कुल्लू: जिला कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में इन दिनों गर्भवती महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों से आए मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अस्पताल में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ होने के चलते आधे दिन तक महिलाओं को डॉक्टर के केबिन के बाहर ही गुजारना पड़ रहा है. जब डॉक्टर का राउंड पूरा होता है तो उसके बाद ही उन महिलाओं को डॉक्टर द्वारा देखा जाता है. क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, लाहौल स्पीति व मंडी जिला के कुछ इलाकों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर पाता है.
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एक विशेषज्ञ डॉक्टर वार्ड का राउंड करे या ओपीडी संभाले, उनके लिए भी बड़ी दिक्कत की बात है. क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में भले ही सरकार की ओर से नौ महीने पहले दो स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भेजे गए थे लेकिन कुछ महीनों के बाद ही दो में से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर का तबादला हो गया.
वहीं, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चन्द्र का कहना है कि हर महीने में एक दिन गर्भवती महिलाओं का विशेष रूप से जांच की जाती है. कुल्लु में भी गायनी विशेषज्ञ महिलाओं की रोजाना जांच की जाती है. कुल्लू अस्पताल में महिलाओं के स्वास्थ्य की पूरी सही तरीके से जांच के साथ सुविधा दी जा रही है.
सरकार और स्वास्थ्य विभाग तीन जिलों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने वाले इस अस्पताल में स्वीकृति अनुसार स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्तियां करने में क्यों विफल हो रहे हैं, यह प्रश्न चिन्ह फिर खड़ा हो गया है.