हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में सेवारत एक स्टाफ नर्स ने अस्पताल के सीनियर स्टाफ की प्रताड़ना से तंग आकर पंखे से लटककर अपनी जान दे दी. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा है.
सूचना मिलने के बाद थाना हमीरपुर से एसएचओ संजीव गौतम के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है. नर्स पिछले करीब 2 साल से मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में सेवाएं दे रही थी.
उसका पति एक दवा कंपनी में सेवारत है और वर्तमान में शिमला में सेवाएं दे रहा है. उसका एक पांच साल का बेटा भी है जो घटना के वक्त स्कूल में था. रोजाना की तरह वह बुधवार को मेडिकल कॉलेज में रात में ड्यूटी देने के बाद सुबह हमीरपुर स्थित अपने किराए के मकान में पहुंची.
स्कूल से छुट्टी होने के बाद स्कूल स्टाफ बच्चे को हॉस्पिटल में छोड़ कर आया था, क्योंकि बेटे को स्कूल से लाने कोई भी नहीं गया था. मकान मालिक को सूचना देने के बाद बच्चे को घर पहुंचाया गया. शाम 5:30 बजे मकान मालिक बच्चे को लेकर उसके घर गया, लेकिन कमरा भीतर से बंद था. दरवाजा खोलने के बाद मकान मालिक ने नर्स को फंदे से लटका पाया और घटना की सूचना दी.
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद किया है. जिसमें उसने अस्पताल के वरिष्ठ स्टाफ को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है. मोनिका ने पत्र में लिखा है कि वो स्कूल टाइम से ही पढ़ाई लिखाई में अव्वल रही है, लेकिन अस्पताल का सीनियर स्टाफ उसे बात-बात पर रोक-टोक करता था. जिससे तंग आकर उसने आत्महत्या का निर्णय लिया है.
बता दें कि मेडिकल कॉलेज हमीरपुर को शुरू हुए 2 साल हो गए हैं, लेकिन यहां पर स्टाफ नर्स के दर्जनों पद खाली हैं. जिसके चलते वर्तमान समय में मौजूदा स्टाफ नर्स को अत्यधिक काम के चलते तनाव और दबाव की स्थिति में रहना पड़ रहा है.
पुलिस अधीक्षक हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर मेडिकल कॉलेज के सीनियर स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है. इसके साथ ही मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है.