कुल्लू: पर्यटन नगरी मनाली घूमने के लिए आने वाले सैलानियों के लिए अब राहत की खबर है. यहां आने वाले सैलानियों को अब ग्रीन टैक्स बैरियर में लंबी लाइनों में नहीं लगना होगा और यहां पर सैलानी फास्टैग के माध्यम से ग्रीन टैक्स जमा करवा सकेंगे. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग के द्वारा ग्रीन बैरियर का शुभारंभ कर दिया गया है.
पर्यटन नगरी मनाली के साथ आलू ग्राउंड के पास लगाया गया यह ग्रीन टैक्स बैरियर देश का सबसे पहला ग्रीन टैक्स बैरियर (India first Fastag Green Tax Barrier) बन गया है, जो फास्टैग की सुविधाओं से लैस है. इससे पहले यहां पर पर्ची के माध्यम से सैलानियों से ग्रीन टैक्स की राशि ली जाती थी. जिसके चलते यहां पर्यटन सीजन के दौरान सैलानियों को लंबे ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता था और उन्हें कई असुविधाएं भी उठानी पड़ती थी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के द्वारा साल 2018 में ग्रीन टैक्स बैरियर को आधुनिक बनाने की आधारशिला रखी गई थी और अब ग्रीन टैक्स बैरियर को आधुनिक बनाकर यहां पर फास्टैग की सुविधा भी जनता को समर्पित कर दी गई है.
ग्रीन टैक्स बैरियर के (Manali Fastag Green Tax Barrier) आधुनिक बनने से अब प्रदेश के बाहर से आने वाले सभी वाहनों को तत्काल सुविधा मिलेगी और उन्हें कतार में नहीं लगना होगा. फास्टैग से ग्रीन टैक्स की राशि कट जाएगी और पर्यटकों के समय और ईंधन दोनों की इसमें बचत होगी. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया कि ग्रीन टैक्स बैरियर पर फास्टैग सुविधा से पारदर्शिता भी आएगी और इससे आसानी से यह पता चल पाएगा कि मनाली में एक दिन में कितने वाहन बाहर से आए हैं और कितने वापस चले गए हैं.
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के (DC kullu on Fastag Green Tax Barrier) इंफ्रास्ट्रक्चर मनाली वोल्वो बस स्टैंड के पास और जिले में अन्य स्थानों पर आने वाले समय में भी स्थापित किए जाएंगे. जिससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. डीसी आशुतोष गर्ग ने बताया कि ऑनलाइन फास्टैग सुविधा से पर्यटकों को ग्रीन टैक्स बैरियर पर मात्र कुछ सेकेंड के लिए रुकना होगा. इस प्रकार फास्टैग सुविधा से लैस इस ग्रीन टैक्स बैरियर को टीम लैस लेनदेन, कम मानवीय हस्तक्षेप का बनाया गया है. ताकि बाहर से आने वाली गाड़ियों को ग्रीन टैक्स का भुगतान करने में किसी प्रकार की समस्या न उठानी पड़े.
गौर रहे कि मनाली के ग्रीन टैक्स बैरियर से (Manali Fastag Green Tax Barrier) हर साल पर्यटन विकास परिषद मनाली को करीब 4 करोड़ रुपए की आमदनी होती है. ऐसे में अब आने वाले समय में सैलानियों के समय व इंधन की भी बचत होगी और सैलानियों के वाहनों को भी इससे काफी सुविधा मिलेगी. ऐसे में आने वाले समय में ग्रीन टैक्स बैरियर से होने वाली कमाई में भी इजाफा होने के संकेत नजर आ रहे हैं.
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