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Abhishek Rana PC in Hamirpur: धौलासिद्ध प्रोजेक्ट में प्रभावितों को नहीं मिल रहा रोजगार, बेधड़क तरीके से हो रहा अवैध खननः अभिषेक राणा - Press conference of Abhishek Rana in Hamirpur

हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक राणा ने आरोप लगाया कि धौलासिद्ध प्रोजेक्ट में प्रभावितों को रोजगार नहीं दिया जा रहा (Abhishek Rana PC in Hamirpur) है और सरकार से हुए अनुबंध को दरकिनार कर नौकरी में बाहरी राज्य के लोगों को तवज्जो दी जा रही है.

Abhishek Rana PC in Hamirpur
अभिषेक राणा
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Published : Jun 12, 2022, 4:45 PM IST

हमीरपुर: धौलासिद्ध प्रोजेक्ट में प्रभावितों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है और सरकार से हुए अनुबंध को दरकिनार कर नौकरी में बाहरी राज्य के लोगों को तवज्जो दी जा रही है. हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक राणा ने यह बयान दिया है. उन्होंने रविवार को हमीरपुर में प्रेसवार्ता कर भर्ती अनियमितताओं और अवैध खनन पर हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक राणा ने गंभीर सवाल उठाए हैं.

अभिषेक राणा ने प्रोजेक्ट में मुख्य रूप से कार्य कर रही एसजेवीएन और ऋत्विक कंपनी पर सरकार के साथ हुए करार का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं. इतना ही नहीं कांग्रेसी नेता ने एसजेवीएन और कंपनी प्रबंधन को यहां पर इन अनियमितताओं को खत्म करने के लिए 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है. मामले में यदि सुधार नहीं होता है तो 10 दिन के बाद कांग्रेस नेता अपने कार्यकर्ताओं सहित सड़कों पर उतरेंगे. भाजपा सरकार से भी उन्होंने इस विषय पर जबाव मांगा है.

वीडियो.

अभिषेक राणा ने कहा कि एमओयू के विपरीत यहां पर कंपनी प्रोजेक्ट (Abhishek Rana PC in Hamirpur) के प्रभावितों को रोजगार देने की बजाए बाहरी राज्यों के लोगों को नौकरी पर रख रही है. 100 प्रतिशत रोजगार तो दूर की बात परियोजना के प्रभावित मात्र 3 प्रतिशत लोगों को ही यहां पर रोजगार मिल पाया है, जबकि हिमाचल के 50 प्रतिशत से भी कम लोगों को यहां पर कंपनी ने नौकरी पर रखा है. इतना ही नहीं कंपनी यहां पर अवैध तरीके से क्रशर प्लांट भी चला रही है और इसके निर्माण की अनुमति महज 20 दिन पहले दी गई है, लेकिन खनन को लेकर अनुमति अभी तक कंपनी को नहीं मिली है बावजूद इसके खनन ही किया जा रहा है.

अभिषेक राणा ने कहा कि क्रेशर को अवैध तरीके से चलाया जा रहा है और यहां पर पैचिंग प्लांट भी गैर कानूनी तरीके से लगाया गया है. इस मुद्दे पर सरकार मौन है. हमने इस संबंध में विभाग के माइनिंग ऑफिसर को भी अवगत कराया जिसके बाद कुछ समय के लिए अवैध कार्य बंद हो गया. लेकिन अब फिर से रात के अंधेरे में यह काम शुरू कर दिया गया है.

परियोजना से कुल 44 गांवों के लोग प्रभावित हुए हैं, लेकिन दस्तावेज से स्पष्ट है कि नौकरी पर रखे गए करीब आधे लोग बाहरी राज्यों से हैं. प्रोजेक्ट में जो हिमाचली रखे हैं उनमें से भी बहुत कम लोग ऐसे हैं जो प्रभावित क्षेत्रों से आते हैं. स्थानीय युवाओं के रिज्यूम एसजेवीएन के दफ्तर में पड़े हैं. जिन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है. इन 10 दिनों में यदि ये कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार स्थानीय लोगों को उनका हक नहीं देती है या अवैध कार्य बंद नहीं होते हैं तो युवा सड़कों पर उतरेंगे और धरना प्रदर्शन करेंगे. अभिषेक ने कहा कि वर्तमान सरकार के पास महज चार माह बचे हैं इस बचे समय में सरकार यदि अपने धर्म को नहीं निभाती है तो वह कोर्ट जाने से भी नहीं चूकेंगे.

