हमीरपुरः प्रदेश में पंचायत चुनावों की दस्तक हो गई है. वहीं, जिला हमीरपुर की कुछ पंचायतों ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ठोस और तरल कचरा प्रबंधन की राशि ही अभी तक खर्च नहीं की है. ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के लिए मिलने वाली राशि से पंचायतें अभी भी करीब पांच करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाई हैं.
जिला की 229 में से 185 पंचायतों को इस प्रबंधन के तहत बजट जारी हुआ था. इन पंचायतों में से 113 पंचायतें ही बजट खर्च कर रही हैं. बाकि पंचायतों में कचरा प्रबंधन के लिए जारी राशि को उचित तरीके से खर्च नहीं किया गया है. इस कारण विभाग ने इन पंचायतों को जारी यह राशि वापस ले ली है. इससे पंचायतों में कचरा प्रबंधन उचित नहीं हुआ.
वहीं, सरकार द्वारा जारी बजट का भी प्रयोग नहीं हो पाया. चुनावों के चलते जहां पंचायत प्रतिनिधि अब विकास कार्यों को महत्व देने लगे हैं. वहीं, आगामी चुनावों के लिए इन कार्यों के माध्यम से अपनी दावेदारी भी प्रस्तुत कर रहे हैं.
बता दें कि ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के तहत पंचायतों में सोख्ता पिट, वर्मी कंपोस्ट, नालियां, डंपिग साइट और सेनिटरी पैड निपटान के लिए इंसीनेटर का निर्माण होता है. इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जिला की पंचायतों को अलग अलग बजट जारी हुआ था. जिला की यह पंचायतें साल 2014 से 2017 तक की यह राशि खर्च नहीं कर पाईं.
परियोजना अधिकारी और उपनिदेशक डीआरडीए केडी कंवर का कहना है कि जिन पंचायतों ने ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के तहत राशि खर्च नहीं की है, उनकी जारी राशि को वापस मांगा गया है.
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