हमीरपुर: हमीरपुर जिले के रैली जजरी पंचायत के जजरी गांव में (Kidney disease case in Jajri village) मां और बेटा गंभीर किडनी रोग से जूझ रहे हैं. 48 वर्षीय मां सुरेशना देवी और 16 वर्षीय बेटा सुजल दोनों के बीमार होने के कारण परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. यह गरीब परिवार उपचार करवाने में (Mother and son suffer kidney disease in Hamirpur) भी सक्षम नहीं है. महिला का पति सुनील कुमार दिहाड़ी मजदूरी करता है. दोनों के इलाज पर करीब ₹500000 खर्च होंगे.
परिवार ने डीसी हमीरपुर देव श्वेता बनिक से वीरवार को मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई है. आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण इलाज भी नहीं करवा पा रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि यह परिवार बीपीएल में भी नहीं है, जिस वजह से सरकार की योजनाओं का लाभ इस परिवार को नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में अब ये परिवार प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है ताकि दोनों बीमार मां-बेटे का इलाज संभव हो सके. पीड़ित महिला ने लोगों से भी मदद की गुहार लगाई है और अपने पति सुनील कुमार के मोबाइल नंबर 9816180191, 9882740023 नंबर साझा किए हैं.
वहीं, डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक से (DC Hamirpur Devshweta Banik) मिलने पहुंची पीड़ित महिला सुरेशना देवी ने बताया कि उनकी किडनी फेल होने के कारण वह बीमारी से जूझ रही हैं. साथ ही उनका 16 वर्षीय बेटा भी इसी बीमारी से लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अभी तक पीजीआई और अन्य अस्पतालों में 2 से 3 लाख खर्च कर चुकी हैं, लेकिन अब आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उपायुक्त से मदद की गुहार लगाने के लिए पहुंची हैं. उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि बीपीएल में ना होने (Mother and son suffer kidney disease in Hamirpur) के कारण उनका आयुष्मान कार्ड भी नहीं बन पा रहा है. जिससे उन्हें इलाज करवाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने उपायुक्त से गुहार लगाई है कि उनका आयुष्मान कार्ड भी बनाया जाए ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके.
वहीं, प्रतिनिधिमंडल के साथ आए समाजसेवी जगजीत सिंह ने बताया कि उन्हें इस परिवार की समस्या का पता चला तो उन्होंने पीजीआई में इनका अपने स्तर पर इलाज करवाया है. साथ ही आज उपायुक्त से मिलकर इनकी आर्थिक मदद और आयुष्मान कार्ड बनाने की गुहार लगाई गई है. उन्होंने कहा कि परिवार बहुत गरीब है और इलाज करवाने में अब आर्थिक स्थिति ठीक ना होना आड़े आ रही है. उन्होंने कहा कि अगर इनका आयुष्मान कार्ड बन जाता है तो मां-बेटे को इलाज में मदद मिल जाएगी.
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