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हमीरपुर में स्कूल की बाड़बंदी, जमीन दान देने के बाद भी नहीं मिली नौकरी

हमीरपुर के सनेड़ गांव के स्कूल में मल्टी टास्क वर्कर की दूसरे गांव के व्यक्ति की भर्ती के बाद ग्रामीणों ने विरोध Protest in Saned Village जताकर स्कूल को नहीं खुलने दिया. बाद में पंचायत प्रतिनिधियों और तहसीलदार की समझाइश के बाद स्कूल को खोला गया.जानकारी के मुताबिक कुछ बच्चों को लोगों ने स्कूल नहीं villagers fenced school in Saned आने दिया.

Saned multi task worker recruitment
सनेड़ में मल्टी टास्ट वर्कर की भर्ती न मिलने पर स्कूल की बाड़बंदी
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Published : Aug 21, 2022, 1:27 PM IST

Updated : Aug 21, 2022, 2:03 PM IST

हमीरपुर: भोरंज क्षेत्र के उखली पंचायत में सनेड़ गांव में मल्टी टास्क वर्कर के पद (Saned multi task worker recruitment) के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने शनिवार को राजकीय प्राथमिक और माध्यमिक पाठशाला स्कूल सनेड़ में बाड़बंदी कर (villagers fenced school in Saned ) दी. उन्होंने बच्चों को भी स्कूल नहीं आने दिया. बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने छात्रों को एक मकान में ठहराया और उनका पूरा ख्याल रखा. ग्रामीणों का गुस्सा इस बात को लेकर था कि स्कूल में मल्टी टास्क वर्कर भर्ती के दौरान किसी अन्य गांव के व्यक्ति का चयन किया गया.

सनेड़ गांवासियों ने की थी भूमि दान: ग्रामीणों का तर्क है कि इस स्कूल के निर्माण के लिए सनेड़ गांव के लोगों ने अपनी भूमि दान की थी. ऐसे में गुस्साए गांव वासियों ने शनिवार के दिन स्कूल को ही बंद कर दिया. इस दौरान काफी अधिक संख्या में गांव के लोग एकत्रित हुए और एमटीएस भर्ती का विरोध जताया. ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों पहले हमने स्कूल निर्माण के लिए भूमि दान की (multi task worker recruitment in hamirpur) थी. ग्रामीणों द्वारा दान की गई भूमि के कारण ही यहां पर स्कूल का निर्माण हुआ, और अब तक हजारों छात्र यहां से शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं.

हमीरपुर में स्कूल की बाड़बंदी

25 छात्र पढ़ रहे: वर्तमान में इस स्कूल में 25 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें से 18 छात्र प्राइमरी स्कूल ,जबकि 7 माध्यमिक पाठशाला सनेड़ में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. ग्रामीणों द्वारा विरोध जताने के बाद उत्पन्न हुआ तनाव का माहौल शांत करने के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पट्टा के प्रधानाचार्य भी पहुंचे. वहीं इस संबंध में तहसीलदार हमीरपुर को भी सूचित किया गया (Protest in Saned Village) है. ग्राम पंचायत प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की बात को सुना.

समझाइश के बाद खोला गया स्कूल: ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव के किसी सदस्य को एमटीएस के रूप में रखा जाना चाहिए था. ग्रामीणों का दावा है कि नियम के अनुसार संबंधित गांव से ही व्यक्ति को रखा जाता है. तहसीलदार हमीरपुर अशोक पठानिया ने बताया कि लोगों को समझाने के बाद स्कूल को खोला गया. स्थानीय पंचायत प्रधान भोली शर्मा ने कहा कि लोगों और स्कूल प्रबंधन की तरफ से उन्हें सूचित किया था. उन्होंने कहा कि लोगों की मांग जायज है. स्थानीय लोगों को उनका हक मिलना चाहिए. प्रशासन को लोगों की इस मांग पर सुनवाई करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: अरमानों के साथ बनाया था आशियाना, कुछ ही पलों में हुआ जमींदोज, काशन खड्ड में एक साथ जलीं 7 चिताएं

हमीरपुर: भोरंज क्षेत्र के उखली पंचायत में सनेड़ गांव में मल्टी टास्क वर्कर के पद (Saned multi task worker recruitment) के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने शनिवार को राजकीय प्राथमिक और माध्यमिक पाठशाला स्कूल सनेड़ में बाड़बंदी कर (villagers fenced school in Saned ) दी. उन्होंने बच्चों को भी स्कूल नहीं आने दिया. बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने छात्रों को एक मकान में ठहराया और उनका पूरा ख्याल रखा. ग्रामीणों का गुस्सा इस बात को लेकर था कि स्कूल में मल्टी टास्क वर्कर भर्ती के दौरान किसी अन्य गांव के व्यक्ति का चयन किया गया.

सनेड़ गांवासियों ने की थी भूमि दान: ग्रामीणों का तर्क है कि इस स्कूल के निर्माण के लिए सनेड़ गांव के लोगों ने अपनी भूमि दान की थी. ऐसे में गुस्साए गांव वासियों ने शनिवार के दिन स्कूल को ही बंद कर दिया. इस दौरान काफी अधिक संख्या में गांव के लोग एकत्रित हुए और एमटीएस भर्ती का विरोध जताया. ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों पहले हमने स्कूल निर्माण के लिए भूमि दान की (multi task worker recruitment in hamirpur) थी. ग्रामीणों द्वारा दान की गई भूमि के कारण ही यहां पर स्कूल का निर्माण हुआ, और अब तक हजारों छात्र यहां से शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं.

हमीरपुर में स्कूल की बाड़बंदी

25 छात्र पढ़ रहे: वर्तमान में इस स्कूल में 25 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें से 18 छात्र प्राइमरी स्कूल ,जबकि 7 माध्यमिक पाठशाला सनेड़ में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. ग्रामीणों द्वारा विरोध जताने के बाद उत्पन्न हुआ तनाव का माहौल शांत करने के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पट्टा के प्रधानाचार्य भी पहुंचे. वहीं इस संबंध में तहसीलदार हमीरपुर को भी सूचित किया गया (Protest in Saned Village) है. ग्राम पंचायत प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की बात को सुना.

समझाइश के बाद खोला गया स्कूल: ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव के किसी सदस्य को एमटीएस के रूप में रखा जाना चाहिए था. ग्रामीणों का दावा है कि नियम के अनुसार संबंधित गांव से ही व्यक्ति को रखा जाता है. तहसीलदार हमीरपुर अशोक पठानिया ने बताया कि लोगों को समझाने के बाद स्कूल को खोला गया. स्थानीय पंचायत प्रधान भोली शर्मा ने कहा कि लोगों और स्कूल प्रबंधन की तरफ से उन्हें सूचित किया था. उन्होंने कहा कि लोगों की मांग जायज है. स्थानीय लोगों को उनका हक मिलना चाहिए. प्रशासन को लोगों की इस मांग पर सुनवाई करनी चाहिए.

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Last Updated : Aug 21, 2022, 2:03 PM IST
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