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देश के दूसरे स्क्वाड्रन लीडर को भूली सरकार, शहीद के परिजनों ने की ये मांग - hamirpur news

भोरंज के तरक्वाड़ी डिग्री कॉलेज का नाम स्क्वाड्रन लीडर बीएस डोगरा के नाम पर रखने की मांग की जा रही है. बीएस डोगरा का जन्म 26 जून 1920 को हुआ था. वे एक उत्कृष्ट बॉम्बर पायलट थे

Squadron Leader BS Dogra
बीएस डोगरा
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Published : Aug 9, 2020, 6:22 PM IST

हमीरपुर: उपमंडल भोरंज के तरक्वाड़ी कस्बे से संबंध रखने वाले देश के दूसरे और प्रदेश के पहले स्क्वाड्रन लीडर बीएस डोगरा वीर चक्र से सम्मानित किए गए. उनका गांव उनके मरणोपरांत भी अपनी पहचान खो चुका है जिसका उनके गांव के लोगों को मलाल है.

बीएस डोगरा के भतीजे अनिल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जब वह लड़ाकू विमान उड़ाते थे और जब वह छुट्टी पर घर आते थे तो ग्रामीणों को बताते थे कि वह लड़ाकू विमान उड़ाते हैं. उस समय लोग अधिक पढ़े-लिखे नहीं होते थे. उनके साथी कहते कि आप मजाक कर रहे हो फिर वह उनको दिन और समय बताते और उस दिन गांव के ऊपर से विमान चलाते थे जिससे गांव के सारे मवेशी डर जाते थे. तब ग्रामिणों ने माना कि वे लड़ाकू विमान उड़ाते हैं.

वीडियो रिपोर्ट

बीएस डोगरा का जन्म 26 जून 1920 को हुआ था. उनकी स्कूलिंग एन डी विक्टर हाई स्कूल जालंधर कैंट से हुई थी. इसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट 1939 में दयाल सिंह कॉलेज से की थी. वर्ष 1941 में उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से बीए की. कॉलेज की विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया, हॉकी इलेवन का सदस्य और विश्वविद्यालय प्रशिक्षण कोर में वह कॉलेज की तैराकी टीम में थे और डाइविंग में विश्वविद्यालय चैम्पियनशिप जीती. उन्हें कॉलेज कलर्स से सम्मानित किया गया.

वह एक उत्कृष्ट बॉम्बर पायलट थे. द जम्मू-कश्मीर अभियान में एक दिग्गज की तरह उन्होंने अपनी भूमिका निभाई थी जिसमें उन्होंने वीर चक्र जीता. वर्ष 1950 में उनको स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया गया. वह अपने स्क्वाड्रन के साथ यू.के.से वैम्पायर जेट्स लाए थे.

Squadron Leader BS Dogra
प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का लिखा हुआ पत्र

अनिल ठाकुर ने बताया कि स्क्वाड्रन लीडर बलदेव सिंह डोगरा ने जम्मू एवं कश्मीर ऑपरेशन के दौरान बड़ी संख्या में उड़ानें भरीं. एक कुशल पायलट होने के नाते उन्होंने कोहाला बाग मार्ग पर दुश्मनों के बहुत से वाहनों को प्रभावपूर्ण तरीके से रोका और ध्वस्त किया. इनकी सभी उड़ानें, इनके कौशल, दुश्मन को किसी भी कीमत पर परास्त करने का निश्चय और कर्तव्य के प्रति पूर्ण समर्पण के रूप में जानी जाती हैं.

बीएस डोगरा ने बेझिझक कठिन लक्ष्यों को लिया.असाधारण सेवाओं के लिए उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया. उनके शहीद होने पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनकी पत्नी तारा देवी डोगरा को पत्र लिख कर शोक प्रकट किया था. अनिल ठाकुर ने बताया कि 1950 में ही फाइटर प्लेन के क्रेश होने से वह वीरगति को प्राप्त हुए थे. इसके बाद उनकी पत्नी का भी देहांत हो गया था. उनकी एक बेटी है जो कुल्लू में रहती है.

Squadron Leader BS Dogra
शहीद बीएस डोगरा को मिला वीर चक्र

अनिल ठाकुर ने कहा कि उनका घर खंडहर बन गया है. किसी भी सरकार ने उनके बलिदान पर कोई भी स्मारक नहीं बनाया है. ऐसे में सरकार से मांग की है कि भोरंज के तरक्वाड़ी डिग्री कॉलेज का नाम शहीद बीएस डोगरा के नाम पर रखा जाए.

