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कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में महिला डॉक्टरों की कमी, मात्र एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के सहारे गर्भवती महिलाएं

कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ होने के चलते आधे दिन तक महिलाओं को डॉक्टर के केबिन के बाहर ही गुजारना पड़ रहा है. जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चन्द्र का कहना है कि हर माह गर्भवती महिलाओं का एक दिन विशेष रूप से जांच की जाती है.

क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में डॉक्टर की कमी
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Published : Jul 3, 2019, 3:02 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में इन दिनों गर्भवती महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों से आए मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अस्पताल में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ होने के चलते आधे दिन तक महिलाओं को डॉक्टर के केबिन के बाहर ही गुजारना पड़ रहा है. जब डॉक्टर का राउंड पूरा होता है तो उसके बाद ही उन महिलाओं को डॉक्टर द्वारा देखा जाता है. क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, लाहौल स्पीति व मंडी जिला के कुछ इलाकों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर पाता है.

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एक विशेषज्ञ डॉक्टर वार्ड का राउंड करे या ओपीडी संभाले, उनके लिए भी बड़ी दिक्कत की बात है. क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में भले ही सरकार की ओर से नौ महीने पहले दो स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भेजे गए थे लेकिन कुछ महीनों के बाद ही दो में से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर का तबादला हो गया.

वहीं, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चन्द्र का कहना है कि हर महीने में एक दिन गर्भवती महिलाओं का विशेष रूप से जांच की जाती है. कुल्लु में भी गायनी विशेषज्ञ महिलाओं की रोजाना जांच की जाती है. कुल्लू अस्पताल में महिलाओं के स्वास्थ्य की पूरी सही तरीके से जांच के साथ सुविधा दी जा रही है.

क्षेत्रीय अस्पताल, कुल्लू

सरकार और स्वास्थ्य विभाग तीन जिलों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने वाले इस अस्पताल में स्वीकृति अनुसार स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्तियां करने में क्यों विफल हो रहे हैं, यह प्रश्न चिन्ह फिर खड़ा हो गया है.

कुल्लू: जिला कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में इन दिनों गर्भवती महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों से आए मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अस्पताल में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ होने के चलते आधे दिन तक महिलाओं को डॉक्टर के केबिन के बाहर ही गुजारना पड़ रहा है. जब डॉक्टर का राउंड पूरा होता है तो उसके बाद ही उन महिलाओं को डॉक्टर द्वारा देखा जाता है. क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, लाहौल स्पीति व मंडी जिला के कुछ इलाकों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर पाता है.

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एक विशेषज्ञ डॉक्टर वार्ड का राउंड करे या ओपीडी संभाले, उनके लिए भी बड़ी दिक्कत की बात है. क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में भले ही सरकार की ओर से नौ महीने पहले दो स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भेजे गए थे लेकिन कुछ महीनों के बाद ही दो में से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर का तबादला हो गया.

वहीं, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चन्द्र का कहना है कि हर महीने में एक दिन गर्भवती महिलाओं का विशेष रूप से जांच की जाती है. कुल्लु में भी गायनी विशेषज्ञ महिलाओं की रोजाना जांच की जाती है. कुल्लू अस्पताल में महिलाओं के स्वास्थ्य की पूरी सही तरीके से जांच के साथ सुविधा दी जा रही है.

क्षेत्रीय अस्पताल, कुल्लू

सरकार और स्वास्थ्य विभाग तीन जिलों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने वाले इस अस्पताल में स्वीकृति अनुसार स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्तियां करने में क्यों विफल हो रहे हैं, यह प्रश्न चिन्ह फिर खड़ा हो गया है.

Intro:कुल्लू अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की जगह पर्ची लग रही लाइन में
स्त्री रोग विशेषज्ञ की खल रही कमी Body:

जिला कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में इन दिनों गर्भवती महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुल्लू अस्पताल में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ होने के चलते आधे दिन तक महिलाओं को डॉक्टर के कैबिन के बाहर ही गुजारना पड़ रहा है। जब डॉक्टर का राउंड पूरा होता है तो उसके बाद ही उन महिलाओं का नंबर आ रहा है। जिस कारण महिलाओं को खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। महिलाएं सुबह ही अपने चेकअप के लिए कुल्लू अस्पताल पहुंच रही हैं लेकिन समय पर डॉक्टर ना मिलने के कारण उन्हें सही समय पर सुविधा नहीं मिल पा रही है। कुल्लू का क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, लाहौल स्पीति व मंडी जिला के कुछ इलाकों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर पाता है। मंगलवार को भी क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू की 309 नंबर ओपीडी के बाहर स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर का इंतजार में महिलाएं ताकतीं ही नहीं रही, बल्कि थकहार कर अपनी-अपनी पर्चियों को दरवाजे से लेकर लाइन में रखकर फर्श पर बैठी रही। लेकिन एक मात्र विशेषज्ञ डाक्टर साहब शायद वार्ड में राउंड पर थे। एक बजे तक दरवाजे बंद पड़ा था। जिला कुल्लू के दूर दराज गांव से आई महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। एक विशेषज्ञ डाक्टर वार्ड का राउंड करे या ओपीडी संभाले, उनके लिए भी बड़ी दिक्कत है। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में भले ही नौ महीने पहले दो स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर भेजे थे, लेकिन कुछ महीनों के बाद भी दो में से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर तबादला होकर कहीं दूसरी जगह चले गए हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग तीन जिलों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने वाले इस अस्पताल में स्वीकृति अनुसार स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्तियां करने में क्यों विफल हो रहे हैं, यह प्रश्न चिन्ह फिर खड़ा हो गया है। सरकार और विभाग को अपने अस्पताल में निजी अस्पताल से विशेषज्ञ डाक्टर हायर करने की नौबत क्यों आ रही है, यह बड़ा सवाल जनता कर रही है। क्षेत्रीय अस्पताल प्रबंधन ने दो स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टरों में एक डाक्टर का पद खाली होने पर नॉरमल डिलीवरी और सजेरियन करवाने के लिए दो निजी अस्पताल के डाक्टर हायर कर जुगाड़तंत्र तो कर दिया है। लेकिन रुटीन चेकअप के लिए आई गर्भवती महिलाओं की परेशानी कम होने का नाम नही ले रही।
Conclusion:बॉक्स
वही, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुशील चन्द्र का कहना है कि हर माह गर्भवती महिलाओं का 1 दिन विशेष रूप से जांच की जाती है। कुल्लु में भी गायनी विशेषज्ञ महिलाओं की रोजाना जांच की जाती है। वही, मनाली व भुंतर में भी हर माह की 9 तारीख को निजी संस्थानों से भी डॉक्टर गर्भवती महिलाओं की जांच करती है।वही, कुछ मामलों में गर्भवती महिलाओं को भी कुल्लू अस्पताल में डॉक्टर द्वारा तुरन्त चिकित्सा प्रदान की जाती है। कुल्लू अस्पताल में महिलाओं के स्वास्थ्य की पूरी सही तरीके से जांच के साथ सुविधा दी जा रही है।
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