हमीरपुर: जिला हमीरपुर में गोल गप्पे विक्रेता को थप्पड़ मारने के मामले में कार्यकारी अधिकारी ने अपना पक्ष रखा है. कार्यकारी अधिकारी ने इस मामले को नगर परिषद हमीरपुर के ही कुछ पार्षदों की साजिश करार दिया है.
अधिकारी का दावा है कि रेहड़ी वाले को ऐसा कहने के लिए कुछ पार्षदों ने उकसाया है. इस सारे मामले को उनके खिलाफ एक योजनाबद्ध तरीके से पेश किया गया है. गोलगप्पे बेचने वाले को पूछताछ के लिए कार्यालय जरूर बुलाया गया था लेकिन मारपीट की बात पूरी तरह गलत है.
नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी के एल ठाकुर ने कहा कि रेहड़ी वाले की शिकायत लेकर एक व्यक्ति आया था जिसने शिकायत में कहा था कि गोल गप्पेवाले ने डस्टबिन नहीं रखा है. शिकायतकर्ता ने बोला था कि गोलगप्पे वाले ने उन्हें वेस्ट मेटीरियल नाले में फेंकने की बात कही थी. इस शिकायत के बाद रेहड़ी वाले को पूछताछ के लिए कार्यालय बुलाया था.
नगर परिषद अध्यक्ष ने दो पार्षदों पर आरोप लगाए हैं कि रेहड़ी वाले को शिकायत करने के लिए उकसाया गया है. पार्षदों ने ही शिकायत पत्र पुलिस व नगर परिषद अधिकारियों को दिए हैं. उन्होंने कहा कि यह सारा मामला एक सोची समझी चाल के तहत उन्हें फंसाने का प्रयास गया है.
बता दें कि बीते सोमवार को एक रेहड़ी वाले ने कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद के खिलाफ मारपीट की शिकायत नगर परिषद अध्यक्ष व पुलिस थाना में दर्ज करवाई थी. रेहड़ी वाले ने कहा था कि ईओ के मित्र ने उसकी रेहड़ी पर गोल गप्पे खाए और कार्यकारी अधिकारी से रिश्तेदारी की धौंस दिखाई. ईओ के रिश्तेदार ने कहा कि गोलगप्पों के पैसे नहीं देगा. इस बात को लेकर दोनों में बहसबाजी भी हुई जिसके बाद रेहड़ी वाले को ईओ कार्यालय बुलाया गया और कार्यकारी अधिकारी ने उसके साथ मारपीट की और उसकी पत्नी के अपहरण की धमकी भी दी है.
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