ETV Bharat / city

पट्टन घाटी में पुल बहने से किसान परेशान, सब्जियों की गाड़ियां भी फंसी

पट्टन घाटी में बारिश और बाढ़ के चलते पुल बहने से किसान परेशान हैं. जाहलमा व शांशा पुल के बहने से अब किसानों की परेशानी भी बढ़ गई है. अगर कुछ दिनों में दोनों नालों पर पुल की व्यवस्था नहीं की गई तो घाटी के सैकड़ों किसानों के कृषि उत्पाद खेतों में ही खराब हो जाएंगे.

author img

By

Published : Jul 30, 2021, 1:58 PM IST

Updated : Jul 30, 2021, 2:26 PM IST

फोटो
फोटो

लाहौल स्पीति: उदयपुर उपमंडल में बीते दिनों आई भयंकर बाढ़ के चलते कई सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जाहलमा व शांशा पुल के बहने से अब किसानों की परेशानी भी बढ़ गई है. हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों से यहां सब्जियों का व्यापार करने आए व्यापारी भी फंस गए हैं और उन्हें अपने सब्जियों के खराब होने का डर सता रहा है.

ऐसे में अगर कुछ दिनों में दोनों नालों पर पुल की व्यवस्था ठीक नहीं की गई तो घाटी के सैकड़ों किसानों के कृषि उत्पाद खेतों में ही खराब हो जाएंगे. आम आदमी पार्टी लाहौल-स्पीति के अध्यक्ष श्याम चंद आजाद ने भी जिला प्रशासन से किसानों की समस्या को देखते हुए जल्द से जल्द पुल बनाने की मांग की है.

श्याम चंद आजाद का कहना है कि लाहौल घाटी में किसानों की आर्थिकी का जरिया कृषि ही है. लाहौल घाटी में 6 माह बर्फ पड़ी रहती है, तो सिर्फ 6 महीने की यहां के लोग अपने खेतों में कृषि कार्य कर पाते है. इन दिनों पट्टन घाटी में मटर गोभी सहित अन्य सब्जियां तैयार हैं और इन्हें खरीदने के लिए भी व्यापारी घाटी का रुख कर रहे हैं, लेकिन बारिश और बाढ़ के चलते अब व्यापारी व किसान दोनों ही परेशान हो गए हैं.

ये भी पढ़ें: लाहौल-स्पीति: जान पर खेलकर बलराम ने 25 लोगों को उफनता नाला करवाया पार

लाहौल स्पीति: उदयपुर उपमंडल में बीते दिनों आई भयंकर बाढ़ के चलते कई सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जाहलमा व शांशा पुल के बहने से अब किसानों की परेशानी भी बढ़ गई है. हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों से यहां सब्जियों का व्यापार करने आए व्यापारी भी फंस गए हैं और उन्हें अपने सब्जियों के खराब होने का डर सता रहा है.

ऐसे में अगर कुछ दिनों में दोनों नालों पर पुल की व्यवस्था ठीक नहीं की गई तो घाटी के सैकड़ों किसानों के कृषि उत्पाद खेतों में ही खराब हो जाएंगे. आम आदमी पार्टी लाहौल-स्पीति के अध्यक्ष श्याम चंद आजाद ने भी जिला प्रशासन से किसानों की समस्या को देखते हुए जल्द से जल्द पुल बनाने की मांग की है.

श्याम चंद आजाद का कहना है कि लाहौल घाटी में किसानों की आर्थिकी का जरिया कृषि ही है. लाहौल घाटी में 6 माह बर्फ पड़ी रहती है, तो सिर्फ 6 महीने की यहां के लोग अपने खेतों में कृषि कार्य कर पाते है. इन दिनों पट्टन घाटी में मटर गोभी सहित अन्य सब्जियां तैयार हैं और इन्हें खरीदने के लिए भी व्यापारी घाटी का रुख कर रहे हैं, लेकिन बारिश और बाढ़ के चलते अब व्यापारी व किसान दोनों ही परेशान हो गए हैं.

ये भी पढ़ें: लाहौल-स्पीति: जान पर खेलकर बलराम ने 25 लोगों को उफनता नाला करवाया पार

Last Updated : Jul 30, 2021, 2:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.