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हिमाचल कॉर्पोरेट सेक्टर सेवानिवृत कर्मचारी BJP से तोड़ेंगे नाता, पार्टी के पदों से देंगे इस्तीफा - himachal news hindi

हिमाचल कॉर्पोरेट सेक्टर सेवानिवृत कर्मचारी समन्वय समिति से (Himachal Corporate Sector Retired Employees) जुड़े पदाधिकारी भाजपा से इस्तीफा देंगे. ये फैसला हमीरपुर में आयोजित समिति की बैठक में लिया गया है. पदाधिकारियों का कहना है कि पेंशन की मांग को लेकर सरकार कोई फैसला नहीं ले रही है ऐसे में मजबूरन उन्हें ये फैसला लेना पड़ रहा है.

Announcement Of Corporate Sector Employees
हिमाचल कॉर्पोरेट सेक्टर सेवानिवृत कर्मचारी
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Published : Sep 11, 2022, 9:59 PM IST

हमीरपुर: पीएम मोदी की मंडी रैली से पहले पेंशन की बहाली के लिए कॉर्पोरेट सेक्टर के सेवानिवृत कर्मचारी (Himachal Corporate Sector Retired Employees) सीएम गृह जिला में पहुंच कर आंदोलन का ऐलान करेंगे. एक सप्ताह के भीतर ही हिमाचल कॉर्पोरेट सेक्टर सेवानिवृत कर्मचारी समन्वय समिति से जुड़े पदाधिकारी भाजपा के पदों से त्याग पत्र देंगे. समिति की रविवार को प्रदेशस्तरीय बैठक में हमीरपुर में यह अहम निर्णय लिए गए हैं. समिति के पदाधिकारियों का दावा है कि इस वर्ग के कुल 6000 से अधिक कर्मचारियों में से 50% भाजपा से सीधे तौर पर जुड़े हैं जो कि या तो पार्टी के पदाधिकारी हैं या फिर विभिन्न स्तर की कार्यकारिणी में सदस्य हैं.

हमीरपुर में रविवार को हुई इस बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष देवी लाल ठाकुर ने की. उन्होंने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पेंशन को लेकर सरकार लगातार मांग को अनसुना कर रही है. केंद्र सरकार और केंद्रीय नेताओं को इस बावत पत्र लिखे गए है. किसी भी मंच पर सुनवाई न होने पर ही यह निर्णय लिया गया है कि इस वर्ग के जो कर्मचारी भाजपा में पदाधिकारी अथवा सदस्य हैं वह पार्टी की जिम्मेवारियों से अपना इस्तीफा देंगे. इन पेंशनरों का स्पष्ट कहना है कि दो से तीन दशक तक सरकार की सेवा करने के बाद उन्हें अपने ही फंड से सामाजिक सुरक्षा पेंशन से भी कम पेंशन प्राप्त हो रही है.

पेंशनरों को महज 1500 से 2000 रूपये मासिक पेंशन मिल रही है जोकि बुढ़ापा पेंशन से भी कम है. सीएम जयराम ठाकुर और भाजपा संगठन के नेताओं से चर्चा के बाद इस मांग के पूरा होने की उम्मीद थी. लेकिन पेंशन की संपूर्ण बहाली के लिए सरकार की तरफ से फिर एक पत्र निगम और बोर्डों को घुमा दिया गया है. जबकि यह सरकार की तरफ नोटिफिकेशन निकाली जानी है. उन्होंने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सभी जिला के प्रधानों से चर्चा के बाद पीएम मोदी की मंडी रैली से पूर्व सीएम के गृह जिले में तमाम पेंशनर डेरा डाल देंगे. यह कर्मचारी पेंशन की बहाली को लेकर सीएम जयराम ठाकुर के जिले से ही आगामी रणनीति तैयार करेंगे.

उन्होंने कहा कि साल 2004 में कांग्रेस सरकार ने इस पेंशन को बंद किया था और उसके बाद भाजपा ने सत्ता में आने से पूर्व इस पेंशन को बहाल करने के लिए अपने घोषणापत्र में वादा किया था. अब लगातार सरकार इस मामले में टाल मटोल कर रही है, जिसे बर्दाशत नहीं किया जाएगा. अध्यक्ष का कहना है कि छह हजार से अधिक सेवानिवृत कर्मचारियों को जीवन निर्वाह करना मुश्किल हो गया है. प्रदेश सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द इस मसले पर अपना रुख स्पष्ट करें. भाजपा सरकार यदि मिशन रिपीट चाहती है तो कर्मचारियों का एरियर जारी करे नहीं तो भाजपा की सत्ता वापसी का रास्ता बंद होगा.

