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कुल्लू और किन्नौर में होली का पर्व आज से शुरू, दिनभर उड़ा गुलाल

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Published : Mar 16, 2022, 5:44 PM IST

होली पर्व के पहले दिन यानी आज ग्रामीणों का समूह देवता बैरिंगनाग के मंदिर प्रांगण से आशीर्वाद लेकर छूदोसरिंग नामक स्थान से तैयार होकर विभिन्न तरह के स्वादिष्ट व्यजनों का स्वाद चखते हुए पूरा दिन होली मनाते हैं. ग्रामीण विभिन्न तरह के किन्नौरी वाद्ययंत्रों की धुन पर थिरकते हुए समूचे गाँव मे होली खेलते हैं. वहीं, जिला कुल्लू में बुधवार को छोटी होली पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया. छोटी होली पर्व के दौरान दिनभर कुल्लू शहर में लोग होली मनाते रहे और शहर में दिनभर गुलाल उड़ता रहा.

Holi festival celebrated in Kullu and Kinnaur
कुल्लू और किन्नौर में होली का पर्व आज से शुरू

किन्नौर/कुल्लू: जनजातीय जिला किन्नौर के सांगला तहसील में होली पर्व तीन दिन तक मनाया जाएगा, जिसका आगाज आज से शुरू हुआ है. इस ऐतिहासिक पर्व को मनाने के लिए हर वर्ष सांगला के महिला, पुरुष, युवक, युवतियों सहित बुजुर्गों व बच्चों में खासा उत्साह देखा जाता है. जिला किन्नौर की समृद्ध लोक संस्कृति में सांगला की होली की अपनी पहचान है. सांगला के ग्रामीण अलग तरह की वेशभूषा ग्रहण कर टोलियों में तीन दिन तक सांगला गांव के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर एक दूसरे पर गुलाल फेंककर रिश्तों की कच्ची डोर को और अधिक मजबूत करने का काम करते हैं.

होली पर्व के पहले दिन यानी आज ग्रामीणों का समूह देवता बैरिंगनाग के मंदिर प्रांगण से आशीर्वाद लेकर छूदोसरिंग नामक स्थान से तैयार होकर विभिन्न तरह के स्वादिष्ट व्यजनों का स्वाद चखते हुए पूरा दिन होली मनाते हैं. ग्रामीण विभिन्न तरह के किन्नौरी वाद्ययंत्रों की धुन पर थिरकते हुए समूचे गाँव मे होली खेलते हैं.

टोलियां स्थानीय बाजार सांगला, खाले सारिंग, पूदोनाला सारिंग और कोश्टयोचूदेन होते हुए तीसरे दिन यानि 18 मार्च को मंदिर पहुंचकर होलीका का दहन करते है जिसमे समुचे गांव मंदिर प्रांगण मे उपस्थित रहता है, इसके बाद होली समाप्ति के बाद सांगला मे अगले दिन सांगला के ग्रामीण फाग मेले का लुत्फ उठाते हैं.

ग्रामीण अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर बैरिंगनाग के मंदिर प्रांगण में किन्नौरी नाटी डालते हैं. और खास बात यह है कि होली समाप्ति के बाद फाग मेले मे ग्रामीण एक समय का भोजन मंदिर में ही करते है. जयश्री बेरिंगनाग होली उत्सव क्‍लब सांगला के कार्यकर्ता व पदाधिकारी इस होली व फाग मेले के आयोजन मे मुख्य रूप से भाग लेते है.

वीडियो.

कुल्लू में बुधवार को मनाई गई छोटी होली: जिला कुल्लू में बुधवार को छोटी होली पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया. छोटी होली पर्व के दौरान दिनभर कुल्लू शहर में लोग होली मनाते रहे और शहर में दिनभर गुलाल उड़ता रहा. बुधवार को दिनभर होली के गीतों से कुल्लू शहर गूंज उठा और साफ मौसम के बीच भी छोटी होली पर्व पर कुल्लू शहर में खूब गुलाल उड़ा.

वहीं, वैरागी समुदाय के लोगों ने भी डफली और ढोलकी की धुन पर अपनी-अपनी टोलियों में होली की रीति को निभाया. भगवान रघुनाथ की नगरी कुल्लू में बुधवार को होली के रंगों में रंगी. वही, होली के मौके पर शहरवासियों और दूरदराज गांव के लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर गुलाल लगाया.

Holi festival celebrated in Kullu and Kinnaur
कुल्लू और किन्नौर में होली का पर्व आज से शुरू

कुल्लू शहर में भी सुबह से ही अधिष्ठाता देवता को गुलाल लगाने के लिए लोगों में होड़ मची रही. वहीं, अखाड़ा बाजार, लोअर ढालपुर, ढालपुर, सरवरी, रामशिला, गांधीनगर सहित विभिन्न जगहों पर लोगों ने टोलियां बनाकर एक-दूसरे पर गुलाल फेंका.

