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shinkula tunnel lahaul spiti: शिंकुला टनल के निर्माण के लिए कसरत शुरू, सर्वे करने पहुंचे योजक परियोजना के उच्चाधिकारी

सोमवार को बीआरओ के योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने अधिकारियों के साथ लाहौल घाटी का दौरा किया और इस दौरान जिसपा, दारचा और शिंकुला दर्रे (shinkula tunnel lahaul spiti) तक जाने वाले मार्ग के विभिन्न क्षेत्रों में जगह का निरीक्षण किया. इस दौरान लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक एवं स्थानीय निवासी रवि ठाकुर भी मौजूद रहे. शिंकुला टनल का निर्माण कार्य जहां जल्द शुरू किया जाना है.

shinkula tunnel lahaul spiti
सर्वे करने पहुंचे योजक परियोजना के उच्चाधिकारी
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Published : Jan 31, 2022, 9:46 PM IST

कुल्लू: समुद्रतल से 16000 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रे के समीप बनने वाली टनल के निर्माण को लेकर कसरत शुरू हो गई है. सोमवार को बीआरओ के योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने अधिकारियों के साथ लाहौल घाटी का दौरा किया और इस दौरान जिसपा, दारचा और शिंकुला दर्रे तक जाने वाले मार्ग के विभिन्न क्षेत्रों में जगह का निरीक्षण किया. जहां पर परियोजना द्वारा टनल के निर्माण कार्य को अंजाम देने के लिए बेसकैंप स्थापित किए जाने हैं.

लिहाजा इस महत्वपूर्ण सर्वे को अमलीजामा पहनाने के लिए चीफ इंजीनियर द्वारा स्टिंगरी में बीआरओ के 70 आरसीसी और 94 आरसीसी के उच्च अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की गई ,जिसमें टनल के निर्माण कार्य को अंजाम (shinkula tunnel lahaul spiti) देने के लिए आगामी रणनीति बनाई गई.

इस दौरान लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक एवं स्थानीय निवासी रवि ठाकुर भी मौजूद रहे. शिंकुला टनल का निर्माण कार्य जहां जल्द शुरू किया जाना है. वहीं, योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने यह खुलासा भी किया है कि आगामी समय में उनका यह प्रयास रहेगा कि सर्दियों के मौसम में भी लाहौल घाटी में वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सके या यूं कहें कि भारी बर्फबारी भी लाहौल घाटी का संपर्क शेष विश्व से काट नहीं पाएगी.

शिंकुला टनल बनने से मनाली-कारगिल और मनाली-लेह (construction of the Shinkula tunnel) सामरिक मार्ग के बीच 12 महीने वाहनों की आवाजाही हो सकेगी. बर्फबारी भी यातायात में रुकावट नहीं बनेगी. शिंकुला टनल वास्तव में भारतीय सेना को संजीवनी देने का काम करेगी.

इस टनल बनने से मनाली-लेह और मनाली कारगिल के बीच 70 किमी की दूरी कम होगी. ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय का ये प्रयास है कि शिंकुला टनल को जल्द से जल्द तैयार कर देश को समर्पित किया जाए. सोमवार को योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने अपने अधिकारियों के साथ जहां लाहौल घाटी का दौरा किया है.

वहीं, उन्होंने जिसपा और दारचा में टनल के बेस कैंप बनाने को लेकर भूमि का निरीक्षण भी किया है. अधिकारियों का कहना है कि इस दौरान कुछ जगहों को चिंहित भी किया गया है, जहां पर बेस कैंप का निर्माण किया जाना है. योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद के उप दौरे के दौरान लाहौल घाटी के विभिन्न क्षेत्रों में कुछ ग्रामीण भी पूर्व विधायक रवि ठाकुर के माध्यम से उनके साथ मिले और अपनी कुछ दिक्कतों को चीफ इंजीनियर के समक्ष रखा, जिस्का चीफ इंजीनियर ने जल्द से जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया.

सोमवार को योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने लाहौल घाटी का दौरा किया है. इस दौरान मैं भी उनके साथ बतौर स्थानीय निवासी व पूर्व जनप्रतिनिधी होने के नाते मौजूद रहा. इस दौरान घाटी के विभिन्न क्षेत्रों के ग्रामीणों ने जहां चीफ इंजीनियर का लाहौली परंपरा के अनुसार स्वागत किया, वही कुछ अपनी दिक्कतों को भी उनके समक्ष रखा. स्थानीय लोगों ने चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद को यह आश्वस्त किया है कि उक्त परियोजना के निर्माण कार्य के लिए वे उनका भरपूर सहयोग करेंगे. जिसके लिए चीफ इंजीनियर ने ग्रामीणों का अभार भी व्यक्त किया.

हमारा ये प्रयास है कि शिंकुला टनल का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू करवाया जा सके और अधिक से अधिक घाटी के लोगों को भी इसका लाभ मिल सके. शिंकुला टनल का निर्माण कार्य फरवरी माह में शुरू करने की योजना बनाई गई है. टनल के निर्माण कार्य को ध्यान में रखते हुए सोमवार को मैंने लाहौल घाटी का दौरा किया है.

