हमीरपुर: प्रदेश सरकार अस्पतालों में करीब 330 किस्म की दवाएं मरीजों को निशुल्क मुहैया करवाने का दावा करती है. लेकिन इन दावों की खोखली हकीकत हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में सामने आ रही है. यहां मरीजों को निशुल्क दवाइयां तो दूर ओआरएस घोल तक नसीब नहीं हो पा रहा है.
मेडिकल कॉलेज प्रशासन का तर्क है कि ओआरएस जिस कंपनी से मंगवाया गया था उसने ऑर्डर कैंसिल कर दिए हैं. दो बार ऑर्डर कैंसिल हो चुके हैं जिस कारण दिक्कत हो गई है. इसे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही कहें या मरीजों की बदहाली. बरसात के दिनों में डायरिया और जल जनित रोग अधिक सामने आते हैं ऐसे में ओआरएस तक न होना अपने आप में बड़ी चूक है.
बता दें कि मेडिकल कॉलेज की डिस्पेंसरी में बीपी की दवा एमलोडिपाइन, ओआरएस, मलेरिया की दवा क्लोरोक्यून सहित कई अन्य दवाइयां नहीं मिल रही हैं. ऐसे में मरीजों और तीमारदारों को इन दवाइयों को खरीदने के लिए बाहरी मेडिकल स्टोर में जाना पड़ रहा है.
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अस्पताल में फिलहाल मलेरिया के तीन मरीजों का उपचार चल रहा है. जबकि, मलेरिया के मरीज निरंतर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. इसके बावजूद अस्पताल में मलेरिया की दवा उपलब्ध नहीं है. हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में मरीज एमलोडिपाइन की खुराक लेते हैं. हालांकि, इसके अन्य विकल्प भी हैं, लेकिन कई मरीज अरसे से इसी दवा की खुराक खाते आ रहे हैं. मरीज जब अस्पताल में इस दवा को लेने आ रहे हैं तो उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है.
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इस बाबत मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के एमएस डॉ. अनिल वर्मा से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि ओआरएस ऑर्डर दो बार कैंसिल हो चुके हैं. इसके अलावा लगभग सभी दवाइयां उपलब्ध हैं. ओआरएस एक बार फिर से ऑर्डर किए जाएंगे.