सुजानपुरः पेट्रोल की बढ़ती किमतों को लेकर विधायक राजेंद्र राणा ने प्रतिक्रिया दी हैं. उन्होंने कहा कि पेट्रोल 100 का आंकड़ा छूने लगा है. मुंबई में पेट्रोल की कीमत 94 रुपए 36 पैसे हो चुकी है, जबकि दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल 88 रुपए के करीब पहुंच गया है.
इसके अलावा लोकतंत्र को लूटतंत्र बना चुकी सरकार ने पेट्रोल की कीमतों को बाजार के हवाले कर दिया है और जनता अब पेट्रोलियम कंपनियों के रहमोकरम पर है. वह जितना लूटें जैसे लूटें सरकार ने कह दिया है कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है.
'लोकतंत्र को लूटतंत्र बना चुकी सरकार'
राणा ने कहा कि यह उसी पार्टी की सरकार है जो कांग्रेस कार्यकाल में पेट्रोल की कीमत चार आने बढ़ने पर सड़कों पर उतरकर रोज हंगामे करती थी और अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेलों का हवाला देकर जनता को गुमराह करती थी, लेकिन अब पेट्रोल की कीमतों पर लोकतंत्र को लूटतंत्र बना चुकी सरकार पेट्रोल की कीमतों पर मूक और मौन है.
'बेरोजगारी व महंगाई से लोग परेशान'
बेरोजगारी व महंगाई से तंग आ चुकी जनता अब इस लूट तंत्र का लगातार शिकार हो रही है, लेकिन देश का दुर्भाग्य यह है कि जनता की ओर से अर्जित टैक्स का प्रबंधन जनादेश देकर जनता ने जिस पार्टी के हवाले किया है, वह पार्टी अब जनता को छोड़कर कॉर्पोरेट सेक्टर की हिमायती बन कर उनकी पैरवी कर रही है.
'देश का किसान सड़कों पर'
देश में सरकारी उपक्रम ऑन सेल हैं. सरकार की तानाशाही के चलते अब कृषि उत्पादों पर भी कब्जा करने की कोशिश की जा रही है, जिसके कारण देश का किसान सड़कों पर हाल-बेहाल है.
'सिस्टम से उठ चुका है जनता का भरोसा'
सिस्टम से आज जनता का भरोसा उठ चुका है. सत्ता की तानाशाही में मीडिया व विपक्ष को पंगु बनाकर रख दिया है. देश हित में जनता की आवाज उठाने वाले लोगों को देशद्रोही करार दिया जा रहा है. राणा ने कहा कि अगर यही आलम रहा तो आम आदमी का जीना दुश्वार हो जाएगा.
सरकार के मंसूबे बता रहे हैं कि तानाशाही के दम पर सरकार इस देश में लोकतंत्र के खात्मे पर लगी है और भविष्य में इस देश पर अगर तानाशाही हावी हो जाए तो कोई हैरानी नहीं होगी.
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