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प्रदेश सरकार के दावों की खोखली हकीकत! हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में मरीजों को ORS तक नसीब नहीं - Hamirpur

प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेजों में आने वाले मरीजों को 330 किस्म की निशुल्क दवाएं वितरित करने का दावा करती है. लेकिन मेडिकल कॉलेज की डिस्पेंसरी में बीपी की दवा एमलोडिपाइन, ओआरएस, मलेरिया की दवा क्लोरोक्यून सहित कई अन्य दवाइयां नहीं मिल रही हैं.

Patients in Hamirpur Medical College are not getting ORS and other medicine
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Published : Jul 21, 2019, 1:58 PM IST

हमीरपुर: प्रदेश सरकार अस्पतालों में करीब 330 किस्म की दवाएं मरीजों को निशुल्क मुहैया करवाने का दावा करती है. लेकिन इन दावों की खोखली हकीकत हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में सामने आ रही है. यहां मरीजों को निशुल्क दवाइयां तो दूर ओआरएस घोल तक नसीब नहीं हो पा रहा है.

मेडिकल कॉलेज प्रशासन का तर्क है कि ओआरएस जिस कंपनी से मंगवाया गया था उसने ऑर्डर कैंसिल कर दिए हैं. दो बार ऑर्डर कैंसिल हो चुके हैं जिस कारण दिक्कत हो गई है. इसे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही कहें या मरीजों की बदहाली. बरसात के दिनों में डायरिया और जल जनित रोग अधिक सामने आते हैं ऐसे में ओआरएस तक न होना अपने आप में बड़ी चूक है.

वीडियो.

बता दें कि मेडिकल कॉलेज की डिस्पेंसरी में बीपी की दवा एमलोडिपाइन, ओआरएस, मलेरिया की दवा क्लोरोक्यून सहित कई अन्य दवाइयां नहीं मिल रही हैं. ऐसे में मरीजों और तीमारदारों को इन दवाइयों को खरीदने के लिए बाहरी मेडिकल स्टोर में जाना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: कुमारहट्टी घटना से सबक, प्रधान सचिव राजस्व ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

अस्पताल में फिलहाल मलेरिया के तीन मरीजों का उपचार चल रहा है. जबकि, मलेरिया के मरीज निरंतर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. इसके बावजूद अस्पताल में मलेरिया की दवा उपलब्ध नहीं है. हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में मरीज एमलोडिपाइन की खुराक लेते हैं. हालांकि, इसके अन्य विकल्प भी हैं, लेकिन कई मरीज अरसे से इसी दवा की खुराक खाते आ रहे हैं. मरीज जब अस्पताल में इस दवा को लेने आ रहे हैं तो उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: मंडी के दो रिटायर्ड कर्मचारियों ने उठा रखा है पौधरोपण का जिम्मा, इनके प्रयास से लोग हो रहे प्रेरित

इस बाबत मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के एमएस डॉ. अनिल वर्मा से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि ओआरएस ऑर्डर दो बार कैंसिल हो चुके हैं. इसके अलावा लगभग सभी दवाइयां उपलब्ध हैं. ओआरएस एक बार फिर से ऑर्डर किए जाएंगे.

हमीरपुर: प्रदेश सरकार अस्पतालों में करीब 330 किस्म की दवाएं मरीजों को निशुल्क मुहैया करवाने का दावा करती है. लेकिन इन दावों की खोखली हकीकत हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में सामने आ रही है. यहां मरीजों को निशुल्क दवाइयां तो दूर ओआरएस घोल तक नसीब नहीं हो पा रहा है.

मेडिकल कॉलेज प्रशासन का तर्क है कि ओआरएस जिस कंपनी से मंगवाया गया था उसने ऑर्डर कैंसिल कर दिए हैं. दो बार ऑर्डर कैंसिल हो चुके हैं जिस कारण दिक्कत हो गई है. इसे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही कहें या मरीजों की बदहाली. बरसात के दिनों में डायरिया और जल जनित रोग अधिक सामने आते हैं ऐसे में ओआरएस तक न होना अपने आप में बड़ी चूक है.

