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फ्रंटलाइन वर्कर्ज चिकित्सकों के स्वास्थ्य पर शोध करने की योजना तैयार

वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्ज रहने वाले चिकित्सकों के स्वास्थ्य पर शोध करने की योजना तैयार की गई है. शोध के लिए प्रारंभिक चरण में हिमाचल प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेज शामिल किए गए हैं.

Research on doctors of Hamirpur medical college
हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में शोधकार्य
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Published : Dec 17, 2020, 12:19 PM IST

हमीरपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्ज रहने वाले चिकित्सकों के स्वास्थ्य पर शोध करने की योजना तैयार की गई है. शोध में यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि फ्रंटलाइन पर सेवाएं देने वाले चिकित्सकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए दी गई दवाई का इन कोरोना योद्धाओं पर क्या इफेक्ट पड़ रहा है.

शोध के लिए प्रारंभिक चरण में हिमाचल प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेज शामिल किए गए हैं. डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज एवं टांडा मेडिकल कॉलेज में शोधकार्य का प्रारूप तैयार किया गया गया है. पीजीआई के सहयोग से डिपार्टमेंट ऑफ फार्माकॉलोजी कोविड मरीजों के उपचार में जुटे चिकित्सकों के स्वास्थ्य का परीक्षण करेगा.

चिकिसकों पर कोरोना संक्रमितों का इफेक्ट

कोविड मरीजों को सेवाओं के दौरान चिकित्सकों को संक्रमण से बचाने के लिए दी गई दवाईयों का इनके शरीर पर क्या इफेक्ट हुआ है, इसका पता लगाया जाएगा. परीक्षण में पता लगाया जाएगा कि कोविड मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सकों पर दवाईयों का कोई साइड इफेक्ट हुआ है. इस पर स्थिति शोधकार्य पूरा होने के बाद स्पष्ट होगी. फिलहाल हिमाचल प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेज में से दो को शोधकार्य का जिम्मा सौंपा गया है.

पीजीआई चंडीगढ़ में शोधकार्य

हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के लिए यह सबसे बड़ी बात है. अभी तक मेडिकल कॉलेज को अपना भवन नसीब न हुआ हो, लेकिन प्रबंधन की कार्यकुशलता के चलते ही इसे शोध में शामिल किया गया है. जानकारी के अनुसार ऑल इंडिया लेवल पर पांच बड़े रिसर्च संस्थानों को चुना गया है. इनमें पीजीआई चंडीगढ़ भी एक है. पीजीआई की सहायता से हिमाचल में कोविड मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए शोधकार्य शुरू हुआ है. दवाईयों के जहां अच्छे इफेक्ट होते हैं. वहीं, इनके साइड इफेक्ट भी कई बार शरीर पर देखने को मिलते हैं.

कोरोना योद्धाओं पर दवाइयों का इफेक्ट

कोविड अस्पतालों में मरीजों का उपचार करने के साथ ही स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए नियमानुसार कार्य कर रहे हैं. इस दौरान डॉक्टरों को स्वस्थ रखने के लिए कुछेक दवाईयों भी लेनी पड़ी हैं. इन कोरोना योद्धाओं के स्वास्थ्य पर इन दवाईयों का क्या प्रभाव पड़ा है, इस पर रिसर्च शुरू हुई है. रिसर्च कार्य पूरा होने के बाद ही पता चलेगा कि दवाईयों का सही इफेक्ट हुआ है या फिर कुछ साइड इफेक्ट हुए हैं.

चिकित्सकों के स्वास्थ्य पर शोधकार्य शुरू

कोविड अस्पताल में सेवाएं देने वाले चिकित्सकों के स्वास्थ्य पर शोधकार्य शुरू हुआ है. कोरोना काल में चिकित्सकों ने फ्रंटलाइन वर्कर्ज के रूप में सबसे बेहतर सेवाएं दे रहे हैं. इस दौरान इन्हें खुद को स्वस्थ रखने के लिए कुछ एक दवाईयों का प्रयोग करना पड़ता है. इन दवाईयों का इनके स्वास्थ्य पर कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है, इसे लेकर रिसर्च की जा रही है. पीजीआई चंडीगढ़ के सहयोग से रिसर्च कार्य डिपार्टमेंट ऑफ फार्माकॉलोजी ने शुरू किया है.