ये भी पढ़ें: कल द्रंग व जोगिंदर नगर विस क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे प्रदेश के मुखिया, जानें पूरा शेड्यूल

हमीरपुर: पीएम मोदी की मंडी रैली से पहले पेंशन की बहाली के लिए कॉर्पोरेट सेक्टर के सेवानिवृत कर्मचारी (Himachal Corporate Sector Retired Employees) सीएम गृह जिला में पहुंच कर आंदोलन का ऐलान करेंगे. एक सप्ताह के भीतर ही हिमाचल कॉर्पोरेट सेक्टर सेवानिवृत कर्मचारी समन्वय समिति से जुड़े पदाधिकारी भाजपा के पदों से त्याग पत्र देंगे. समिति की रविवार को प्रदेशस्तरीय बैठक में हमीरपुर में यह अहम निर्णय लिए गए हैं. समिति के पदाधिकारियों का दावा है कि इस वर्ग के कुल 6000 से अधिक कर्मचारियों में से 50% भाजपा से सीधे तौर पर जुड़े हैं जो कि या तो पार्टी के पदाधिकारी हैं या फिर विभिन्न स्तर की कार्यकारिणी में सदस्य हैं.

हमीरपुर में रविवार को हुई इस बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष देवी लाल ठाकुर ने की. उन्होंने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पेंशन को लेकर सरकार लगातार मांग को अनसुना कर रही है. केंद्र सरकार और केंद्रीय नेताओं को इस बावत पत्र लिखे गए है. किसी भी मंच पर सुनवाई न होने पर ही यह निर्णय लिया गया है कि इस वर्ग के जो कर्मचारी भाजपा में पदाधिकारी अथवा सदस्य हैं वह पार्टी की जिम्मेवारियों से अपना इस्तीफा देंगे. इन पेंशनरों का स्पष्ट कहना है कि दो से तीन दशक तक सरकार की सेवा करने के बाद उन्हें अपने ही फंड से सामाजिक सुरक्षा पेंशन से भी कम पेंशन प्राप्त हो रही है.

पेंशनरों को महज 1500 से 2000 रूपये मासिक पेंशन मिल रही है जोकि बुढ़ापा पेंशन से भी कम है. सीएम जयराम ठाकुर और भाजपा संगठन के नेताओं से चर्चा के बाद इस मांग के पूरा होने की उम्मीद थी. लेकिन पेंशन की संपूर्ण बहाली के लिए सरकार की तरफ से फिर एक पत्र निगम और बोर्डों को घुमा दिया गया है. जबकि यह सरकार की तरफ नोटिफिकेशन निकाली जानी है. उन्होंने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सभी जिला के प्रधानों से चर्चा के बाद पीएम मोदी की मंडी रैली से पूर्व सीएम के गृह जिले में तमाम पेंशनर डेरा डाल देंगे. यह कर्मचारी पेंशन की बहाली को लेकर सीएम जयराम ठाकुर के जिले से ही आगामी रणनीति तैयार करेंगे.

उन्होंने कहा कि साल 2004 में कांग्रेस सरकार ने इस पेंशन को बंद किया था और उसके बाद भाजपा ने सत्ता में आने से पूर्व इस पेंशन को बहाल करने के लिए अपने घोषणापत्र में वादा किया था. अब लगातार सरकार इस मामले में टाल मटोल कर रही है, जिसे बर्दाशत नहीं किया जाएगा. अध्यक्ष का कहना है कि छह हजार से अधिक सेवानिवृत कर्मचारियों को जीवन निर्वाह करना मुश्किल हो गया है. प्रदेश सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द इस मसले पर अपना रुख स्पष्ट करें. भाजपा सरकार यदि मिशन रिपीट चाहती है तो कर्मचारियों का एरियर जारी करे नहीं तो भाजपा की सत्ता वापसी का रास्ता बंद होगा.

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