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हमीरपुर में निजी स्कूल प्रबंधकों की मनमानी शुरू, लीविंग सर्टिफिकेट देने में कर रहे टाल-मटोल

हमीरपुर में निजी स्कूल के संचालक अभिभावकों से जबरन ट्यूशन फीस की मांग कर रहे हैं. साथ ही परिजनों को लीविंग सर्टिफिकेट देने में आनाकानी कर रहे हैं. ऐसे में अभिभावकों ने शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज कराई है.

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Published : Aug 28, 2020, 11:24 AM IST

Private schools are not giving living certificates
शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय

हमीरपुर: जिला में कोरोना संकट काल में निजी स्कूल के संचालकों की मनमानी शुरू हो गई है. दरअसल ऑनलाइन कक्षाओं की एवज में निजी स्कूल संचालक अब विद्यार्थियों के परिजनों से जबरन ट्यूशन फीस की मांग कर रहे हैं. साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई से असंतुष्ट विद्यार्थी जब किसी दूसरे स्कूल में दाखिला लेने के लिए संबंधित स्कूल से लीविंग सर्टिफिकेट मांग रहे हैं तो वो आनाकानी कर रहे हैं. ऐस में परिजनों ने शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय का दरवाजा खटखटाया है.

परिजन रविकांत शर्मा ने बताया कि उनक बच्चा शहर के एक निजी स्कूल में पढ़ता था, लेकिन कोरोना की वजह से उन्होंने बच्चे का अगली कक्षा में दाखिला नहीं करवाया था. अब अनलॉक प्रक्रिया के चलते स्थिति सामान्य हो रही है, इसलिए अपने बच्चे को किसी दूसरे स्कूल में दाखिला दिलवाना चाहते हैं, लेकिन संबंधित निजी स्कूल फीस की मांग कर रहा है और स्कूल लीविंग प्रमाण पत्र नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में शिक्षा उपनिदेशक को अवगत कराया गय है और निजी स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है.

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक बलवंत कुमार नड्डा ने बताया कि परिजनों की ओर से निजी स्कूल संचालकों द्वारा मनमानी फीस वसूलने और लीविंग सर्टिफिकेट ना देने की शिकायत की गई है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में गहनता से जांत की जा रही है.

बता दें कि सरकार द्वारा कोरोना काल में निजी स्कूल को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के आदेश जारी किए गए हैं. इसके अलावा कोई भी निजी स्कूल अतिरिक्त शुल्क अभिभावकों से नहीं ले सकता है, वहीं, अगर कोई स्कूल ऐसा करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में सिरमौर ऐसा पहला जिला, होम आइसोलेशन में अधिकतर कोरोना संक्रमित

हमीरपुर: जिला में कोरोना संकट काल में निजी स्कूल के संचालकों की मनमानी शुरू हो गई है. दरअसल ऑनलाइन कक्षाओं की एवज में निजी स्कूल संचालक अब विद्यार्थियों के परिजनों से जबरन ट्यूशन फीस की मांग कर रहे हैं. साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई से असंतुष्ट विद्यार्थी जब किसी दूसरे स्कूल में दाखिला लेने के लिए संबंधित स्कूल से लीविंग सर्टिफिकेट मांग रहे हैं तो वो आनाकानी कर रहे हैं. ऐस में परिजनों ने शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय का दरवाजा खटखटाया है.

परिजन रविकांत शर्मा ने बताया कि उनक बच्चा शहर के एक निजी स्कूल में पढ़ता था, लेकिन कोरोना की वजह से उन्होंने बच्चे का अगली कक्षा में दाखिला नहीं करवाया था. अब अनलॉक प्रक्रिया के चलते स्थिति सामान्य हो रही है, इसलिए अपने बच्चे को किसी दूसरे स्कूल में दाखिला दिलवाना चाहते हैं, लेकिन संबंधित निजी स्कूल फीस की मांग कर रहा है और स्कूल लीविंग प्रमाण पत्र नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में शिक्षा उपनिदेशक को अवगत कराया गय है और निजी स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है.

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक बलवंत कुमार नड्डा ने बताया कि परिजनों की ओर से निजी स्कूल संचालकों द्वारा मनमानी फीस वसूलने और लीविंग सर्टिफिकेट ना देने की शिकायत की गई है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में गहनता से जांत की जा रही है.

बता दें कि सरकार द्वारा कोरोना काल में निजी स्कूल को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के आदेश जारी किए गए हैं. इसके अलावा कोई भी निजी स्कूल अतिरिक्त शुल्क अभिभावकों से नहीं ले सकता है, वहीं, अगर कोई स्कूल ऐसा करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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