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कुल्लू में डीसी ने की बैठक, उत्पादों पर जीआई मार्क लगाने के दिए निर्देश

उपायुक्त कुल्लू डॉ. ऋचा वर्मा ने कुल्लू शॉल भौगोलिक संकेतक अधिनियम के तहत विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कुल्लू शॉल वीवर्स एसोसिएशक के पदाधिकारियों के साथ बैठक की है. उपायुक्त ने कहा कि कुल्लू शॉल निर्माताओं और विक्रेताओं को अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों से अवगत करवाया जाना चाहिए.

DC Kullu
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Published : Oct 2, 2019, 11:08 AM IST

कुल्लू: उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने कुल्लू शॉल भौगोलिक संकेतक अधिनियम के तहत विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कुल्लू शॉल वीवर्स एसोसिएशक के पदाधिकारियों के साथ बैठक की है. बैठक के दौरान डॉ. ऋचा वर्मा ने भौगोलिक संकेतक(जीआई मार्क) को कुल्लू शॉल निर्माताओं में अधिक लोकप्रिय बनाने पर बल दिया.

डीसी ने कहा कि कुल्लू शॉल के नाम से अन्य शॉल बेचने वालों के खिलाफ कुल्लू शॉल भौगोलिक संकेतक अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है. इस अधिनियम के तहत दोषियों को पच्चास हजार से दो लाख रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है. साथ ही छह महीने से से 3 वर्ष तक सजा हो सकती है. उपायुक्त ने कहा कि कुल्लू शॉल निर्माताओं और विक्रेताओं को अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी जानी चाहिए.

डॉ. ऋचा वर्मा ने अधिकारियों को जिला के शॉल निर्माताओं को कुल्लू शॉल वीवर्स एसोसिएशन के साथ जोड़ने और उन्हें उत्पादों पर जीआई मार्क लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में डीसी ने आम बुनकरों को जागरूक करने को भी कहा है. बैठक में राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद के अधिकारियों, जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक, सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं, अन्य अधिकारियों तथा कुल्लू शाॅल वीवर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया.

कुल्लू: उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने कुल्लू शॉल भौगोलिक संकेतक अधिनियम के तहत विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कुल्लू शॉल वीवर्स एसोसिएशक के पदाधिकारियों के साथ बैठक की है. बैठक के दौरान डॉ. ऋचा वर्मा ने भौगोलिक संकेतक(जीआई मार्क) को कुल्लू शॉल निर्माताओं में अधिक लोकप्रिय बनाने पर बल दिया.

डीसी ने कहा कि कुल्लू शॉल के नाम से अन्य शॉल बेचने वालों के खिलाफ कुल्लू शॉल भौगोलिक संकेतक अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है. इस अधिनियम के तहत दोषियों को पच्चास हजार से दो लाख रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है. साथ ही छह महीने से से 3 वर्ष तक सजा हो सकती है. उपायुक्त ने कहा कि कुल्लू शॉल निर्माताओं और विक्रेताओं को अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी जानी चाहिए.

डॉ. ऋचा वर्मा ने अधिकारियों को जिला के शॉल निर्माताओं को कुल्लू शॉल वीवर्स एसोसिएशन के साथ जोड़ने और उन्हें उत्पादों पर जीआई मार्क लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में डीसी ने आम बुनकरों को जागरूक करने को भी कहा है. बैठक में राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद के अधिकारियों, जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक, सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं, अन्य अधिकारियों तथा कुल्लू शाॅल वीवर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया.

Intro:बुनकरों को समझाएं जीआई मार्क का महत्व: डीसीBody:
उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा ने कुल्लू शाॅल भौगोलिक संकेतक अधिनियम के तहत विभिन्न विभागों के अधिकारियों तथा कुल्लू शाॅल वीवर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान डा. ऋचा वर्मा ने भौगोलिक संकेतक यानि जीआई मार्क को कुल्लू शाल निर्माताओं में अधिक लोकप्रिय बनाने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि कुल्लू शाॅल के नाम से अन्य शाॅल बेचने वालों के खिलाफ कुल्लू शाॅल भौगोलिक संकेतक अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। दोषियों को अधिनियम के तहत पचास हजार से दो लाख रुपये तक जुर्माना और छह माह से 3 वर्ष तक सजा हो सकती है। उपायुक्त ने कहा कि कुल्लू शाॅल निर्माताओं और विक्रेताओं को अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों से अवगत करवाया जाना चाहिए।
डा. ऋचा वर्मा ने अधिकारियों को जिला के अधिक से अधिक शाॅल निर्माताओं को कुल्लू शाॅल वीवर्स एसोसिएशन के साथ जोड़ने और उन्हें उत्पादों पर जीआई मार्क लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। Conclusion:उन्होंने इस संबंध में आम बुनकरों को जागरूक करने को भी कहा। बैठक में राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद के अधिकारियों, जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक, सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं, अन्य अधिकारियों तथा कुल्लू शाॅल वीवर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
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