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पूर्व सैनिकों को भूली सरकार! 4588 बच्चों की पढ़ाई...768 बेटियों को शादी के लिए नहीं मिली धनराशि - पूर्व सैनिकों को भूली सरकार!

पूर्व सैनिकों के 4588 बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि का अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है. मामले पर पूर्व सैनिक विभाग ने फंड की कमी का हवाला दिया है.

financial assistance for the education of 4588 children of ex soldiers not found
केंद्रीय सैनिक बोर्ड
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Published : Jan 21, 2020, 11:12 AM IST

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में पूर्व सैनिकों के 4588 बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि का अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है. केंद्रीय सैनिक बोर्ड की तरफ से पूर्व सैनिकों के बच्चों को पढ़ाई के लिए हर माह एक हजार रुपये के हिसाब से एकमुश्त 12 हजार रुपये आर्थिक सहायता दी जाती है.

जानकारी के अनुसार केंद्रीय सैनिक बोर्ड 27 अक्टूबर 2017 के बाद आवेदन करने वालों को करीब सवा दो साल बाद भी इस राशि की अदायगी नहीं कर पाया है. बोर्ड ने वर्ष 2018-19 के 2400 और 2019-20 के 2188 बच्चों को पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता नहीं दी है. मामले पर पूर्व सैनिक विभाग ने फंड की कमी का हवाला दिया है.

इसके अलावा बेटियों की शादी के लिए मिलने वाली 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी 768 लाभार्थियों की लटकी है. 19 मई 2018 के बाद आवेदन करने वालों को यह राशि नहीं मिल पाई है. वर्ष 2018-19 के 438 और वर्ष 2019-20 के अभी तक 330 लाभार्थी वंचित हैं. पेन्यूरी ग्रांट 19 जून 2018 के बाद लाभार्थियों को नहीं मिली है. इसके तहत वर्ष 2018-19 के 79 और 2019-20 के अभी तक 12 लाभार्थी आर्थिक सहायता से वंचित हैं.

वीडियो

बता दें कि इस बारे में कुछ पात्र पूर्व सैनिक व आश्रित जनमंच कार्यक्रम में भी शिकायत कर चुके हैं. निदेशक सैनिक कल्याण विभाग एवं उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है. केंद्रीय सैनिक बोर्ड से ही समस्या का समाधान होगा.

ये भी पढ़ें: गीता देवी की मौत पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने जताया दुख, सीएम को भेजा ज्ञापन

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में पूर्व सैनिकों के 4588 बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि का अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है. केंद्रीय सैनिक बोर्ड की तरफ से पूर्व सैनिकों के बच्चों को पढ़ाई के लिए हर माह एक हजार रुपये के हिसाब से एकमुश्त 12 हजार रुपये आर्थिक सहायता दी जाती है.

जानकारी के अनुसार केंद्रीय सैनिक बोर्ड 27 अक्टूबर 2017 के बाद आवेदन करने वालों को करीब सवा दो साल बाद भी इस राशि की अदायगी नहीं कर पाया है. बोर्ड ने वर्ष 2018-19 के 2400 और 2019-20 के 2188 बच्चों को पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता नहीं दी है. मामले पर पूर्व सैनिक विभाग ने फंड की कमी का हवाला दिया है.

इसके अलावा बेटियों की शादी के लिए मिलने वाली 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी 768 लाभार्थियों की लटकी है. 19 मई 2018 के बाद आवेदन करने वालों को यह राशि नहीं मिल पाई है. वर्ष 2018-19 के 438 और वर्ष 2019-20 के अभी तक 330 लाभार्थी वंचित हैं. पेन्यूरी ग्रांट 19 जून 2018 के बाद लाभार्थियों को नहीं मिली है. इसके तहत वर्ष 2018-19 के 79 और 2019-20 के अभी तक 12 लाभार्थी आर्थिक सहायता से वंचित हैं.

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बता दें कि इस बारे में कुछ पात्र पूर्व सैनिक व आश्रित जनमंच कार्यक्रम में भी शिकायत कर चुके हैं. निदेशक सैनिक कल्याण विभाग एवं उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है. केंद्रीय सैनिक बोर्ड से ही समस्या का समाधान होगा.

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Intro:हिमाचल प्रदेश में पूर्व सैनिकों के 4588 बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता की 2 साल बाद भी अदायगी नहीं
हमीरपुर।
हिमाचल प्रदेश में पूर्व सैनिकों के 4588 बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता लटक गई है। केंद्रीय सैनिक बोर्ड की तरफ से पूर्व सैनिकों के बच्चों को पढ़ाई के लिए हर माह एक हजार रुपये के हिसाब से एकमुश्त साल बाद 12 हजार रुपये आर्थिक सहायता दी जाती है। केंद्रीय सैनिक बोर्ड 27 अक्तूबर 2017 के बाद आवेदन करने वालों को करीब सवा दो साल बाद भी इस राशि की अदायगी नहीं कर पाया है।
बोर्ड ने वर्ष 2018-19 के 2400 और 2019-20 के 2188 बच्चों को पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता नहीं दी है। इसके लिए अगर पूर्व सैनिक विभाग से संपर्क कर रहे हैं तो उन्हें फंड की कमी होने का जवाब मिल रहा है। 



Body:निदेशक सैनिक कल्याण विभाग एवं उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है। केंद्रीय सैनिक बोर्ड से ही समस्या का समाधान होगा।   


Conclusion:इसके अलावा बेटियों की शादी के लिए मिलने वाली 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी सूबे में 768 लाभार्थियों की लटकी है। इसके तहत 19 मई 2018 के बाद आवेदन करने वालों को यह राशि नहीं मिल पाई है। वर्ष 2018-19 के 438 और वर्ष 2019-20 के अभी तक 330 लाभार्थी वंचित हैं। पेन्यूरी ग्रांट 19 जून 2018 के बाद लाभार्थियों को नहीं मिली है।
इसके तहत वर्ष 2018-19 के 79 और 2019-20 के अभी तक 12 लाभार्थी आर्थिक सहायता से वंचित हैं। बता दें कि इस बारे में कुछ पात्र पूर्व सैनिक व आश्रित जनमंच कार्यक्रम में भी शिकायत कर चुके हैं।
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