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पंजीकृत साइट से नहीं भरी गई थी पैराग्लाइडर की उड़ान, पुलिस ने संचालक को किया गिरफ्तार

मनाली में बीते दिनों पेराग्लाइड क्रैश मामले में हुई जांच में संचालक और पैराग्लाइडर पंजीकृत नही पाए गए है. बिना पंजीकरण की पैराग्लाइडर का मालिक बने बुद्धि सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. न्यायालय ने उसे 23 अगस्त तक की न्यायायिक हिरासत में भेजा है.

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Published : Aug 14, 2019, 3:18 PM IST

कुल्लूः पर्यटन नगरी मनाली में बीते दिनों पेराग्लाइड क्रैश मामले में हुई जांच में खुलासा हुआ है कि मझाच में जिस जगह से पायलट ने पैराग्लाइडर से उड़ान भरी थी, वह जगह पैराग्लाइडिंग करने के लिए अधिकृत नहीं की गई थी.
नतीजा ये हुआ कि पैराग्लाइडर के पायलट द्वारा हैदराबाद के डॉक्टर पर्यटक से साथ उड़ान भरने पर दो-तीन कदम लेने के बाद ही पैराग्लाइडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिससे पर्यटक खाई में जा गिरा. उसकी मौके पर ही मौत हो गई और पायलट भी घायल हो गया.

पायलट द्वारा पैराग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों पर 15 सितंबर तक प्रतिबंध होने के बावजूद भी अनधिकृत साइट से पैराग्लाइडिंग करवाने के आरोप में पर्यटन विभाग ने पायलट का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है जो बुद्धि सिंह पैराग्लाइडर का संचालक यानि मालिक बना था उसके पास पैराग्लाइडिंग संचालक का लाइसेंस ही नहीं था. बल्कि सिंह के पास पैराग्लाइडिंग को चलाने के लिए पायलट का लाइसेंस था. बुद्धि सिंह पैराग्लाइडर का मालिक बना हुआ था. पैराग्लाइडर उड़ाने के लिए दूसरा पायलट रखा गया था.

यही नहीं, जो पैराग्लाइडर पायलट आसमान में उड़ा कर सैलानियों की जान से खिलवाड़ कर रहा था, वह पैराग्लाइडर पंजीकृत ही नहीं है. लिहाजा, बिना लाइसेंस धारक ऑपरेटर बुद्धि सिंह बिना पंजीकरण के पैराग्लाइडर को चलाकर सैलानियों की जिदंगी को दांव पर लगा रहा था.

ये भी पढ़ें- प्रतिबंध के बावजूद नहीं थम रही पैराग्लाइडिंग, घाटी में पेश आ रहे कई हादसे

एसपी कुल्लू गौरव सिंह ने बताया कि बिना पंजीकरण की पैराग्लाइडर का मालिक बने बुद्धि सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से न्यायालय ने उसे 23 अगस्त तक की न्यायायिक हिरासत में भेज दिया है. जबकि पायलट जोगिंद्र को पूरी तरह स्वस्थ्य होने के बाद गिरफ्तार किया जाएगा. फिलहाल उसका उपचार पुलिस की निगरानी में चल रहा है. अब बिना पंजीकरण की इस पैराग्लाइडर को विभाग ने अपने कब्जे में ले रखा है.

कुल्लूः पर्यटन नगरी मनाली में बीते दिनों पेराग्लाइड क्रैश मामले में हुई जांच में खुलासा हुआ है कि मझाच में जिस जगह से पायलट ने पैराग्लाइडर से उड़ान भरी थी, वह जगह पैराग्लाइडिंग करने के लिए अधिकृत नहीं की गई थी.
नतीजा ये हुआ कि पैराग्लाइडर के पायलट द्वारा हैदराबाद के डॉक्टर पर्यटक से साथ उड़ान भरने पर दो-तीन कदम लेने के बाद ही पैराग्लाइडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिससे पर्यटक खाई में जा गिरा. उसकी मौके पर ही मौत हो गई और पायलट भी घायल हो गया.

पायलट द्वारा पैराग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों पर 15 सितंबर तक प्रतिबंध होने के बावजूद भी अनधिकृत साइट से पैराग्लाइडिंग करवाने के आरोप में पर्यटन विभाग ने पायलट का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है जो बुद्धि सिंह पैराग्लाइडर का संचालक यानि मालिक बना था उसके पास पैराग्लाइडिंग संचालक का लाइसेंस ही नहीं था. बल्कि सिंह के पास पैराग्लाइडिंग को चलाने के लिए पायलट का लाइसेंस था. बुद्धि सिंह पैराग्लाइडर का मालिक बना हुआ था. पैराग्लाइडर उड़ाने के लिए दूसरा पायलट रखा गया था.

