ETV Bharat / city

दिव्यांग पिंगला देवी को मदद की दरकार, जयराम सरकार से लगाई गुहार

author img

By

Published : Dec 20, 2021, 2:28 PM IST

Updated : Dec 20, 2021, 10:41 PM IST

घंडालवीं गांव से संबंध रखने वाली दिव्यांग पिंगला देवी को सरकारी मदद की दरकार है. आलम यह है कि यदि महिला बीमार पड़ जाए तो वह अस्पताल तक नहीं पहुंच सकती और वह घर पर भी अकेली ही रहती (handicapped Pingala Devi of hamirpur) हैं. ऐसे में दिव्यांग पिंगला देवी ने सरकार से गुहार लगाई है कि उसके घर के लिए उचित रास्ते का निर्माण किया जाए. व्हीलचेयर और थ्री व्हीलर व्हीकल की व्यवस्था की जाए ताकि वह अपना जीवन सरलता से जी (Pingala Devi appealed government for proper way) सके.

handicapped Pingala Devi
दिव्यांग पिंगला देवी

हमीरपुर: दिव्यांगों को हर सुविधा उनके घर-द्वार पर उपलब्ध करवाने के दावे करने वाली सरकार दिव्यांग पिंगला देवी को चार कदम चलने के लिए उचित व्यवस्था तक नहीं कर पाई है. बिलासपुर जिला के घंडालवीं गांव से संबंधित पिंगला देवी को मदद के रूप में एक व्हीलचेयर तक सरकार की तरफ से नहीं मिल (handicapped Pingala Devi of hamirpur) पाई है. इस दिव्यांग को दिव्यांगता ने इतना हतोत्साहित नहीं किया, जितना सरकार के रवैये ने किया है. महज दिव्यांगता पेंशन देकर इस दिव्यांग महिला को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है.

हैरत तो इस बात की है कि सरकार ने जिस जनमंच को जनता की सहूलियत के लिए चला रखा है, वह जनमंच भी पिंगला देवी के किसी काम नहीं आया. कई बार जनमंच में रास्ते की समस्या रखी, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिले. आलम यह है कि यदि महिला बीमार पड़ जाए तो वह अस्पताल तक नहीं पहुंच सकती. ऐसे में अगर कोई अनहोनी घट जाए तो उसका जिम्मेवार कौन होगा. पिंगला के घर को जाने वाला रास्ता इतना संकरा है कि यह दिव्यांग उस रास्ते पर किसी भी तरह से चल नहीं सकती. सड़क मार्ग तक पहुंचने के लिए करीब 100 से 150 मीटर तक का रास्ता तय करना पड़ता है.

वीडियो.

सबसे बड़ा दुख यह है कि पिंगला अपने घर में अकेली रहती हैं. इनके माता-पिता वर्षों पहले गुजर चुके हैं और परिवार में अब इनके सिवाए और कोई नहीं है. किसी तरह से विकट परिस्थितियों में जीवन काट रही महिला सरकार की नजर-ए-इनायत को तरस रही है. वर्तमान हालात ऐसे हैं कि महिला कुछ दिनों से बीमार चल रही है. इसका पांव घर में ही जल गया, लेकिन दवाई लाने वाला कोई नहीं है. किसी अन्य दिव्यांग ने इस महिला के लिए दवाई तो सड़क तक पहुंचाई, लेकिन वह दिव्यांग भी घर (Pingala Devi needs government help) जाने के काबिल नहीं था.

बाद में गांव के बच्चों ने महिला तक यह दवाई पहुंचाई. पिंगला देवी का कहना है कि महज 14 साल की उम्र में वह अपाहिज हो गई थीं. जब तक माता-पिता की सांसें चली बेटी का पालन पोषण होता रहा. माता-पिता के गुजर जाने के उपरांत अकेले जीवन जी रही पिंगला देवी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. महिला के घर तक रास्ता तो जाता है, लेकिन इस रास्ते पर चलना संभव नहीं है. रास्ता काफी संकरा होने के चलते इसका प्रयोग महिला के लिए घातक सिद्ध हो सकता है.

