भोरंज: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन महिला मंडल प्रधान विमला शर्मा की अध्यक्षता में आंगनबाड़ी केंद्र ककड़याणा में किया गया. इस अवसर पर बाल विकास योजना अधिकारी जीतराम चौधरी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' लोगो वाले मास्क वितरित
इस अवसर पर बालिकाओं ने कविता और गीत से समां बांध दिया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिका ने उपस्थित बालिकाओं व अन्य महिलाओं को 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' लोगो वाले मास्क भी वितरित किए. इस अवसर पर बालिकाओं के नाम पर वृक्षारोपण भी किया गया और बेटियों को पुरस्कृत भी किया गया.
2008 से बालिका दिवस का आयोजन
देश में 24 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाया जाता है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 2008 में इसकी शुरुआत की थी. यह बात आंगनबाड़ी केंद्र सुंगरवाड में महिलाओं व किशोरियों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरोज कुमारी ने बताई.
उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य की बात करें तो कुल मिलाकर यह लड़कियों को समान अधिकार देने से संबंधित है. इसके साथ ही सदियों से लड़कियों के साथ होने वाले भेदभाव को लेकर लोगों को जागरूक करना भी राष्ट्रीय बालिका दिवस का मकसद है.
इसलिए मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस
राष्ट्रीय बालिका दिवस देश में लड़कियों को समर्थन, नए अवसर प्रदान करता है. यह समाज में लड़कियों के साथ होने वाली असमानता जैसे भेदभाव, शोषण के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. यह असमानता शिक्षा, पोषण, कानूनी अधिकार, चिकित्सा देखभाल, संरक्षण, बाल विवाह, स्वतंत्रता इत्यादि के संदर्भ में हो सकती है. राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने के पीछे भारत सरकार का यह कदम लड़कियों के महत्व को बढ़ावा देना है.
बालिका दिवस पर भोरंज में कार्यक्रम
उपमण्डल भोरंज के ग्राम पंचायत भोरंज के भवन में बालिका दिवस मनाया गया. जिसमें पैरा लीगल वॉलंटियर अशोक चावला व निर्मला देवी ने लोगों को विभिन्न मुद्दों जैसे राइट ऑफ डॉटर आसेंट्रल प्रॉपर्टी, द राइट ऑफ चाइल्ड मैरिज एक्ट और कन्या भ्रूण हत्या पाप नहीं महापाप है ये समझाने का प्रयास किया. लड़की को बचाने के संदर्भ में लिए गए प्रभावशाली कदम और अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है इस में भी लोगों को बताया गया.
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