कुल्लूः पर्यटन नगरी मनाली में बीते दिनों पेराग्लाइड क्रैश मामले में हुई जांच में खुलासा हुआ है कि मझाच में जिस जगह से पायलट ने पैराग्लाइडर से उड़ान भरी थी, वह जगह पैराग्लाइडिंग करने के लिए अधिकृत नहीं की गई थी.
नतीजा ये हुआ कि पैराग्लाइडर के पायलट द्वारा हैदराबाद के डॉक्टर पर्यटक से साथ उड़ान भरने पर दो-तीन कदम लेने के बाद ही पैराग्लाइडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिससे पर्यटक खाई में जा गिरा. उसकी मौके पर ही मौत हो गई और पायलट भी घायल हो गया.
पायलट द्वारा पैराग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों पर 15 सितंबर तक प्रतिबंध होने के बावजूद भी अनधिकृत साइट से पैराग्लाइडिंग करवाने के आरोप में पर्यटन विभाग ने पायलट का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है जो बुद्धि सिंह पैराग्लाइडर का संचालक यानि मालिक बना था उसके पास पैराग्लाइडिंग संचालक का लाइसेंस ही नहीं था. बल्कि सिंह के पास पैराग्लाइडिंग को चलाने के लिए पायलट का लाइसेंस था. बुद्धि सिंह पैराग्लाइडर का मालिक बना हुआ था. पैराग्लाइडर उड़ाने के लिए दूसरा पायलट रखा गया था.
यही नहीं, जो पैराग्लाइडर पायलट आसमान में उड़ा कर सैलानियों की जान से खिलवाड़ कर रहा था, वह पैराग्लाइडर पंजीकृत ही नहीं है. लिहाजा, बिना लाइसेंस धारक ऑपरेटर बुद्धि सिंह बिना पंजीकरण के पैराग्लाइडर को चलाकर सैलानियों की जिदंगी को दांव पर लगा रहा था.
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एसपी कुल्लू गौरव सिंह ने बताया कि बिना पंजीकरण की पैराग्लाइडर का मालिक बने बुद्धि सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से न्यायालय ने उसे 23 अगस्त तक की न्यायायिक हिरासत में भेज दिया है. जबकि पायलट जोगिंद्र को पूरी तरह स्वस्थ्य होने के बाद गिरफ्तार किया जाएगा. फिलहाल उसका उपचार पुलिस की निगरानी में चल रहा है. अब बिना पंजीकरण की इस पैराग्लाइडर को विभाग ने अपने कब्जे में ले रखा है.