कुल्लू: नगर परिषद कुल्लू में हुई हार से तिलमिलाई बीजेपी ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. नगर परिषद में वार्ड नंबर 9 से बागी होकर चुनाव लड़े चंदन प्रेमी को बीजेपी ने कार्यालय सचिव पद से हटाकर छह साल के लिए निष्काशित किया है.
कुल्लू बीजेपी में गुटबाजी
चंदन प्रेमी पर आरोप है कि पहले पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा और बाद में जीतने पर नगर परिषद की कार्यकारिणी में कांग्रेस का साथ दिया. गौर रहे कि कुल्लू में बीजेपी की गुटबाजी चार दिशाओं में जा रही है. पंचायतीराज चुनाव में नगर परिषद के मुकाबले रोचक रहे. यहां पर बीजेपी के तीन पार्षद जीतकर आए तो बीजेपी के बागी भी तीन के आंकड़े पर पहुंचे.
बागी बीजेपी नेताओं ने की कांग्रेस की मदद
इस तरह यदि बीजेपी और बीजेपी के बागी इकठ्ठे होते तो नगर परिषद अध्यक्ष बनने के लिए बहुमत बनता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी के बागी यदि जीते भी हैं तो वह गोपालकृष्ण महंत की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. ऐसे में बीजेपी ने उनका साथ नहीं दिया बल्कि कांग्रेस ने ही उन्हें जीताने में मदद की है. किसी भी बागी ने बीजेपी का साथ नप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव में नहीं दिया.
पार्टी ने चंदन प्रेमी को किया निष्काशित
वहीं, बागियों ने अपने आप को गोपालकृष्ण महंत के साथ ही सुरक्षित समझा. हालांकि, बागियों ने पार्टी नहीं छोड़ी और अपने ही ग्रुप से आशा महंत को उपाध्यक्ष बनाया लेकिन बीजेपी को यह भी रास नहीं आया. अब लड़ाई यह थी कि बागी अपने आप को असली भाजपाई मान रहे थे और यह कह रहे थे कि उपाध्यक्ष तो बीजेपी का ही बना लेकिन अब पार्टी ने पहली करवाई करते हुए चंदन प्रेमी पर गाज गिराई है और संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता पार्टी में सहन नहीं होगी.
कुल्लू बीजेपी अध्यक्ष ने की पुष्टि
जिला में बीजेपी में गुटबाजी देखने को मिल रही है. इसका सीधा नुकसान बीजेपी को विधानसभा चुनाव में पड़ सकता है. अपने ही साथियों को बाहर करके भी बीजेपी कमजोर होती नजर आ रही है. कुल्लू बीजेपी अध्यक्ष भीमसेन शर्मा ने इसकी पुष्टि की है.