हमीरपुर: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में अगर भाजपा के घोषित मुख्यमंत्री प्रत्याशी के हार के कारणों की जांच हो सकती है तो मेरी हार के कारणों की भी जांच होनी चाहिए. यह बात पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने मीडिया से पूछे एक सवाल के जबाव में कही. ये बयान देकर धूमल ने हार के बावजूद उत्तराखंड में धामी को सीएम बनाने और साल 2017 में हार के बावजूद उनकी अनदेखी के दोहरे मापदंड पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand CM Dhami) की हार के जांच की चर्चाओं के बीच पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है. हमीरपुर में मंगलवार को मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए धूमल ने सवाल के जवाब में इसे हाईकमान का दायित्व करार देते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को सवालों में ला दिया है. दरअसल उत्तराखंड में सीएम का चेहरा रहे पुष्कर सिंह धामी विधानसभा चुनाव हार गए, उनकी हार की वजह पार्टी में भीतरघात बताई जा रही है. खबर है कि पार्टी की तरफ से धामी के हार के कारणों का पता लगाया जा रहा है.
साल 2017 में सुजानपुर में हुए बड़े सियासी उलटफेर की चर्चा जोर पकड़ने लगी है. हिमाचल में चुनावी साल है और पिछले चुनावों में भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा रहे धूमल के हार के कारणों पर चर्चा छिड़ गई है. उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा चुनावों में हार के कारणों के जांच की चर्चा सामने आने के बाद हिमाचल में भी इसकी सुगबुगाहट शुरू हो गई है. खुद पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इसको लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है. धूमल ने कहा है कि पार्टी को यदि लगता है कि जांच होनी चाहिए तो यह जरूरी है.
धूमल ने कहा कि अगर उत्तराखंड में जांच हो सकती है तो हिमाचल में भी हो सकती है. अगर वहां के हार के कारण पता लग सकते हैं तो फिर यहां भी कारण पता चल सकते हैं. धूमल ने कहा कि यह सभी निर्णय हाईकमान लेता है, कार्यकर्ता इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं. सीधे शब्दों में ना सही, लेकिन इशारों-इशारों में धूमल ने इसे हाईकमान का दायित्व करार देते हुए अलग-अलग निर्णय की केंद्रीय नेतृत्व की परिपाटी को सवालों में जरूर ला दिया है.
उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को हार के बावजूद सीएम बनाए जाने के सवाल पर धूमल ने कहा कि यह विषय ही केंद्र का है. वह एक कार्यकर्ता हैं और पार्टी के निर्देशों के मुताबिक उन्होंने कार्य किया है. पार्टी ने विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव और उपचुनाव तक की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिनको मैंने निभाया है. उत्तराखंड और हिमाचल में हार के बावजूद सीएम पद के अलग-अलग फैसले के सवाल पर धूमल ने कहा कि किस विषय का उत्तर उनके पास नहीं है इस सवाल का जवाब केंद्रीय नेतृत्व ही दे सकता है. लेकिन अगर उत्तराखंड में धामी के हार के कारणों की जांच हो सकती है तो हिमाचल में भी उनके हार की वजह तलाशी जा सकती है.
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