ये भी पढ़ें: 11,388 अपात्र लोगों ने हड़प लिए किसान सम्मान निधि के 11.95 करोड़, अब वसूली करेंगे डीसी

हमीरपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्ज रहने वाले चिकित्सकों के स्वास्थ्य पर शोध करने की योजना तैयार की गई है. शोध में यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि फ्रंटलाइन पर सेवाएं देने वाले चिकित्सकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए दी गई दवाई का इन कोरोना योद्धाओं पर क्या इफेक्ट पड़ रहा है.

शोध के लिए प्रारंभिक चरण में हिमाचल प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेज शामिल किए गए हैं. डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज एवं टांडा मेडिकल कॉलेज में शोधकार्य का प्रारूप तैयार किया गया गया है. पीजीआई के सहयोग से डिपार्टमेंट ऑफ फार्माकॉलोजी कोविड मरीजों के उपचार में जुटे चिकित्सकों के स्वास्थ्य का परीक्षण करेगा.

चिकिसकों पर कोरोना संक्रमितों का इफेक्ट

कोविड मरीजों को सेवाओं के दौरान चिकित्सकों को संक्रमण से बचाने के लिए दी गई दवाईयों का इनके शरीर पर क्या इफेक्ट हुआ है, इसका पता लगाया जाएगा. परीक्षण में पता लगाया जाएगा कि कोविड मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सकों पर दवाईयों का कोई साइड इफेक्ट हुआ है. इस पर स्थिति शोधकार्य पूरा होने के बाद स्पष्ट होगी. फिलहाल हिमाचल प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेज में से दो को शोधकार्य का जिम्मा सौंपा गया है.

पीजीआई चंडीगढ़ में शोधकार्य

हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के लिए यह सबसे बड़ी बात है. अभी तक मेडिकल कॉलेज को अपना भवन नसीब न हुआ हो, लेकिन प्रबंधन की कार्यकुशलता के चलते ही इसे शोध में शामिल किया गया है. जानकारी के अनुसार ऑल इंडिया लेवल पर पांच बड़े रिसर्च संस्थानों को चुना गया है. इनमें पीजीआई चंडीगढ़ भी एक है. पीजीआई की सहायता से हिमाचल में कोविड मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए शोधकार्य शुरू हुआ है. दवाईयों के जहां अच्छे इफेक्ट होते हैं. वहीं, इनके साइड इफेक्ट भी कई बार शरीर पर देखने को मिलते हैं.

कोरोना योद्धाओं पर दवाइयों का इफेक्ट

कोविड अस्पतालों में मरीजों का उपचार करने के साथ ही स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए नियमानुसार कार्य कर रहे हैं. इस दौरान डॉक्टरों को स्वस्थ रखने के लिए कुछेक दवाईयों भी लेनी पड़ी हैं. इन कोरोना योद्धाओं के स्वास्थ्य पर इन दवाईयों का क्या प्रभाव पड़ा है, इस पर रिसर्च शुरू हुई है. रिसर्च कार्य पूरा होने के बाद ही पता चलेगा कि दवाईयों का सही इफेक्ट हुआ है या फिर कुछ साइड इफेक्ट हुए हैं.

चिकित्सकों के स्वास्थ्य पर शोधकार्य शुरू

कोविड अस्पताल में सेवाएं देने वाले चिकित्सकों के स्वास्थ्य पर शोधकार्य शुरू हुआ है. कोरोना काल में चिकित्सकों ने फ्रंटलाइन वर्कर्ज के रूप में सबसे बेहतर सेवाएं दे रहे हैं. इस दौरान इन्हें खुद को स्वस्थ रखने के लिए कुछ एक दवाईयों का प्रयोग करना पड़ता है. इन दवाईयों का इनके स्वास्थ्य पर कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है, इसे लेकर रिसर्च की जा रही है. पीजीआई चंडीगढ़ के सहयोग से रिसर्च कार्य डिपार्टमेंट ऑफ फार्माकॉलोजी ने शुरू किया है.

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