नाहन: मुख्यमंत्री की सराहां में आयोजित जनसभा के दौरान महिला नेत्री दयाल प्यारी से कथित बदसलूकी के मामले में कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष एवं भाजपा नेता बलदेव भंडारी ने शुक्रवार को 2 पन्नों की प्रेस रिलीज जारी कर अपना पक्ष रखा है. मीडिया को जारी बयान में बलदेव भंडारी ने कहा कि महिला नेत्री दयाल प्यारी ने पच्छाद थाना में मुकदमा दर्ज करवाते हुए आरोप लगाए हैं वह पूरी तरह से बेबुनियाद है. यह केवल राजनीतिक दुश्मनी की वजह से मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है.
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बलदेव भंडारी ने कहा कि बीजेपी नेत्री ने 2017 के विधानसभा चुनाव में भी टिकट न मिलने के कारण पार्टी प्रत्याशी सुरेश कश्यप को हराने का पूरा प्रयास किया. भाजपा मंडल पच्छाद द्वारा भी दयाल प्यारी को पार्टी के खिलाफ कई गतिविधियों में संलिप्त पाया गया था, जिसके बाद मंडल के प्रस्ताव पर उक्त नेत्री को पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव भी प्रदेश सहित भाजपा जिलाध्यक्ष को भेजा गया था. उस दौरान भी महिला नेत्री ने अनाप शनाप आरोप लगाए थे.
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भंडारी ने कहा कि जहां तक मुख्यमंत्री की रैली की बात है, वहां भी मुख्यमंत्री की पहली पंक्ति वीआईपी के लिए रखी गई थी, जहां पर सभी के नामों की पर्ची भी लगी थी. जबकि दूसरी पंक्ति में अन्य कार्यकर्ताओं के लिए कुर्सियां लगी थी. इसी बीच थोड़ी देर बाद दयाल प्यारी वहां आई और पहली पंक्ति में उत्तराखंड के विधायक के नाम की पर्ची को फाड़ कर एक कार्यकर्ता की जेब में डाल खुद वहां बैठ गईं. विधायक के आने पर भी उक्त नेत्री ने उन्हें वहां नहीं बैठने दिया, जिसके बाद उक्त विधायक को दूसरी कुर्सी पर बिठाया गया.
महिला नेत्री के साथ बदसलुकी पर भंडारी ने यह भी कहा कि जिस वक्त मुख्यमंत्री मंच पर अभिवादन स्वीकार कर रहे थे, उस बीच भी दयाल प्यारी उन्हें साइड लाइन कर मुख्यमंत्री के साथ खड़ी हो गईं. इसके बाद वे प्रोटोकॉल के हिसाब से मुख्यमंत्री के साथ खड़े हुए और दयाल प्यारी को थोड़ा हटकर खड़े होने को कहा और हमने लोगों का अभिवादन स्वीकार किया.
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