इस दौरान जिसपा और दारचा में कुछ स्थानों का निरीक्षण भी किया है ,जहां पर बेस कैंप बनाए जाने हैं. हमारा यह प्रयास रहेगा कि टनल का निर्माण कार्य के साथ-साथ लाहौल घाटी के ग्रामीणों की दिक्कतों को भी दूर किया जा सके. टनल के बनने के बाद सर्दियों में भी मनाली लेह मार्ग जहां बहाल रहेगा. वहीं, घाटी के लोगों को इसका फायदा भी मिलेगा.

ये भी पढ़ें- जयराम कैबिनेट के फैसले: हिमाचल में जारी रहेगा नाइट कर्फ्यू , 9वीं-12वीं तक स्कूल खुलेंगे

कुल्लू: समुद्रतल से 16000 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रे के समीप बनने वाली टनल के निर्माण को लेकर कसरत शुरू हो गई है. सोमवार को बीआरओ के योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने अधिकारियों के साथ लाहौल घाटी का दौरा किया और इस दौरान जिसपा, दारचा और शिंकुला दर्रे तक जाने वाले मार्ग के विभिन्न क्षेत्रों में जगह का निरीक्षण किया. जहां पर परियोजना द्वारा टनल के निर्माण कार्य को अंजाम देने के लिए बेसकैंप स्थापित किए जाने हैं.

लिहाजा इस महत्वपूर्ण सर्वे को अमलीजामा पहनाने के लिए चीफ इंजीनियर द्वारा स्टिंगरी में बीआरओ के 70 आरसीसी और 94 आरसीसी के उच्च अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की गई ,जिसमें टनल के निर्माण कार्य को अंजाम (shinkula tunnel lahaul spiti) देने के लिए आगामी रणनीति बनाई गई.

इस दौरान लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक एवं स्थानीय निवासी रवि ठाकुर भी मौजूद रहे. शिंकुला टनल का निर्माण कार्य जहां जल्द शुरू किया जाना है. वहीं, योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने यह खुलासा भी किया है कि आगामी समय में उनका यह प्रयास रहेगा कि सर्दियों के मौसम में भी लाहौल घाटी में वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सके या यूं कहें कि भारी बर्फबारी भी लाहौल घाटी का संपर्क शेष विश्व से काट नहीं पाएगी.

शिंकुला टनल बनने से मनाली-कारगिल और मनाली-लेह (construction of the Shinkula tunnel) सामरिक मार्ग के बीच 12 महीने वाहनों की आवाजाही हो सकेगी. बर्फबारी भी यातायात में रुकावट नहीं बनेगी. शिंकुला टनल वास्तव में भारतीय सेना को संजीवनी देने का काम करेगी.

इस टनल बनने से मनाली-लेह और मनाली कारगिल के बीच 70 किमी की दूरी कम होगी. ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय का ये प्रयास है कि शिंकुला टनल को जल्द से जल्द तैयार कर देश को समर्पित किया जाए. सोमवार को योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने अपने अधिकारियों के साथ जहां लाहौल घाटी का दौरा किया है.

वहीं, उन्होंने जिसपा और दारचा में टनल के बेस कैंप बनाने को लेकर भूमि का निरीक्षण भी किया है. अधिकारियों का कहना है कि इस दौरान कुछ जगहों को चिंहित भी किया गया है, जहां पर बेस कैंप का निर्माण किया जाना है. योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद के उप दौरे के दौरान लाहौल घाटी के विभिन्न क्षेत्रों में कुछ ग्रामीण भी पूर्व विधायक रवि ठाकुर के माध्यम से उनके साथ मिले और अपनी कुछ दिक्कतों को चीफ इंजीनियर के समक्ष रखा, जिस्का चीफ इंजीनियर ने जल्द से जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया.

सोमवार को योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने लाहौल घाटी का दौरा किया है. इस दौरान मैं भी उनके साथ बतौर स्थानीय निवासी व पूर्व जनप्रतिनिधी होने के नाते मौजूद रहा. इस दौरान घाटी के विभिन्न क्षेत्रों के ग्रामीणों ने जहां चीफ इंजीनियर का लाहौली परंपरा के अनुसार स्वागत किया, वही कुछ अपनी दिक्कतों को भी उनके समक्ष रखा. स्थानीय लोगों ने चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद को यह आश्वस्त किया है कि उक्त परियोजना के निर्माण कार्य के लिए वे उनका भरपूर सहयोग करेंगे. जिसके लिए चीफ इंजीनियर ने ग्रामीणों का अभार भी व्यक्त किया.

हमारा ये प्रयास है कि शिंकुला टनल का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू करवाया जा सके और अधिक से अधिक घाटी के लोगों को भी इसका लाभ मिल सके. शिंकुला टनल का निर्माण कार्य फरवरी माह में शुरू करने की योजना बनाई गई है. टनल के निर्माण कार्य को ध्यान में रखते हुए सोमवार को मैंने लाहौल घाटी का दौरा किया है.

इस दौरान जिसपा और दारचा में कुछ स्थानों का निरीक्षण भी किया है ,जहां पर बेस कैंप बनाए जाने हैं. हमारा यह प्रयास रहेगा कि टनल का निर्माण कार्य के साथ-साथ लाहौल घाटी के ग्रामीणों की दिक्कतों को भी दूर किया जा सके. टनल के बनने के बाद सर्दियों में भी मनाली लेह मार्ग जहां बहाल रहेगा. वहीं, घाटी के लोगों को इसका फायदा भी मिलेगा.

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