यही नहीं, जो पैराग्लाइडर पायलट आसमान में उड़ा कर सैलानियों की जान से खिलवाड़ कर रहा था, वह पैराग्लाइडर पंजीकृत ही नहीं है. लिहाजा, बिना लाइसेंस धारक ऑपरेटर बुद्धि सिंह बिना पंजीकरण के पैराग्लाइडर को चलाकर सैलानियों की जिदंगी को दांव पर लगा रहा था.

ये भी पढ़ें- प्रतिबंध के बावजूद नहीं थम रही पैराग्लाइडिंग, घाटी में पेश आ रहे कई हादसे

एसपी कुल्लू गौरव सिंह ने बताया कि बिना पंजीकरण की पैराग्लाइडर का मालिक बने बुद्धि सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से न्यायालय ने उसे 23 अगस्त तक की न्यायायिक हिरासत में भेज दिया है. जबकि पायलट जोगिंद्र को पूरी तरह स्वस्थ्य होने के बाद गिरफ्तार किया जाएगा. फिलहाल उसका उपचार पुलिस की निगरानी में चल रहा है. अब बिना पंजीकरण की इस पैराग्लाइडर को विभाग ने अपने कब्जे में ले रखा है.

Intro:कुल्लू
पंजीकृत साइट से नही भरी गई थी पैराग्लाइडर की उड़ान
पुलिस ने पैराग्लाइडर के मालिक को किया गिरफ्तारBody:
पर्यटन नगरी मनाली में बीते दिनों पेराग्लाइड क्रैश मामले में हुई जांच में खुलासा हुआ है कि मझाच के जिस जगह से पायलट ने पैराग्लाइडर से उड़ान भरी थी वह जगह ग्लाइडिंग करने के लिए अधिकृत नहीं की गई थी। जबकि उड़ान भरने के लिए मझाच के जिस क्षेत्र का चयन किया है उस जगह से पायलट ने उड़ान नहीं भरी। नतीजा यह हुआ कि जहां से पैराग्लाइडर के पायलट ने हैदराबाद के डॉक्टर पर्यटक से साथ उड़ान भरी वहां से दो तीन स्टैप लेने के बाद पैराग्लाइडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लिहाजा, पर्यटक खाई में जा गिरा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई और पायलट घायल हो गया। अनाधिकृत साईट से पैराग्लाइडिंग करने और पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध होने के बावजूद साहसिक गतिविधियां करने के आरोप में पर्यटन विभाग ने पायलट का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। क्योंकि पायलट ने पैराग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों पर 15 सितंबर तक प्रतिबंध होने के बावजूद भी पैराग्लाइडिंग करवाई और एेसी जगह से करवाई जिस जगह में पैराग्लाइडिंग करने की अनुमति ही नहीं है। वही, जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है जो बुद्धि सिंह पैराग्लाइडर का संचालक यानि मालिक बना था उसके पास पैराग्लाइडिंग संचालक का लाइसेंस ही नहीं था। बल्कि उसके पास पैराग्लाइडिंग को चलाने के लिए पायलट का लाइसेंस मिला था लेकिन वह पैराग्लाइडर का मालिक बना हुआ था। पैराग्लाइडर उड़ाने के लिए दूसरा पायलट रखा हुआ था।
जिस पैराग्लाइडर को आसमान में उड़ा कर सैलानियों की जान से खिलवाड़ की जा रही थी वह पैराग्लाइडर पंजीकृत ही नहीं है। लिहाजा, बिना लाइसेंस धारक ऑपरेटर बुद्धि सिंह बिना पंजीकरण की पैराग्लाइडर को चलाकर सैलानियों की जान से खिलवाड़ कर रहा था इसके लिए उसने पायलट तैनात किया हुआ था। बिना पंजीकरण की इस पैराग्लाइडर को विभाग ने अपने कब्जे में ले रखा है। Conclusion:एसपी कुल्लू गौरव सिंह ने बताया कि बिना पंजीकरण की पैराग्लाइडर का मालिक बने बुद्धि सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया जहा से न्यायालय ने उसे 23 अगस्त तक की न्यायायिक हिरासत में भेज दिया है। उसके बाद उसे फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। जबकि पायलट जोगिंद्र को पूरी तरह स्वस्थ्य होने के बाद गिरफ्तार किया जाएगा। फिलहाल उसका उपचार पुलिस की निगरानी में चल रहा है।
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