हमीरपुर: बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों ने राष्ट्रव्यापी धरने (National wide bank strike) के दौरान हमीरपुर के मुख्य बाजार में रैली निकाल कर दो दिवसीय हड़ताल (2 days bank strike) का आगाज किया. रैली से पहले बैंक कर्मचारियों ने पीएनबी के मुख्य कार्यालय के बाहर एकत्र होकर सरकार नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
कर्मचारियों का स्पष्ट कहना है कि बैंकों के निजीकरण से देश बर्बाद हो जाएगा, वहीं, निजीकरण के बाद लोगों का पैसा बैंकों में सुरक्षित नहीं रह पाएगा. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले जिला में सात बैंक यूनियनों (hamirpur bank employee unions) ने यह प्रदर्शन किया है. बैंक यूनियन के पदाधिकारियों का स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तो आगामी दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर होगी.
पंजाब नेशनल बैंक ऑफिसर एसोसिएशन हमीरपुर सर्किल के सर्किल सेक्रेटरी प्रदीप कौंडल ने कहा कि बैंक अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन सरकार इस रीढ़ को समाप्त कर पूंजीपतियों का सहयोग करना चाहती है, जिससे देश बर्बाद होने की कगार पर है. उन्होंने बताया कि बैंकों के निजीकरण से बैंक कर्मियों को ही नुकसान नहीं होगा बल्कि इससे जनता की कमाई भी बैंकों में सुरक्षित नहीं रहेगी.
उन्होंने बताया कि संसद के चालू सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक पेश किया जा रहा है ताकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण किया जा सके. पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के तहत बैंकों की नौ यूनियन आती हैं. केंद्र सरकार द्वारा संसद में बैंकों के निजीकरण के बारे में पेश होने वाले बिल का विरोध करने के लिए बैंक कर्मी यह हड़ताल कर रहे हैं.