मंडीः अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में दशकों से हिस्सा लेने वाले कई देवी-देवताओं का पंजीकरण नहीं हो सका है. इन देवी देवताओं के कारदारों और देवलूओं ने देवी-देवताओं के पंजीकरण की मांग उठाई है ताकि सरकार की तरफ से पंजीकृत देवताओं और देवलुओं को मिलने वाली तमाम सुविधाएं इन्हें भी मिल सके.
बता दें कि मंडी शिवरात्रि में 216 पंजीकृत देवी-देवताओं को मेला कमेटी की तरफ से निमंत्रण दिया जाता है, लेकिन दर्जनों ऐसे देवी-देवता भी हैं जो मंडी जनपद में सैकड़ों किलोमीटर दूर से शिवरात्रि महोत्सव में भाग लेने के लिए पहुंचते हैं.
कई सालों से यह देवी देवता महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं, लेकिन इनका पंजीकरण नहीं हो पा रहा है. मेला कमेटी का तर्क है कि सुविधाओं की कमी के कारण गैर पंजीकृतदेवी देवताओं को पंजीकृत नहीं किया जा रहा है. संस्कृति सदन का निर्माण पूरा होने के बाद इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे. वहीं, सर्व देवता सेवा समिति मंडी भी इन देवी-देवताओं के पंजीकरण को लेकर यही तर्क दे रही है.
बाबा भूतनाथ मंदिर के सराय में दर्जनों ऐसे देवी-देवता विराजमान हैं जो कि कई सालों से शिवरात्रि महोत्सव में मांग के बावजूद भी उनका पंजीकरण नहीं हो रहा है. इनमें से कुछेक देवी देवता सराज विधानसभा क्षेत्र से भी आते हैं जो कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह विधानसभा क्षेत्र है.
इन देवी-देवताओं के कारदारों और देवलूओं का कहना है कि इस बारे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलकर भी मांग उठाई गई है, लेकिन अभी तक उनकी मांग पूरी नहीं हो सकी है. हालांकि सर्व देवता सेवा समिति का दावा है कि 2021 में नई देवी-देवताओं का पंजीकरण भी किया जाएगा और संस्कृति सदन के कार्य को भी पूरा कर लिया जाएगा जिससे नए देवी-देवताओं को भी पंजीकरण मिल सकेगा.
गैर पंजीकृत कारदारों और देवलूओं ने उम्मीद जताई है कि अगले साल उन्हें पंजीकरण मिल सकेगा. आपको बता दें कि इन गैर पंजीकृत देवी-देवताओं के बजंतरी शिवरात्रि महोत्सव में आयोजित होने वाली वाद्ययंत्र प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेते हैं. इसी आधार पर कारदारों और देवलूओं ने देवी-देवताओं के पंजीकरण की मांग उठाई है. उधर, पंजीकृत देवी-देवताओं के कई कारदार इसका विरोध जता रहे हैं. जबकि इन लोगों का कहना है कि देवी-देवताओं को पंजीकरण देने का विरोध सही नही है.
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