कुल्लू: जिले में हिमाचल किसान सभा शनिवार को ग्रामीण स्तर पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर केंद्र सरकार के कृषि कानून की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, किसानों ने मांग रखी कि जल्द से जल्द इन कानूनों को रद्द किया जाए, ताकि देश के लाखों किसानों को राहत मिल सके.
किसान सभा के राज्य सह सचिव होतम सिंह सौंखला ने बताया कि 5 जून 2020 को केंद्र सरकार ने गैर संवैधानिक तरीके से किसान विरोधी कृषि कानून लागू किए थे. उस दिन से ही किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 26 नवंबर 2020 से दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं और पूरे देश में किसान काले कानून को रद्द करने के लिए आवाज उठा रहे हैं. दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन करते हुए करीब 600 से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार किसानों की मांग को नहीं मान रही है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान क्रांति का किया आगाज
हौतम सौंखला ने बताया कि शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने संपूर्ण किसान क्रांति का आगाज किया है, क्योंकि आज ही के दिन जय प्रकाश (जेपी आंदोलन) ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था. उन्होंने बताया कि गत 26 मई को आंदोलन के छह माह होने पर जिले में 100 से अधिक स्थानों पर काले झंडे लेकर विरोध किया गया था.
कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर किया विरोध
आज भी पूरे जिले में जगह-जगह ग्रामीण स्तर पर तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध किया गया. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर एमएसपी पर कानून बनाए जाए. गौर रहे की सीटू व अन्य राजनीतिक दलों के द्वारा भी कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए धरने प्रदर्शन किए थे. वहीं, दिल्ली में जाकर भी किसानों के समर्थन में आंदोलन में भाग लिया था.
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