हमीरपुर: धौलासिद्ध प्रोजेक्ट में प्रभावितों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है और सरकार से हुए अनुबंध को दरकिनार कर नौकरी में बाहरी राज्य के लोगों को तवज्जो दी जा रही है. हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक राणा ने यह बयान दिया है. उन्होंने रविवार को हमीरपुर में प्रेसवार्ता कर भर्ती अनियमितताओं और अवैध खनन पर हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक राणा ने गंभीर सवाल उठाए हैं.

अभिषेक राणा ने प्रोजेक्ट में मुख्य रूप से कार्य कर रही एसजेवीएन और ऋत्विक कंपनी पर सरकार के साथ हुए करार का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं. इतना ही नहीं कांग्रेसी नेता ने एसजेवीएन और कंपनी प्रबंधन को यहां पर इन अनियमितताओं को खत्म करने के लिए 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है. मामले में यदि सुधार नहीं होता है तो 10 दिन के बाद कांग्रेस नेता अपने कार्यकर्ताओं सहित सड़कों पर उतरेंगे. भाजपा सरकार से भी उन्होंने इस विषय पर जबाव मांगा है.

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अभिषेक राणा ने कहा कि एमओयू के विपरीत यहां पर कंपनी प्रोजेक्ट (Abhishek Rana PC in Hamirpur) के प्रभावितों को रोजगार देने की बजाए बाहरी राज्यों के लोगों को नौकरी पर रख रही है. 100 प्रतिशत रोजगार तो दूर की बात परियोजना के प्रभावित मात्र 3 प्रतिशत लोगों को ही यहां पर रोजगार मिल पाया है, जबकि हिमाचल के 50 प्रतिशत से भी कम लोगों को यहां पर कंपनी ने नौकरी पर रखा है. इतना ही नहीं कंपनी यहां पर अवैध तरीके से क्रशर प्लांट भी चला रही है और इसके निर्माण की अनुमति महज 20 दिन पहले दी गई है, लेकिन खनन को लेकर अनुमति अभी तक कंपनी को नहीं मिली है बावजूद इसके खनन ही किया जा रहा है.

अभिषेक राणा ने कहा कि क्रेशर को अवैध तरीके से चलाया जा रहा है और यहां पर पैचिंग प्लांट भी गैर कानूनी तरीके से लगाया गया है. इस मुद्दे पर सरकार मौन है. हमने इस संबंध में विभाग के माइनिंग ऑफिसर को भी अवगत कराया जिसके बाद कुछ समय के लिए अवैध कार्य बंद हो गया. लेकिन अब फिर से रात के अंधेरे में यह काम शुरू कर दिया गया है.

परियोजना से कुल 44 गांवों के लोग प्रभावित हुए हैं, लेकिन दस्तावेज से स्पष्ट है कि नौकरी पर रखे गए करीब आधे लोग बाहरी राज्यों से हैं. प्रोजेक्ट में जो हिमाचली रखे हैं उनमें से भी बहुत कम लोग ऐसे हैं जो प्रभावित क्षेत्रों से आते हैं. स्थानीय युवाओं के रिज्यूम एसजेवीएन के दफ्तर में पड़े हैं. जिन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है. इन 10 दिनों में यदि ये कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार स्थानीय लोगों को उनका हक नहीं देती है या अवैध कार्य बंद नहीं होते हैं तो युवा सड़कों पर उतरेंगे और धरना प्रदर्शन करेंगे. अभिषेक ने कहा कि वर्तमान सरकार के पास महज चार माह बचे हैं इस बचे समय में सरकार यदि अपने धर्म को नहीं निभाती है तो वह कोर्ट जाने से भी नहीं चूकेंगे.

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