लाहौल स्पीति: मंगलवार को बादल फटने से नालों में आई बाढ़ से लाहौल घाटी में फंसे पर्यटकों व लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है. खराब चल रहे मौसम से रेस्क्यू में बाधा आ रही थी. लेकिन रविवार की सुबह मौसम साफ होते ही सरकार ने रेस्क्यू अभियान शुरू किया. हेलिकॉप्टर के माध्यम पर्यटकों व अन्य लोगों को तांदी हेलीपैड पहुंचाया.
खराब मौसम की बीच ही कई पर्यटक और स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर झूला पुल पार करते हुए अपने घरों को निकल गए थे, जबकि वहां कुछ लोग फंसे हुए थे. मौसम साफ होते ही उन्हें भी वहां से रेस्क्यू कर लिया गया है.
डीसी नीरज कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लाहौल दौरे के दौरान उनके ध्यान में भी पट्टन और मयाड़ वैली में हुए नुकसान का ब्योरा रखा गया. उन्होंने लोक निर्माण, जल शक्ति, बिजली बोर्ड, कृषि और बागवानी क्षेत्र में हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि पट्टन वैली में स्पैन के निर्माण के निर्देश दिए गए हैं ताकि सड़क की पूरी बहाली तक किसानों को वैकल्पिक सुविधा मिल सके.
आज 18 लोगों को हैलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू किया गया. जिसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल रहीं. झूले से दोपहर तक 50 लोगों को रेस्क्यू करके बस के माध्यम से मनाली पहुंचाया गया. राज्य सरकार के नए हेलीकॉप्टर की ये पहली उड़ान थी, जिसे लाहौल घाटी में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल किया गया.
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार उदयपुर क्षेत्र में फंसे सभी लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. उपमंडलीय प्रशासन को हिदायत दी गई है कि विशेष तौर से ये जानकारी जुटाई जाए कि कोई ट्रैकर शेष तो नहीं जो अभी भी कहीं रुका या फंसा हो. उन्होंने बताया कि उदयपुर क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी भी बहाल हो गई है. 31 जुलाई को 21 ट्रैकर्स की टीम के अलावा लगभग 45 अन्य लोगों को भी जोबरंग, लिंगर और रावा से होते हुए रेस्क्यू किया गया. वे सभी अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं.
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