हमीरपुर: कोरोना संकटकाल में अभी तक लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर को करने से बचते नजर आ रहे हैं. बेशक, धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. लेकिन लोग अपनी गाड़ियों में सफर करने पर तवज्जो दे रहे हैं. जिन लोगों के पास अपनी गाड़ियां नहीं है वह गाड़ियां खरीद रहे हैं और जिन लोगों के पास बजट की कमी है वह सेकेंड हैंड कार भी खरीद रहे हैं.
बाजार में इन दिनों लोग अपनी पुरानी गाड़ियों को नहीं बेच रहे हैं. जिस वजह से सेकेंड हैंड कार के डीलरों के पास भी गाड़ियों की कमी आ गई है. लोगों की डिमांड ज्यादा होने के चलते पुरानी गाड़ियों के डीलर भी लोगों को गाड़ी मुहैय्या नहीं करा पा रहे हैं. लोग अब कम कीमत पर अपनी गाड़ियों को बेचने के लिए तैयार नहीं है.
मांग के साथ-साथ दाम में भी इजाफा
कोरोना संकटकाल में गाड़ियों का महत्व और अधिक बढ़ गया है ऐसे में बाजार में सेकेंड हैंड कार के दाम भी बढ़ गए हैं. कार डीलरों की मानें तो 20 से 30 फीसदी दाम पुरानी कारों के बढ़ चुके हैं. ऐसे में सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदना मुश्किल हो रहा है, जिस वजह से ग्राहकों को भी अधिक दाम में ही गाड़ियां खरीदनी पड़ रही है. बाजार में 2012 से 2015 के मॉडल की ऑर्डिनरी कार की डिमांड ज्यादा देखने को मिल रही है.
लोग बजट का भी रख रहे ख्याल
कोरोना महामारी से पहले बसों में सफर करना जोखिम भरा नहीं था, लेकिन अब लोग अपनी गाड़ियों में सफर करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. लोग 1 से 2 लाख के बीच में लोग गाड़ियां खरीद रहे हैं. ताकि उनका बजट भी ना बिगड़े और उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा भी ना लेना पड़े.
बसों में सफर करना जोखिम भरा
हमीरपुर निवासी पप्पू कुमार का कहना है कि इन दिनों बसों की सुविधा भी कम ही मिल रही है. हालांकि, अनलॉक के बाद बस सुविधा बहाल हुई है लेकिन बसों में कोरोना के चलते सफर करना जोखिम भरा है. जिस वजह से अब अपनी गाड़ी लेनी पड़ी है.
पुरानी गाड़ियों को बेचने से बच रहे लोग
सेकेंड हैंड ऑर्डिनरी कार के डीलर विनेश कुमार का कहना है कि बाजार में पुरानी गाड़ियों की डिमांड तो अधिक है लेकिन लोग गाड़ियां बेचना नहीं चाह रहे हैं. लोगों की मांग को पूरा करना थोड़ा मुश्किल हो गया है. सेकेंड हैंड लग्जरी गाड़ियों के डीलर अक्षय कुमार का कहना है कि लग्जरी गाड़ियों की डिमांड बाजार में कम हो गई है लेकिन ऑर्डिनरी गाड़ियां अधिक बिक रही हैं.