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HAMIRPUR: हिमाचल कांग्रेस में बदलाव की सुगबुगाहट पर अनीता वर्मा का बड़ा बयान

पड़ोसी राज्य पंजाब में मिली हार से पार्टी को हिमाचल में सबक लेना (Anita Verma on 5 states election) चाहिए. हार से घबराना नहीं है बल्कि, पार्टी को मजबूत कर उप-चुनावों की तरह ही विधानसभा चुनावों की तैयारी की जानी (Anita Verma on himachal elections) चाहिए. यह बात महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष अनीता वर्मा ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान कही.

Anita Verma on himachal elections
अनीता वर्मा की ईटीवी भारत से बातचीत.
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Published : Mar 12, 2022, 4:38 PM IST

हमीरपुर: पड़ोसी राज्य पंजाब में मिली हार से पार्टी को हिमाचल में सबक लेना चाहिए. हार से घबराना नहीं है बल्कि, पार्टी को मजबूत कर उप-चुनावों की तरह ही विधानसभा चुनावों की तैयारी की जानी चाहिए. महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष अनीता वर्मा ने देश के 5 राज्यों में कांग्रेस पार्टी को मिली हार पर यह बयान दिया (Vice President of HP Congress Committee) है. पंजाब में पार्टी की हार की वजह बड़े नेताओं में तालमेल की कमी को बताया है.

ईटीवी भारत के संवाददाता से बातचीत में उन्होंने पांच राज्यों के चुनावी नतीजों और हिमाचल में विधानसभा चुनावों की हलचल को लेकर किए गए सवालों का बेबाकी से जवाब (Anita Verma on 5 states election) दिया. उन्होंने कहा कि पंजाब में बड़े पदों पर बैठे नेता आपस में समन्वय नहीं बना पाए. पड़ोसी राज्य हिमाचल में पंजाब को लेकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कांग्रेस पार्टी यहां सरकार बनाएगी. यहां पर अपनी लिमिट से बाहर जाकर नेताओं ने हालात को खराब कर दिया.

अनीता वर्मा की ईटीवी भारत से बातचीत.

कांग्रेस के लिए आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा एक चुनौती को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की है और विधानसभा चुनावों में भी पार्टी बेहतर प्रदर्शन (Anita Verma on himachal elections) करेगी. प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कोरोना महामारी का बहाना लगाते हैं. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हमीरपुर जिले के दौरे को लेकर कहा कि सीएम हमीरपुर जिले से कुछ डर गए थे और मंडी में ही सीमित हो गए थे. वह मंडी को मजबूत करना चाह रहे थे, लेकिन उपचुनावों में मंडी में भाजपा की मजबूती जग जाहिर हुई. खुशी है कि अब मुख्यमंत्री मंडी से बाहर निकलना शुरू करने लगे हैं.

कांग्रेस संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट को लेकर भी उन्होंने स्पष्ट कहा है कि प्रदेश में आचार संहिता लगने में महज 4 से 5 महीने बचे हैं. ऐसे में अगर कोई नया व्यक्ति संगठन की कमान संभालेगा, तो वह इतने कम समय में कितना कर पाएंगे, इस पर संदेह है. बहरहाल, जो भी लोग इस पद पर आना चाह रहे हैं, वह यदि मिलकर एकजुट होकर लड़ते हैं, तो निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी प्रदेश में सरकार बनाएगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में AAP ने किया चुनाव लड़ने का ऐलान, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बोले- कांग्रेस नहीं बीजेपी से होगा मुकाबला

हमीरपुर: पड़ोसी राज्य पंजाब में मिली हार से पार्टी को हिमाचल में सबक लेना चाहिए. हार से घबराना नहीं है बल्कि, पार्टी को मजबूत कर उप-चुनावों की तरह ही विधानसभा चुनावों की तैयारी की जानी चाहिए. महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष अनीता वर्मा ने देश के 5 राज्यों में कांग्रेस पार्टी को मिली हार पर यह बयान दिया (Vice President of HP Congress Committee) है. पंजाब में पार्टी की हार की वजह बड़े नेताओं में तालमेल की कमी को बताया है.

ईटीवी भारत के संवाददाता से बातचीत में उन्होंने पांच राज्यों के चुनावी नतीजों और हिमाचल में विधानसभा चुनावों की हलचल को लेकर किए गए सवालों का बेबाकी से जवाब (Anita Verma on 5 states election) दिया. उन्होंने कहा कि पंजाब में बड़े पदों पर बैठे नेता आपस में समन्वय नहीं बना पाए. पड़ोसी राज्य हिमाचल में पंजाब को लेकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कांग्रेस पार्टी यहां सरकार बनाएगी. यहां पर अपनी लिमिट से बाहर जाकर नेताओं ने हालात को खराब कर दिया.

अनीता वर्मा की ईटीवी भारत से बातचीत.

कांग्रेस के लिए आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा एक चुनौती को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की है और विधानसभा चुनावों में भी पार्टी बेहतर प्रदर्शन (Anita Verma on himachal elections) करेगी. प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कोरोना महामारी का बहाना लगाते हैं. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हमीरपुर जिले के दौरे को लेकर कहा कि सीएम हमीरपुर जिले से कुछ डर गए थे और मंडी में ही सीमित हो गए थे. वह मंडी को मजबूत करना चाह रहे थे, लेकिन उपचुनावों में मंडी में भाजपा की मजबूती जग जाहिर हुई. खुशी है कि अब मुख्यमंत्री मंडी से बाहर निकलना शुरू करने लगे हैं.

कांग्रेस संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट को लेकर भी उन्होंने स्पष्ट कहा है कि प्रदेश में आचार संहिता लगने में महज 4 से 5 महीने बचे हैं. ऐसे में अगर कोई नया व्यक्ति संगठन की कमान संभालेगा, तो वह इतने कम समय में कितना कर पाएंगे, इस पर संदेह है. बहरहाल, जो भी लोग इस पद पर आना चाह रहे हैं, वह यदि मिलकर एकजुट होकर लड़ते हैं, तो निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी प्रदेश में सरकार बनाएगी.

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