वीडियो.

बता दें कि मेडिकल कॉलेज की डिस्पेंसरी में बीपी की दवा एमलोडिपाइन, ओआरएस, मलेरिया की दवा क्लोरोक्यून सहित कई अन्य दवाइयां नहीं मिल रही हैं. ऐसे में मरीजों और तीमारदारों को इन दवाइयों को खरीदने के लिए बाहरी मेडिकल स्टोर में जाना पड़ रहा है.

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अस्पताल में फिलहाल मलेरिया के तीन मरीजों का उपचार चल रहा है. जबकि, मलेरिया के मरीज निरंतर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. इसके बावजूद अस्पताल में मलेरिया की दवा उपलब्ध नहीं है. हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में मरीज एमलोडिपाइन की खुराक लेते हैं. हालांकि, इसके अन्य विकल्प भी हैं, लेकिन कई मरीज अरसे से इसी दवा की खुराक खाते आ रहे हैं. मरीज जब अस्पताल में इस दवा को लेने आ रहे हैं तो उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है.

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इस बाबत मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के एमएस डॉ. अनिल वर्मा से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि ओआरएस ऑर्डर दो बार कैंसिल हो चुके हैं. इसके अलावा लगभग सभी दवाइयां उपलब्ध हैं. ओआरएस एक बार फिर से ऑर्डर किए जाएंगे.

Intro:स्पेशल स्टोरी
330 निशुल्क दवाइयां तो दूर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में भरी बरसात मे भी ओआरएस तक उपलब्ध नहीं
हमीरपुर।
प्रदेश सरकार के निशुल्क दवाइयां मुहैया करवाने के दावे धरातल पर हवाई साबित हो रहे हैं . निशुल्क दवाइयां तो दूर मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में तो ओआरएस तक मरीजों को मुहैया नहीं हो पा रहा है. यह प्रदेश के किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बात नहीं हो रही है बल्कि सरकार के मेडिकल कॉलेजों के यह हालात हैं. मेडिकल कॉलेज प्रशासन का तर्क है कि ओआरएस जिस कंपनी से मंगवाया गया था उसने ऑर्डर कैंसिल कर दिए हैं दो बार ऑर्डर कैंसिल हो चुके हैं जिस कारण दिक्कत हो गई है. लेकिन बड़ा सवाल तो यह है कि बरसात के दिनों में जब डायरिया और जल जनित रोग अधिक सामने आते हैं ऐसे में ओआरएस तक मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध ना होना अपने आप में एक बड़ी चूक है.

. बता दें कि मेडिकल कॉलेज की डिस्पेंसरी में बीपी की दवाई एमलोडिपाइन, ओआरएस, मलेरिया की दवाई क्लोरोक्यून सहित कई अन्य दवाइयां नहीं मिल रही हैं। ऐसे में मरीजों और तीमारदारों को इन दवाइयों को खरीदने के लिए बाहरी मेडिकल स्टोर में जाना पड़ रहा है। अस्पताल में मलेरिया के तीन मरीजों का उपचार चल रहा है। जबकि, मलेरिया के मरीज निरंतर इक्का दुक्का करके अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। इसके बावजूद अस्पताल में मलेरिया की दवाई उपलब्ध नहीं है. उच्च रक्तचाप की स्थिति में मरीज एमलोडिपाइन की खुराक लेते हैं हालांकि, इसके अन्य विकल्प भी हैं, लेकिन कई मरीज अरसे से इसी दवाई की खुराक खाते आ रहे हैं। लेकिन जब वह अस्पताल में इस दवाई को लेने आ रहे हैं तो उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। सरकार तो 330 प्रकार की दवाइयां अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध करवाने के दावे करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह दावे खोखले साबित हो रहे हैं।




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मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के एमएस डॉ अनिल वर्मा ने कहा कि ओआरएस ऑर्डर दो बार कैंसिल हो चुके हैं इसके अलावा लगभग सभी दवाइयां उपलब्ध है ओआरएस एक बार फिर से आर्डर किए जाएंगे.


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