हमीरपुर: सरकार के नुमाइंदों (Government representatives of Himachal) से एक दो बार नहीं 40 बार मुलाकात करने के बावजूद सुनवाई न होने से आक्रोशित जल रक्षक चुनावी साल सरकार के लिए चुनौती बनेंगे. प्रदेश में सेवाएं दे रहे 9 हजार जल रक्षकों ने मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है. हमीरपुर जिला के जल रक्षकों ने डीसी हमीरपुर के माध्यम से मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) और जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह (Jal Shakti Minister Mahendra Singh) को ज्ञापन भेजा.
जल रक्षकों का कहना है कि पिछले कई सालों से प्रदेश भर में महज 3600 के मासिक वेतन पर कार्य कर रहे हैं. वेतन बढ़ोतरी और अनुबंध की अवधि को 12 साल से कम करके 8 साल करने की मांग को लेकर कई दफा मुख्यमंत्री से लेकर शक्ति मंत्री तक मुलाकात कर चुके हैं. मंगलवार को ज्ञापन भेजकर अब दो टूक शब्दों में जल रक्षकों ने 10 दिन के भीतर मांगो की सुनवाई करने का अल्टीमेटम दिया है. जल रक्षक संघ हमीरपुर के पदाधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि यदि उनकी मांगें 10 दिन के भीतर पूरी नहीं होती है, तो राज्य कार्यकारिणी के निर्देशों पर वह 10 दिन के बाद आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
जल रक्षक यूनियन हमीरपुर के उप प्रधान राजेश कुमार (Deputy head Rajesh Kumar) का कहना है कि सरकार को ज्ञापन भेजकर एक बार फिर से मांग को दोहराया गया है. 4 हजार 500 रुपए मासिक वेतन देने के सरकार ने घोषणा की थी, लेकिन अभी तक 3 हजार 600 रुपए वेतन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि जल रक्षकों को अनुबंध पर लिए जाने की अवधि 12 साल रखी गई है, जो कि काफी अधिक है इसे 8 साल करने की मांग उठाई गई हैं. उन्होंने कहा कि यदि यह दो मांगे पूरी नहीं होती है तो राज्य कार्यकारिणी के निर्देशों पर आगामी 10 दिनों के बाद वह आंदोलन करने को विवश होंगे.
जल रक्षक विपिन कुमार का कहना है कि उन्हें कम से कम 9 हजार 600 रुपए मासिक वेतन दिया जाए. पार्ट टाइम वर्कर के रूप में नियुक्ति प्रदान की गई थी. लेकिन दिनभर उन से काम लिया जाता है. मासिक वेतन में बढ़ोतरी के साथ ही कर्मचारियों को अनुबंध पर लिए जाने की अवधि अधिक हे, कम से कम 8 साल किया जाए.