पिंगला देवी ने सरकार से गुहार लगाई है कि उसके घर के लिए उचित रास्ते का निर्माण किया (Pingala Devi appealed government for proper way) जाए. इसके साथ ही व्हीलचेयर और थ्री व्हीलर व्हीकल की व्यवस्था की जाए, ताकि यह अपना जीवन सरल तरीके से जी सके. वर्तमान हालात ऐसे हैं कि महिला का पांव जला हुआ है, किसी तरह से स्वयं के लिए दो वक्त का खाना बना रही हैं. अब दिव्यांग की सारी उम्मीदें सरकार से लगी हुई हैं.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री आरके सिंह का जन्मदिन, सीएम जयराम ने दी बधाई

हमीरपुर: दिव्यांगों को हर सुविधा उनके घर-द्वार पर उपलब्ध करवाने के दावे करने वाली सरकार दिव्यांग पिंगला देवी को चार कदम चलने के लिए उचित व्यवस्था तक नहीं कर पाई है. बिलासपुर जिला के घंडालवीं गांव से संबंधित पिंगला देवी को मदद के रूप में एक व्हीलचेयर तक सरकार की तरफ से नहीं मिल (handicapped Pingala Devi of hamirpur) पाई है. इस दिव्यांग को दिव्यांगता ने इतना हतोत्साहित नहीं किया, जितना सरकार के रवैये ने किया है. महज दिव्यांगता पेंशन देकर इस दिव्यांग महिला को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है.

हैरत तो इस बात की है कि सरकार ने जिस जनमंच को जनता की सहूलियत के लिए चला रखा है, वह जनमंच भी पिंगला देवी के किसी काम नहीं आया. कई बार जनमंच में रास्ते की समस्या रखी, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिले. आलम यह है कि यदि महिला बीमार पड़ जाए तो वह अस्पताल तक नहीं पहुंच सकती. ऐसे में अगर कोई अनहोनी घट जाए तो उसका जिम्मेवार कौन होगा. पिंगला के घर को जाने वाला रास्ता इतना संकरा है कि यह दिव्यांग उस रास्ते पर किसी भी तरह से चल नहीं सकती. सड़क मार्ग तक पहुंचने के लिए करीब 100 से 150 मीटर तक का रास्ता तय करना पड़ता है.

वीडियो.

सबसे बड़ा दुख यह है कि पिंगला अपने घर में अकेली रहती हैं. इनके माता-पिता वर्षों पहले गुजर चुके हैं और परिवार में अब इनके सिवाए और कोई नहीं है. किसी तरह से विकट परिस्थितियों में जीवन काट रही महिला सरकार की नजर-ए-इनायत को तरस रही है. वर्तमान हालात ऐसे हैं कि महिला कुछ दिनों से बीमार चल रही है. इसका पांव घर में ही जल गया, लेकिन दवाई लाने वाला कोई नहीं है. किसी अन्य दिव्यांग ने इस महिला के लिए दवाई तो सड़क तक पहुंचाई, लेकिन वह दिव्यांग भी घर (Pingala Devi needs government help) जाने के काबिल नहीं था.

बाद में गांव के बच्चों ने महिला तक यह दवाई पहुंचाई. पिंगला देवी का कहना है कि महज 14 साल की उम्र में वह अपाहिज हो गई थीं. जब तक माता-पिता की सांसें चली बेटी का पालन पोषण होता रहा. माता-पिता के गुजर जाने के उपरांत अकेले जीवन जी रही पिंगला देवी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. महिला के घर तक रास्ता तो जाता है, लेकिन इस रास्ते पर चलना संभव नहीं है. रास्ता काफी संकरा होने के चलते इसका प्रयोग महिला के लिए घातक सिद्ध हो सकता है.

पिंगला देवी ने सरकार से गुहार लगाई है कि उसके घर के लिए उचित रास्ते का निर्माण किया (Pingala Devi appealed government for proper way) जाए. इसके साथ ही व्हीलचेयर और थ्री व्हीलर व्हीकल की व्यवस्था की जाए, ताकि यह अपना जीवन सरल तरीके से जी सके. वर्तमान हालात ऐसे हैं कि महिला का पांव जला हुआ है, किसी तरह से स्वयं के लिए दो वक्त का खाना बना रही हैं. अब दिव्यांग की सारी उम्मीदें सरकार से लगी हुई हैं.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री आरके सिंह का जन्मदिन, सीएम जयराम ने दी बधाई

Last Updated : Dec 20, 2021, 10:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.