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Kargil Vijay Diwas 2022: कारगिल युद्ध में 17 आतंकियों को मार कर शहीद हुए थे डोला राम, नित्थर में बना है स्मारक - hp news hindi

कारगिल की लड़ाई को भले ही कई सालों बीत गए हैं, मगर इस युद्ध में अपनी जान की बाजी लगाकर जीतने वाले योद्धाओं के बलिदान को कभी भी नहीं भुलाया (Shahid Dola Ram Kullu Himachal Pradesh) जा सकता. इस युद्ध में जिला कुल्लू के वीर सैनिक डोला राम ने भी 17 आतंकियों को मार शहादत पाई थी.

Kargil Vijay Diwas 2022
शहीद डोला राम
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Published : Jul 25, 2022, 5:46 PM IST

कुल्लू: पाकिस्तान और भारत के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil Vijay Diwas 2022) हुआ था. भारतीय सेना के वीर जांबाजों ने भी शौर्य का परिचय देते हुए पाकिस्तान को मुंह तोड़ जबाव दिया था. इस युद्ध में जिला कुल्लू के वीर सैनिक डोला राम ने भी 17 आतंकियों को मार शहादत पाई थी. जिला कुल्लू के उपमंडल आनी की नित्थर तहसील के शकरोली के जांबाज कारगिल शहीद बॉक्सर डोला राम ने 5400 मीटर की ऊंचाई पर खून जमा देने वाली ठंड में पाकिस्तानी घुसपैठियों को बंकर से निकाल-निकालकर मार गिराया था.

डोला राम ने 17 आतंकियों को मार गिराया: 1999 में कारगिल के रास्ते भारत में घुसपैठ कर रहे पाकिस्तानियों के मनसूबों को पस्त करने में चलाए गए ऑपरेशन विजय में शहीद डोला राम की अहम भूमिका रही है. जिन्होंने 1999 में ऑपरेशन विजय में अपने दो साथियों के साथ सियाचिन गलेशियर के टॉप पर बंकर में छिपे 17 आतंकियों (Shahid Dola Ram Kullu Himachal Pradesh) को बिना हथियार के ही मार गिराया था. देश की रक्षा में डोला राम ने अपने प्राणों की आहूति दे डाली, लेकिन भारत मां का सिर झुकने नहीं दिया था.

छाती पर गोलियां खाने के बाद भी हौसला नहीं हुआ कम: ऑपरेशन विजय के दौरान डोला राम और उनके दो साथी अपनी टुकड़ी को चोटी पर पहुंचाने के लिए सबसे आगे जाकर रास्ता बना रहे थे. इसी बीच शहीद डोला राम की नजर बंकर में छुपे घुसपैठियों पर पड़ी. उन्होंने अपने दोनों साथियों के साथ आतंकियों को बंकरों में घुसकर ही मारना शुरू कर दिया. निहत्थे डोला राम पर आतंकियों ने गोलियों की बौछार शुरू कर दी. छाती पर गोलियां खाने के बावजूद डोला राम और साथियों ने शहीद होने से पहले सभी 17 आतंकियों को मार गिराया. तीन जुलाई 1999 को डोला राम के शहीद होने से पहले इस बड़ी कार्रवाई ने न केवल पाकिस्तानी आतंकियों के नापाक इरादों को रौंदा, बल्कि भारत देश का सिर भी ऊंचा हुआ. उन्होंने कुल्लू जिला के एकमात्र कारगिल शहीद होने का गौरव प्राप्त किया.

क्या कहती हैं शहीद डोला राम की पत्नी: शहीद डोला राम की पत्नी प्रेमा देवी ने बताया कि देश प्रेम शहीद की नस-नस में भरा था और वह देश पर कुर्बान होकर देश के लिए अपना कर्ज भी चुका गए. वह (Shahid Dola Ram Kullu Himachal Pradesh) हमेशा उनकी यादों में जिंदा हैं और रहेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार ने ऑपरेशन विजय के बाद इस कार्रवाई में शहीद हुए डोला राम के नाम नित्थर स्कूल का नाम रखा. उनके शकरोली, शनाह और घूटी में तीनों घरों को आपस में जोड़ने के लिए कोयल से नित्थर सड़क भी बनवाई. वहीं, एक स्मारक भी उनकी याद में बनाया गया है. वहीं, एक पेट्रोल पंप भी सरकार के द्वारा दिया गया है.

