हमीरपुर: पुरानी पेंशन बहाली (old pension scheme in himachal) के लिए चुनावी साल में कर्मचारियों का संघर्ष तेज हो गया है. हमीरपुर जिला मुख्यालय में मंगलवार को न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन के बैनर तले सैकड़ों कर्मचारियों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने इस पेंशन संकल्प रैली की अगुवाई की. हमीरपुर के मुख्य बाजार में प्रदर्शन रैली निकालने से पहले कर्मचारियों ने टाउन हॉल हमीरपुर के सामने स्थित प्राइमरी स्कूल के परिसर में कर्मचारी सम्मेलन का आयोजन किया. इस दौरान मौजूद प्रदेश और जिले के (New Pension Scheme Karamchari Mahasangh) पदाधिकारियों ने मौजूद कर्मचारियों को संबोधित किया. इस सम्मेलन के बाद एसोसिएशन के बैनर तले टाउन हॉल से लेकर ऐतिहासिक गांधी चौक तक कर्मचारियों ने प्रदर्शन रैली निकाली. यहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल मालाएं अर्पित करने के बाद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों को संबोधित किया.
प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ठाकुर ने कहा कि सीएम साहब ससुराल राजस्थान में जाएं और पुरानी पेंशन बहाल कैसे करनी है यह सीख कर आएं. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने समस्या हल करके दिखाई है. सीएम जयराम ठाकुर भी वहां पर जाएं और यह देखें कि कैसे यह पेंशन बहाल होती है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को कर्मचारी एक खाका तैयार कर दे चुके हैं. जिसमें यह बताया गया है कि अगर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाता है तो सरकार को घाटे की राजस्व में फायदा होगा. सीमित संसाधनों का तर्क आधारहीन है और ऐसा लग रहा है कि अफसरशाही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को गुमराह कर रही है. कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडल की तर्क और मांग को सीएम ने माना था, लेकिन बाद में मांग पूरी नहीं की गई.
उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिले में कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए सड़कों पर उतर कर जोर से दिखाया है और सरकार से पुरानी पेंशन योजना को जल्द बहाल करने की मांग उठाई है. जिला स्तर पर प्रदर्शन के बाद मॉनसून सत्र में एक बार फिर विधानसभा के बाहर कर्मचारी अपने परिवारों के सहित सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं होगी कर्मचारियों का संघर्ष लगातार जारी रहेगा. प्रदीप ठाकुर ने कहा कि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान कर्मचारियों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन कर अपनी इच्छाशक्ति जाहिर की थी और इस दौरान कर्मचारियों की आवाज को कुचलने का प्रयास किया गया था. आगामी मानसून सत्र में पिछले प्रदर्शन के बजाय अधिक संख्या में कर्मचारी प्रदर्शन में जुटेंगे.