हमीरपुर: जमीन तो दूर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के सपने को प्रदेश की जयराम सरकार चार वर्ष में कागज पर भी नहीं उकेर पाई है. शिलान्यास के दस वर्ष बाद भी हमीरपुर में नए बस स्टैंड के जिलावासियों के ख्वाब अधूरे (HAMIRPUR NEW BUS STAND CONSTRUCTION) हैं. साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ ही जिले के लाखों लोगों ने हमीरपुर जिला मुख्यालय में नए बस स्टैंड का सपना संजोया था जो आज तक हकीकत नहीं बन पाया है. एक दशक बाद अब इस सपने को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार ने योजना को पूरी तरह से बदल दिया है.
बदली हुई यह योजना क्या वर्तमान सरकार के चुनावी साल में धरातल पर उतर पाएगी यह भी अपने-अपने बड़ा सवाल है? अब इस बस स्टैंड का निर्माण पीपीपी मोड पर नहीं बल्कि प्रदेश सरकार खुद करेगी. एक दशक बाद अब सरकार ने हमीरपुर में नए बस स्टैंड के निर्माण की योजना को पूरी तरह से बदल दिया (Prem Kumar Dhumal Dream Project) है. अब नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए फिलहाल ड्रॉइंग तैयार की जा रही है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि धूमल के सपने को जयराम सरकार जमीन तो दूर अभी कागजों पर भी सही ढंग से उकेर नहीं पाई.
2017 में सरकार बदलने पर भी नहीं बदले हमीरपुर के हालात: सितंबर 2011 में तत्कालीन सीएम प्रेम कुमार धूमल ने जिला मुख्यालय से सटे कृष्णा नगर में बाईपास पर नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए शिलान्यास किया था. साल 2012 में कांग्रेस प्रदेश में सत्ता में आई और यह कार्य ठंडे बस्ते में ही रहा. साल 2017 में भाजपा सरकार सत्ता में तो आई लेकिन प्रेम कुमार धूमल की बजाय जयराम ठाकुर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
धूमल सुजानपुर से चुनाव हार गए और भाजपा ने जयराम ठाकुर को प्रदेश की कमान (CONGRESS AND BJP ATTACKS EACH OTHER) सौंपी. सरकार तो बदल गई लेकिन हमीरपुर के लिए हालात नहीं बदले. कांग्रेस के बाद भाजपा को सत्ता में आए चार साल बीत चुके हैं और अब चुनावी साल में सरकार ने बस स्टैंड के निर्माण की योजना को ही पूरी तरह से बदल दिया है.
बस स्टैंड बनाने को लेकर सालों से आमने-सामने भाजपा-कांग्रेस: दरअसल पहले बस स्टैंड को पीपीपी मोड पर बनाए जाने की योजना तत्कालीन धूमल सरकार ने बनाई थी. इस योजना पर ही दस साल तक पहले कांग्रेस और बाद में भाजपा सरकार माथापच्ची करती रही. सरकार और अधिकारियों का तर्क है कि पीपीपी मोड पर बस स्टैंड के निर्माण के लिए कोई फर्म तैयार ही नहीं हुई.
यह तो सरकारी तर्क है कि कोई फर्म तैयार नहीं हुई लेकिन कोई फर्म तैयार क्यों नहीं हुई इसका जबाव किसी के पास नहीं है. आखिरकार इन सवालों के जबाव की बजाय सरकार ने अब योजना ही बदल दी (hamirpur new busstand project) है. चुनावी साल में अब वर्तमान सरकार को ठीक उस तरह से बस स्टैंड की याद आई है जैसे पूर्व में भाजपा और कांग्र्रेस को अकसर चुनावों में दौर में आती रही है.
