़ी के साथ दो वक्त का खाना भी दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सेब का सीजन अक्तूबर महीने तक चलेगा.
सीजन में अच्छी कमाई करेंगे मजदूर
बागवानी विभाग के उपनिदेशक राकेश गोयल ने कहा कि सेब सीजन में जहां बागवानों की आमदनी हो रही है, वहीं सीजन में हजारों प्रवासी मजदूरों को भी अस्थायी तौर पर रोजगार मिल रहा है. अक्तूबर माह के आखिर तक सेब सीजन चलेगा. ऐसे में सीजन में स्थानीय और प्रवासी मजदूरों को अच्छी दिहाड़ी मिल रही है.
बंपर फसल, लंबे समय तक चलेगा सीजन
इस बार सेब की बंपर फसल है, जिसका सीधे तौर पर बागवानों के साथ मजदूरों को भी लाभ मिल रहा है. पिछली बार फसल कम होने के चलते सेब सीजन सितंबर में ही निपट गया था, लेकिन इस बार ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब का तुड़ान अभी शुरू ही हुआ है. ऐसे में सीजन लंबा चलेगा, जिससे मजदूरों की अधिक दिनों के लिए रोजगार मिलेगा.