ये भी पढ़ें: विजय दिवस स्पेशल: विजय पताका में चमक रहा है हिमाचल के 52 जांबाजों का पवित्र लहू

कुल्लू: पाकिस्तान और भारत के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil Vijay Diwas 2022) हुआ था. भारतीय सेना के वीर जांबाजों ने भी शौर्य का परिचय देते हुए पाकिस्तान को मुंह तोड़ जबाव दिया था. इस युद्ध में जिला कुल्लू के वीर सैनिक डोला राम ने भी 17 आतंकियों को मार शहादत पाई थी. जिला कुल्लू के उपमंडल आनी की नित्थर तहसील के शकरोली के जांबाज कारगिल शहीद बॉक्सर डोला राम ने 5400 मीटर की ऊंचाई पर खून जमा देने वाली ठंड में पाकिस्तानी घुसपैठियों को बंकर से निकाल-निकालकर मार गिराया था.

डोला राम ने 17 आतंकियों को मार गिराया: 1999 में कारगिल के रास्ते भारत में घुसपैठ कर रहे पाकिस्तानियों के मनसूबों को पस्त करने में चलाए गए ऑपरेशन विजय में शहीद डोला राम की अहम भूमिका रही है. जिन्होंने 1999 में ऑपरेशन विजय में अपने दो साथियों के साथ सियाचिन गलेशियर के टॉप पर बंकर में छिपे 17 आतंकियों (Shahid Dola Ram Kullu Himachal Pradesh) को बिना हथियार के ही मार गिराया था. देश की रक्षा में डोला राम ने अपने प्राणों की आहूति दे डाली, लेकिन भारत मां का सिर झुकने नहीं दिया था.

छाती पर गोलियां खाने के बाद भी हौसला नहीं हुआ कम: ऑपरेशन विजय के दौरान डोला राम और उनके दो साथी अपनी टुकड़ी को चोटी पर पहुंचाने के लिए सबसे आगे जाकर रास्ता बना रहे थे. इसी बीच शहीद डोला राम की नजर बंकर में छुपे घुसपैठियों पर पड़ी. उन्होंने अपने दोनों साथियों के साथ आतंकियों को बंकरों में घुसकर ही मारना शुरू कर दिया. निहत्थे डोला राम पर आतंकियों ने गोलियों की बौछार शुरू कर दी. छाती पर गोलियां खाने के बावजूद डोला राम और साथियों ने शहीद होने से पहले सभी 17 आतंकियों को मार गिराया. तीन जुलाई 1999 को डोला राम के शहीद होने से पहले इस बड़ी कार्रवाई ने न केवल पाकिस्तानी आतंकियों के नापाक इरादों को रौंदा, बल्कि भारत देश का सिर भी ऊंचा हुआ. उन्होंने कुल्लू जिला के एकमात्र कारगिल शहीद होने का गौरव प्राप्त किया.

क्या कहती हैं शहीद डोला राम की पत्नी: शहीद डोला राम की पत्नी प्रेमा देवी ने बताया कि देश प्रेम शहीद की नस-नस में भरा था और वह देश पर कुर्बान होकर देश के लिए अपना कर्ज भी चुका गए. वह (Shahid Dola Ram Kullu Himachal Pradesh) हमेशा उनकी यादों में जिंदा हैं और रहेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार ने ऑपरेशन विजय के बाद इस कार्रवाई में शहीद हुए डोला राम के नाम नित्थर स्कूल का नाम रखा. उनके शकरोली, शनाह और घूटी में तीनों घरों को आपस में जोड़ने के लिए कोयल से नित्थर सड़क भी बनवाई. वहीं, एक स्मारक भी उनकी याद में बनाया गया है. वहीं, एक पेट्रोल पंप भी सरकार के द्वारा दिया गया है.

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