हमीरपुर: 2 माह के भीतर यदि बेनामी पत्र के मामले में पुलिस जांच पूरी नहीं होती है और नतीजा निकल कर नहीं आता है तो सीबीआई को मामला सौंपा जाएगा. बेनामी पत्र को लेकर राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार ने यह बड़ा बयान दिया है. वह हमीरपुर में जिला भाजपा के स्वागत कार्यक्रम के बाद मीडियाकर्मियों से रविवार को रूबरू हो रहे थे. सिकंदर कुमार ने इस दौरान कहा कि बेनामी पत्र के मामले में उन्होंने डीजीपी को कहा है. हिमाचल पुलिस के डीजीपी इस मामले की जांच कर रहे हैं. यदि इस मामले में जल्द ही 2 माह के भीतर कोई रिस्पांस उन्हें पुलिस की तरफ से नहीं मिलता है तो वह यह मामला सीबीआई को देंगे.
राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उनके खिलाफ लगातार षड्यंत्र रच रही है और विश्वविद्यालय में जब वहां पर सांसद बने तब उनके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की. उन्होंने कहा कि इस मामले में सिंगल और डबल बेंच ने उन्हें बरी किया है. कांग्रेस के लोगों की तरफ से ही लगातार यह प्रयास किए गए हैं. राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार ने आगामी विधानसभा चुनावों में प्रदेश में भाजपा सरकार के रिपीट होने का दावा भी किया है. उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में लोगों ने पांच 5 साल तक सरकार बदलने की परंपरा को तोड़ने का मन बना लिया है और अब प्रदेश में भाजपा की सरकार 50 से अधिक सीट लेकर फिर सत्ता में आएगी. इससे पहले हमीरपुर के टाउन हॉल में जिला भाजपा द्वारा रखे गए स्वागत कार्यक्रम में राज्यसभा के नवनियुक्त सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार का भव्य स्वागत किया गया.
यह है बेनामी पत्र की कहानी: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से रिटायर्ड प्रोफेसर का दावा करने वाले व्यक्ति ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर पूरे मामले की जांच करने की मांग की है. इस पत्र के माध्यम से सिकंदर कुमार पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं. पत्र में लिखा गया है कि वीसी रहते उन्होंने नियमों को दरकिनार कर धन एकत्र किया. जिसका प्रयोग वह भविष्य में विधायक बनने या फिर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए भी कर सकते हैं. इसके अलावा पत्र में सिकंदर कुमार पर भाजपा के संगठन मंत्री पवन राणा के साथ मिलकर प्रदेश विश्वविद्यालय में अयोग्य व्यक्तियों की नियुक्तियां करने के आरोप भी लगाए गए हैं. इस पत्र के माध्यम से लगाया गए आरोपों पर रिटायर्ड प्रोफेसर ने राज्यपाल से पूरे मामले की जांच करवाने की अपील की है.