हमीरपुर: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के जिला हमीरपुर से आगामी विधानसभा चुनावों को वर्तमान पीसीसी चीफ कुलदीप सिंह राठौर की अध्यक्षता में लड़े जाने की बात उठी है. बताया जा रहा है कि बाकायदा सदस्यता अभियान की रिव्यू बैठक में हमीरपुर जिला कांग्रेस के किसी पदाधिकारी ने यह प्रस्ताव रखा. सुक्खू के जिले में हिमाचल कांग्रेस की पीठासीन अधिकारी पूर्व केंद्रीय मंत्री दीपा दास मुंशी और पीसीसी चीफ कुलदीप सिंह राठौर की उपस्थिति में यह प्रस्ताव रखे जाने की चर्चा के बाद प्रदेश की ठंडी फिजाओं में सियासत की गर्मी एकाएक बढ़ गई है.
हालांकि पीठासीन अधिकारी पूर्व केंद्रीय मंत्री दीपा दास मुंशी और पीसीसी चीफ कुलदीप सिंह राठौर (Himachal Assembly Election 2022) ने सिरे से इन चर्चाओं को खारिज किया है. दोनों नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि इस तरह का कोई प्रस्ताव बैठक में लाया ही नहीं गया है, जबकि सियासी गलियारों में सुक्खू के गृह जिले में राठौर की पैरवी के चर्चा अपने चरम पर है. हिमाचल कांग्रेस के पीठासीन अधिकारी दीपा दास मुंशी ने इसके अलावा आगामी विधानसभा चुनावों में प्रदेश कांग्रेस के चुनावी चेहरे को लेकर भी बड़ा बयान दिया है.
फिलहाल उन्होंने कांग्रेस संगठन में बदलाव की संभावनाओं सिरे से नकार दिया, लेकिन (ALLEGATIONS AGAINST JAIRAM GOVERNMENT) साथ में यह भी कहा कि प्रदेश में पार्टी का चेहरा वर्तमान समय में प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन चुनावों में कभी पार्टी चेहरा (अध्यक्ष) कभी मुख्यमंत्री चेहरा (Congress Membership Campaign in Himachal) बनता है और कभी नहीं भी बनता है. हिमाचल कांग्रेस के पीठासीन अधिकारी दीपा दास मुंशी ने कहा कि नवंबर महीने में गुजरात और हिमाचल के चुनाव प्रस्तावित हैं. इन दो राज्यों के लिए अलग से कांग्रेस रणनीति तैयार कर रही है.
उन्होंने कहा कि यह भी हो सकता है कि संगठनात्मक चुनाव (Congress allegation on Jairam government) बाद में हो और विधानसभा चुनाव पहले हो जाए. इसको लेकर पार्टी हाईकमान के साथ चर्चा होगी. संगठनात्मक बदलाव को लेकर हाईकमान को सिफारिश के सवाल को हंसकर टालते हुए कहा कि यह पार्टी की अंदरूनी बात है और वह अपनी सिफारिश मीडिया को नहीं बताएंगी. हालांकि उन्होंने संगठन में हाल-फिलहाल में बदलाव की संभावना को सिरे से नकारा.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि हिमाचल कांग्रेस (Presiding Officer of Himachal Congress) में मुख्यमंत्री के चेहरे की कोई लड़ाई नहीं है. कांग्रेस पार्टी एकजुट है और उप चुनावों में इस एकजुटता का परिचय दिया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है जिसमें उनकी अध्यक्षता में चुनाव लड़े जाने की बात कही गई हो. उन्होंने इसे आगरे का मुद्दा बताया है.
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