कुल्लू: भगवान रघुनाथ की नगरी कुल्लू होली के रंग में रंगी नजर आ रही है. होली के इस पावन बेला पर शहरवासियों और दूरदराज गांव के लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर गुलाल लगाया. वहीं, वैरागी समुदाय के लोगों ने भी डफली और झांझ की धुन पर अलग-अलग टोलियों में होली की रीति को निभाया.
जिला कुल्लू में गीत-संगीत और ढोल नगाड़ों के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियों के साथ गुजरती होली की टोलियां लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही. देश और प्रदेश में भले ही होली उत्सव 10 मार्च को मनाया जा रहा हो लेकिन भगवान रघुनाथ की नगरी में होली हर साल परंपरा के तहत एक दिन पहले मनाई जाती है.
रविवार और सोमवार को कुल्लू शहर तथा जिला के ग्रामीण इलाकों में होली की धूम मची रही. उत्सव में बढ़ी लोगों की चहल-पहल से शहर की रौनक भी देखते ही बनती थी. होली के शुभ अवसर पर भगवान रघुनाथ के मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा था. सुबह से ही अधिष्ठाता देवता को गुलाल लगाने के लिए लोगों में होड़ मची रही.
वहीं, अखाड़ा बाजार, लोअर ढालपुर, ढालपुर, सरवरी, रामशिला, गांधीनगर सहित भुंतर, मणिकर्ण के इलाकों में विभिन्न टोलियां बनाकर लोगों ने एक-दूसरे के ऊपर गुलाल फेंका. स्थानीय निवासी धनेश का कहना है कि होली के रंगों में केमिकल का ज्यादा प्रयोग होने के चलते लोग अब पारम्परिक रंगों से होली खेलना पसंद कर रहे हैं.
गौर रहे कि शाम के समय भगवान रघुनाथ के मंदिर में फाग का भी आयोजन किया गया. जिसमें स्थानीय लोगों ने भी हिस्सा लेकर अपने जीवन में सुख समृद्धि की कामना की.