स्थानीय नागरिक पवन कुमार, हरीश का कहना है कि कुल्लू में होली का त्यौहार 2 दिन पहले ही शुरू हो जाता है और लोगों की टोलियां घर-घर जाकर होली के गीत गाती है. कुल्लू में होली पर्व एक दिन पहले ही मनाया जाता है, वहीं, दूसरे दिन कुल्लू में बड़ी होली आयोजित होती है. बुधवार को छोटी होली पर्व के चलते दिनभर कुल्लू शहर में युवा, युवतियां और लोग होली खेलते रहे और दिनभर अपने दोस्तों और बड़ों को होली लगाते रहे और उन्हें होली की बधाइयां देते रहे.

ये भी पढ़ें- रुमित ठाकुर का ऐलान: देवभूमि पार्टी बनाकर लड़ेंगे चुनाव, आंदोलन से जुड़े लोगों को भी न्योता

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किन्नौर/कुल्लू: जनजातीय जिला किन्नौर के सांगला तहसील में होली पर्व तीन दिन तक मनाया जाएगा, जिसका आगाज आज से शुरू हुआ है. इस ऐतिहासिक पर्व को मनाने के लिए हर वर्ष सांगला के महिला, पुरुष, युवक, युवतियों सहित बुजुर्गों व बच्चों में खासा उत्साह देखा जाता है. जिला किन्नौर की समृद्ध लोक संस्कृति में सांगला की होली की अपनी पहचान है. सांगला के ग्रामीण अलग तरह की वेशभूषा ग्रहण कर टोलियों में तीन दिन तक सांगला गांव के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर एक दूसरे पर गुलाल फेंककर रिश्तों की कच्ची डोर को और अधिक मजबूत करने का काम करते हैं.

होली पर्व के पहले दिन यानी आज ग्रामीणों का समूह देवता बैरिंगनाग के मंदिर प्रांगण से आशीर्वाद लेकर छूदोसरिंग नामक स्थान से तैयार होकर विभिन्न तरह के स्वादिष्ट व्यजनों का स्वाद चखते हुए पूरा दिन होली मनाते हैं. ग्रामीण विभिन्न तरह के किन्नौरी वाद्ययंत्रों की धुन पर थिरकते हुए समूचे गाँव मे होली खेलते हैं.

टोलियां स्थानीय बाजार सांगला, खाले सारिंग, पूदोनाला सारिंग और कोश्टयोचूदेन होते हुए तीसरे दिन यानि 18 मार्च को मंदिर पहुंचकर होलीका का दहन करते है जिसमे समुचे गांव मंदिर प्रांगण मे उपस्थित रहता है, इसके बाद होली समाप्ति के बाद सांगला मे अगले दिन सांगला के ग्रामीण फाग मेले का लुत्फ उठाते हैं.

ग्रामीण अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर बैरिंगनाग के मंदिर प्रांगण में किन्नौरी नाटी डालते हैं. और खास बात यह है कि होली समाप्ति के बाद फाग मेले मे ग्रामीण एक समय का भोजन मंदिर में ही करते है. जयश्री बेरिंगनाग होली उत्सव क्‍लब सांगला के कार्यकर्ता व पदाधिकारी इस होली व फाग मेले के आयोजन मे मुख्य रूप से भाग लेते है.

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कुल्लू में बुधवार को मनाई गई छोटी होली: जिला कुल्लू में बुधवार को छोटी होली पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया. छोटी होली पर्व के दौरान दिनभर कुल्लू शहर में लोग होली मनाते रहे और शहर में दिनभर गुलाल उड़ता रहा. बुधवार को दिनभर होली के गीतों से कुल्लू शहर गूंज उठा और साफ मौसम के बीच भी छोटी होली पर्व पर कुल्लू शहर में खूब गुलाल उड़ा.

वहीं, वैरागी समुदाय के लोगों ने भी डफली और ढोलकी की धुन पर अपनी-अपनी टोलियों में होली की रीति को निभाया. भगवान रघुनाथ की नगरी कुल्लू में बुधवार को होली के रंगों में रंगी. वही, होली के मौके पर शहरवासियों और दूरदराज गांव के लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर गुलाल लगाया.

Holi festival celebrated in Kullu and Kinnaur
कुल्लू और किन्नौर में होली का पर्व आज से शुरू

कुल्लू शहर में भी सुबह से ही अधिष्ठाता देवता को गुलाल लगाने के लिए लोगों में होड़ मची रही. वहीं, अखाड़ा बाजार, लोअर ढालपुर, ढालपुर, सरवरी, रामशिला, गांधीनगर सहित विभिन्न जगहों पर लोगों ने टोलियां बनाकर एक-दूसरे पर गुलाल फेंका.

स्थानीय नागरिक पवन कुमार, हरीश का कहना है कि कुल्लू में होली का त्यौहार 2 दिन पहले ही शुरू हो जाता है और लोगों की टोलियां घर-घर जाकर होली के गीत गाती है. कुल्लू में होली पर्व एक दिन पहले ही मनाया जाता है, वहीं, दूसरे दिन कुल्लू में बड़ी होली आयोजित होती है. बुधवार को छोटी होली पर्व के चलते दिनभर कुल्लू शहर में युवा, युवतियां और लोग होली खेलते रहे और दिनभर अपने दोस्तों और बड़ों को होली लगाते रहे और उन्हें होली की बधाइयां देते रहे.

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