ये भी पढ़ें: राजन सुशांत ने जयराम सरकार पर लगाए आरोप, कहा- प्रदेश में CM और मंत्री फैला रहे कोरोना

हमीरपुर: उपमंडल भोरंज के तरक्वाड़ी कस्बे से संबंध रखने वाले देश के दूसरे और प्रदेश के पहले स्क्वाड्रन लीडर बीएस डोगरा वीर चक्र से सम्मानित किए गए. उनका गांव उनके मरणोपरांत भी अपनी पहचान खो चुका है जिसका उनके गांव के लोगों को मलाल है.

बीएस डोगरा के भतीजे अनिल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जब वह लड़ाकू विमान उड़ाते थे और जब वह छुट्टी पर घर आते थे तो ग्रामीणों को बताते थे कि वह लड़ाकू विमान उड़ाते हैं. उस समय लोग अधिक पढ़े-लिखे नहीं होते थे. उनके साथी कहते कि आप मजाक कर रहे हो फिर वह उनको दिन और समय बताते और उस दिन गांव के ऊपर से विमान चलाते थे जिससे गांव के सारे मवेशी डर जाते थे. तब ग्रामिणों ने माना कि वे लड़ाकू विमान उड़ाते हैं.

वीडियो रिपोर्ट

बीएस डोगरा का जन्म 26 जून 1920 को हुआ था. उनकी स्कूलिंग एन डी विक्टर हाई स्कूल जालंधर कैंट से हुई थी. इसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट 1939 में दयाल सिंह कॉलेज से की थी. वर्ष 1941 में उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से बीए की. कॉलेज की विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया, हॉकी इलेवन का सदस्य और विश्वविद्यालय प्रशिक्षण कोर में वह कॉलेज की तैराकी टीम में थे और डाइविंग में विश्वविद्यालय चैम्पियनशिप जीती. उन्हें कॉलेज कलर्स से सम्मानित किया गया.

वह एक उत्कृष्ट बॉम्बर पायलट थे. द जम्मू-कश्मीर अभियान में एक दिग्गज की तरह उन्होंने अपनी भूमिका निभाई थी जिसमें उन्होंने वीर चक्र जीता. वर्ष 1950 में उनको स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया गया. वह अपने स्क्वाड्रन के साथ यू.के.से वैम्पायर जेट्स लाए थे.

Squadron Leader BS Dogra
प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का लिखा हुआ पत्र

अनिल ठाकुर ने बताया कि स्क्वाड्रन लीडर बलदेव सिंह डोगरा ने जम्मू एवं कश्मीर ऑपरेशन के दौरान बड़ी संख्या में उड़ानें भरीं. एक कुशल पायलट होने के नाते उन्होंने कोहाला बाग मार्ग पर दुश्मनों के बहुत से वाहनों को प्रभावपूर्ण तरीके से रोका और ध्वस्त किया. इनकी सभी उड़ानें, इनके कौशल, दुश्मन को किसी भी कीमत पर परास्त करने का निश्चय और कर्तव्य के प्रति पूर्ण समर्पण के रूप में जानी जाती हैं.

बीएस डोगरा ने बेझिझक कठिन लक्ष्यों को लिया.असाधारण सेवाओं के लिए उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया. उनके शहीद होने पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनकी पत्नी तारा देवी डोगरा को पत्र लिख कर शोक प्रकट किया था. अनिल ठाकुर ने बताया कि 1950 में ही फाइटर प्लेन के क्रेश होने से वह वीरगति को प्राप्त हुए थे. इसके बाद उनकी पत्नी का भी देहांत हो गया था. उनकी एक बेटी है जो कुल्लू में रहती है.

Squadron Leader BS Dogra
शहीद बीएस डोगरा को मिला वीर चक्र

अनिल ठाकुर ने कहा कि उनका घर खंडहर बन गया है. किसी भी सरकार ने उनके बलिदान पर कोई भी स्मारक नहीं बनाया है. ऐसे में सरकार से मांग की है कि भोरंज के तरक्वाड़ी डिग्री कॉलेज का नाम शहीद बीएस डोगरा के नाम पर रखा जाए.

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