हमीरपुर: मंडी से सामने आए शराब कांड (Mandi poisonous liquor case) मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि शराब माफिया ने शराब बनाने में प्रयोग होने वाले इथाइल अल्कोहल को महाराष्ट्र की एक फर्म से मंगवाया था. इतना ही नहीं नकली शराब बनाने में जुटे माफिया के लोगों ने हमीरपुर जिला के ही एक मेडिकल स्टोर के जीएसटी नंबर के माध्यम से इसे मंगवाया था.
वहीं, मेडिकल स्टोर (Hamirpur medical store linked to liquor case) के मालिक को इसकी जरा भी भनक नहीं थी और उनके जीएसटी नंबर पर हजारों लीटर इथाइल अल्कोहल मंगवा लिया गया था. मेडिकल स्टोर के मालिक को इसकी जानकारी तब मिली जब वह जहरीली शराब मामले को लेकर एसआईटी के दायरे में आया. मेडिकल स्टोर के मालिक को जहरीली शराब मामले में जांच कर रही एसआईटी ने सुंदरनगर थाना में तलब किया था और इसके बाद ही साजिश का खुलासा हुआ.
जानकारी के मुताबिक हमीरपुर जिला के रंगस में मेडिकल स्टोर संचालक सरूप चंद ने दावा करते हुए कहा है कि जहरीली शराब मामले एसआईटी (Mandi liquor case SIT) ने उन्हें थाना सुंदरनगर में हाजिर होने की हिदायत दी थी. जब वह थाने में पहुंचे, तब उन्हें पता चला की उनके मेडिकल स्टोर के जीएसटी नंबर पर इथाइल अल्कोहल मंगवाया जाता था. सरूप चंद का दावा है कि उसको इस कार्य की कोई भनक तक नहीं थी.
उन्होंने सुंदरनगर थाना में पुलिस को इस पर अपना बयान दिया है. साथ ही जीएसटी नंबर के दुरुपयोग होने की शिकायत भी दर्ज करवाई है. बता दें कि स्टोर के मालिक ने अब संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी के पास भी शिकायत करते हुए यह मांग की है कि पुलिस और आबकारी एवं कराधान विभाग इस मामले की गहनता से जांच करे. इसके साथ ही उन्होंने सीएम हेल्पलाइन नंबर 1100 पर शिकायत करके न्याय की गुहार भी लगाई है.
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