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राजेंद्र राणा ने NIT हमीरपुर भर्ती घोटाले पर PM मोदी और HRD मंत्रालय को भेजी लिखित शिकायत - एनआईटी हमीरपुर भर्ती घोटाला

राणा ने केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि एनआईटी मामले पर पैरवी का वह खुले मन से स्वागत करते हैं. सांसद अनुराग ठाकुर की चाटुकारिता में लगे उन लोगों से सांसद की विश्वसनीयता पर निरंतर सवाल उठे हैं.

MLA Rajendra Rana on NIT Hamirpur recruitment scam
विधायक राजेंद्र राणा
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Published : Jul 7, 2020, 2:33 PM IST

सुजानपुर/हमीरपुरः प्रदेश कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि एनआईटी भर्ती घोटाले की लिखित शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मानव संसाधन मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल के साथ एमएचआरडी मंत्रालय के मुख्य सचिवों को दी गई है.

उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर कुप्रबंधन का शिकार होकर भारी वित्तीय अनियमितताओं के घेरे में है. राणा ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करना व हिमाचली हितों की पैरवी करना मेरा धर्म और दायित्व है, लेकिन हैरानी यह है कि इस मामले पर सीधे तौर पर जिनकी जवाबदेही व जिम्मेदारी बनती है वे लंबे अरसे तक किस मकसद की पूर्ति के लिए इस गंभीर मामले पर चुप्पी साधे हुए है. यह सवाल जनता व एनआईटी हमीरपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है.

वीडियो रिपोर्ट

राणा ने कहा कि अब हिमाचल हित के विपरीत खड़े उन लोगों को मेरे सवाल उठाने पर तकलीफ हो रही हैं जो एनआईटी की फुल फॉर्म तक नहीं जानते हैं. साथ ही अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए मेरे सवाल पर ही सवाल उठा रहे हैं. राणा ने कहा कि ताज्जुब उस बात का हैं कि जिन लोगों ने स्कूली शिक्षा तक भी पूरी नहीं कि है, वह एनआईटी के मामले पर बेशर्मी की हदें पार करते हुए बेवजह वकालत करते हुए दोबारा अपनी राजनीति को चमकाने का असफल प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक हिमाचल हितों का सवाल हैं, इस मामले पर न कोई राजनीति सहन होगी और न ही खुद लोगों के कुतर्क जनता सहन करेगी.

राणा ने केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि एनआईटी मामले पर पैरवी का वह खुले मन से स्वागत करते हैं. सांसद अनुराग ठाकुर की चाटुकारिता में लगे उन लोगों से सांसद की विश्वसनीयता पर निरंतर सवाल उठे हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग अब एनआईटी के गंभीर मसले पर बिना सिर-पैर बातें कर रहे हैं. जो लोग लिखी हुई हिंदी भाषा की स्क्रिप्ट को सही से सोशल मीडिया पर नहीं पढ़ पा रहे हैं, वह सोशल मीडिया के माध्यम से राष्ट्र स्तर के सर्वोच्च संस्थान एनआईटी पर अपने कुतर्क पेश कर रहे हैं.

राजेंद्र राणा ने कहा कि मामला अब सीधे तौर पर प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्री के ध्यान में लाया गया है, जिससे अब एनआईटी के लोगों व प्रदेश की जनता में उम्मीद जगी है कि अब इस मामले पर कोई कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि एमएचआरडी मंत्रालय की ओर से उन्हें मेल भेज कर जानकारी की पुष्टि कर दी गई है. जबकि लिखित शिकायतों की पावती आनी आपेक्षित है.

ये भी पढ़ें : बिजली महादेव के नहीं हो सकेंगे दर्शन, सावन माह में अभी तक नहीं खुले कपाट

सुजानपुर/हमीरपुरः प्रदेश कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि एनआईटी भर्ती घोटाले की लिखित शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मानव संसाधन मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल के साथ एमएचआरडी मंत्रालय के मुख्य सचिवों को दी गई है.

उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर कुप्रबंधन का शिकार होकर भारी वित्तीय अनियमितताओं के घेरे में है. राणा ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करना व हिमाचली हितों की पैरवी करना मेरा धर्म और दायित्व है, लेकिन हैरानी यह है कि इस मामले पर सीधे तौर पर जिनकी जवाबदेही व जिम्मेदारी बनती है वे लंबे अरसे तक किस मकसद की पूर्ति के लिए इस गंभीर मामले पर चुप्पी साधे हुए है. यह सवाल जनता व एनआईटी हमीरपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है.

वीडियो रिपोर्ट

राणा ने कहा कि अब हिमाचल हित के विपरीत खड़े उन लोगों को मेरे सवाल उठाने पर तकलीफ हो रही हैं जो एनआईटी की फुल फॉर्म तक नहीं जानते हैं. साथ ही अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए मेरे सवाल पर ही सवाल उठा रहे हैं. राणा ने कहा कि ताज्जुब उस बात का हैं कि जिन लोगों ने स्कूली शिक्षा तक भी पूरी नहीं कि है, वह एनआईटी के मामले पर बेशर्मी की हदें पार करते हुए बेवजह वकालत करते हुए दोबारा अपनी राजनीति को चमकाने का असफल प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक हिमाचल हितों का सवाल हैं, इस मामले पर न कोई राजनीति सहन होगी और न ही खुद लोगों के कुतर्क जनता सहन करेगी.

राणा ने केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि एनआईटी मामले पर पैरवी का वह खुले मन से स्वागत करते हैं. सांसद अनुराग ठाकुर की चाटुकारिता में लगे उन लोगों से सांसद की विश्वसनीयता पर निरंतर सवाल उठे हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग अब एनआईटी के गंभीर मसले पर बिना सिर-पैर बातें कर रहे हैं. जो लोग लिखी हुई हिंदी भाषा की स्क्रिप्ट को सही से सोशल मीडिया पर नहीं पढ़ पा रहे हैं, वह सोशल मीडिया के माध्यम से राष्ट्र स्तर के सर्वोच्च संस्थान एनआईटी पर अपने कुतर्क पेश कर रहे हैं.

राजेंद्र राणा ने कहा कि मामला अब सीधे तौर पर प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्री के ध्यान में लाया गया है, जिससे अब एनआईटी के लोगों व प्रदेश की जनता में उम्मीद जगी है कि अब इस मामले पर कोई कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि एमएचआरडी मंत्रालय की ओर से उन्हें मेल भेज कर जानकारी की पुष्टि कर दी गई है. जबकि लिखित शिकायतों की पावती आनी आपेक्षित है.

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