अब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को निर्माण का जिम्मा: बस स्टैंड मैनेजमेंट अथॉरिटीने हमीरपुर में नए बस स्टैंड के निर्माण का कार्य हिमाचल प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को दिया है. अब सरकारी कॉरपोरेशन बस स्टैंड निर्माण के लिए ड्राइंग स्टेज पर कार्य कर रही है. ऐसे में भाजपा सरकार में यह कार्य कहां तक पहुंच पाएगा इसको लेकर भी संशय बरकरार है. वर्तमान सरकार में नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए जमीन पर कार्य शुरू हो पाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
धूमल सरकार में खर्च हुए थे लाखो रुपये, अब बजट का अता पता नहीं: तत्कालीन धूमल सरकार में नए बस स्टैंड के शिलान्यास के वक्त जमीन को समतल करने के लिए लाखों रुपये खर्च हुए थे. शिलान्यास के लिए जमीन को समतल करने का कार्य तो कर लिया गया और लाखों रुपए पर खर्च भी हुए. समतल भूमि पर अब निर्माण के लिए एक भी इंट नहीं लग पाई (BJP on hamirpur new busstand project) है. जहां पर जमीन को समतल किया गया वह जगह एचआरटीसी की बसों के लिए पार्किंग बन गई लेकिन एक दशक बाद अब बस स्टैंड के निर्माण के लिए कितना बजट आवंटित हुआ है इसका कोई अता पता नहीं है. अधिकारियों का तर्क है कि अब बस स्टैंड की ड्राइंग तैयार होने के बाद इसके बजट का निर्धारण होगा.
क्या कहते हैं अधिकारी: एचआरटीसी डिपो हमीरपुर के डीडीएम विवेक लखनपाल ने कहा कि बस स्टैंड मैनेजमेंट अथॉरिटी ने नए बस स्टैंड के निर्माण का कार्य हिमाचल प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को दिया (DDM Hamirpur on new busstand project) है. अभी तक यह कार्य शुरूआती चरण में है. निगम के पास कोई आंकड़ा नहीं है कि इसके लिए कितना बजट मिला था और कितना अनुमानित लागत आएगी.
इसकी ड्राइंग तैयार होने के बाद इसका बजट निर्धारित होगा. दस साल पहले जब शिलान्यास हुआ तो पीपीपी मोड पर निर्माण करने का निर्णय लिया गया था. पीपीपी मोड पर बजट निर्धारित नहीं होता है. संबंधित कार्य करने वाली फर्म इसका निर्माण करने के लिए सरकार के लिए अनुबंध साइन करती है. फिलहाल सरकार अब इसे खुद बना रही है. फिलहाल 72 कनाल के एरिया में बनने वाले बस स्टैंड की ड्राइंग तैयार की जा रही है.
कांग्रेस ने कहा जयराम सरकार में नहीं हो रही धूमल की सुनवाई: जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र जार ने कहा (Rajender Jar on new bus stand project) कि प्रदेश की जयराम सरकार हमीरपुर की अनदेखी कर रही है. भाजपा नेताओं की आपसी कलह के कारण बस स्टैंड हमीरपुर के निर्माण के नाम पर एक ईंट तक नहीं लग पाई. तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने नए बस स्टैंड का शिलान्यास किया था. ऐसे में भाजपा सरकार में उनका दायित्व था कि वह इसका निर्माण करवाते. उन्होंने कहा कि जयराम सरकार में धूमल की सुनवाई नहीं हो रही है. यही वजह की हमीरपुर की अनदेखी हो रही है.
भाजपा का तर्क कांग्रेस सरकार जवाब दें उनके समय में क्यों ठंडे बस्ते में रहा प्रोजेक्ट: भाजपा हमीरपुर के अध्यक्ष बलदेव शर्मा का कहना है कि वर्तमान भाजपा सरकार हमीरपुर में विकास कार्यों के लिए प्रयासरत है. हाल ही सीएम जयराम ठाकुर ने जिले का दौरा कर करोड़ों की सौगात जिलावासियों को दी है. जल्द ही नए बस स्टैंड का निर्माण भी होगा. जब कांग्रेस सत्ता में थी तो इस प्रोजेक्ट को क्यों ठंडे बस्ते में डाला गया इसका जबाव कांग्रेस नेताओं को देना चाहिए.
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